मुख्यमंत्री ने पंजाब में 10वां टोल प्लाज़ा टोल मुक्त करवाया

सिंघावाला (मोगा)(द स्टैलर न्यूज़)।लोगों को बड़ी राहत देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज गाँव चन्दपुराना के नज़दीक मोगा-कोटकपूरा रोड पर राज्य में 10वां टोल प्लाज़ा बंद करवाया। पंजाब में अब तक 10 टोल प्लाज़े बंद होने से आम लोगों की रोज़मर्रा के 44. 43 लाख रुपए की बचत हो रही है।

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सिंघावाला टोल प्लाज़ा बंद करने के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत करते मुख्यमंत्री ने कहा कि इन 10 टोल प्लाजों से निकलने के मौके पर लोगों को रोज़मर्रा के 44.43 लाख रुपए टोल के तौर पर अदा करने पड़ते थे। उन्होंने कहा कि अब यह टोल बंद होने से लोगों को बहुत बड़ी आर्थिक राहत मिली है। भगवंत मान ने कहा कि मोगा-कोटकपूरा मार्ग पर पड़ते इस सिंघावाला टोल प्लाज़े से निकलने के मौके पर लोगों को रोज़मर्रा के 4.68 लाख रुपए टोल देना पड़ता था जिस कारण टोल बंद होने से लोगों के यह पैसे अब बचेंगे।


मुख्यमंत्री ने दुख ज़ाहिर किया कि वास्तव में यह टोल प्लाज़े आम लोगों को लूटने वाली दुकानें हैं। उन्होंने कहा कि इन टोल प्लाज़ों ने लोगों का आर्थिक शोषण करने के लिए सरकार के साथ हुए समझौतों के नियमों की जी भर कर धज्जियाँ उड़ाई हैं। भगवंत मान ने कहा कि यह बहुत हैरानी वाली बात है कि पिछली सरकारों ने लोगों के हित में टोल प्रबंधकों पर कोई कार्यवाही करने की बजाय उल्टा इनको संरक्षण दिया और लोगों की होती लूट की तरफ जानबुझ कर कोई ध्यान नहीं दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे लोग अपने हितों की रक्षा के लिए सरकारें चुनते हैं परन्तु सत्ता में अंधे हुए राजनीतिज्ञों ने ऐसे डिफलटरों को सिर्फ़ अपने स्वार्थों के लिए ढाल बनाया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने इन टोल प्लाजों की कमियों को नजरअन्दाज किया और आम लोगों की परवाह किये बिना इनको ग़ैर- कानूनी ढंग के साथ पैसा वसूलने की छूट दी। भगवंत मान ने कहा कि अब तक बंद किये गए किसी भी टोल प्लाज़े पर समझौते में व्यवस्था होने के बावजूद एंबुलेंस या रिकवरी वैन की सुविधा नज़र नहीं आई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस टोल प्लाज़ा का समझौता कैप्टन सरकार समय पर 25 सितम्बर, 2006 को हुआ था और साढ़े सोलह सालों के लिए टोल लगाया गया था। उन्होंने कहा कि कंपनी की तरफ से सड़क पर पहली बार कोलतार डालने के काम में 158 दिन की देरी की गई थी जिस कारण कंपनी को 2.48 करोड़ रुपए का जुर्माना किया गया। भगवंत मान ने कहा कि उस मौके की सरकार द्वारा कंपनी से यह जुर्माना कभी भी वसूल नहीं किया गया।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि समझौते के अंतर्गत यह टोल 10 नवंबर, 2019 को बंद किया जा सकता था क्योंकि जब दूसरी बार कोलतार डालने के काम में फिर देरी की गई थी और इस गलती के लिए कंपनी पर 3.89 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया था। उन्होंने कहा कि यह समझौते की सरकार उल्लंघन था क्योंकि यदि जुर्माने की रकम 3.11 करोड़ रुपए से अधिक होती है तो सरकार की तरफ से समझौता ख़त्म किया जा सकता था। भगवंत मान ने कहा कि ऐसा कभी नहीं होता कि सत्ताधारी लोगों ने कंपनी को नियमों का उल्लंघन करने के लिए खुली छूट दी हो।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार ने इन टोल प्लाजों को बंद करने की प्रक्रिया शुरू की थी, जिस अनुसार यह टोल प्लाज़े बंद कर दिए गए हैं। इसके बारे भ्रामक बयान देने के लिए कांग्रेसी नेताओं पर बरसते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेसी नेता लोगों को यह स्पष्ट करें कि उनके कार्यकाल के दौरान इन टोल प्लाजों को बंद क्यों नहीं किया गया था। भगवंत मान ने कहा कि वास्तव में कांग्रेस ने इन टोल प्लाजों की सरप्रस्त थी, जिस कारण उन्होंने कभी भी कसूरवार टोल कंपनियों के विरुद्ध कार्यवाही नहीं की। मुख्यमंत्री ने कहा कि टोल बंद करवाने का उद्देश्य शोहरत कमाना नहीं है बल्कि इसका मनोरथ लोगों को राहत देना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह टोल चलाने वाली कंपनी किसान आंदोलन और कोविड महामारी के बहाने मियाद बढ़ाने की माँग कर रही थी परन्तु उनकी सरकार ने इससे साफ़ इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि कंपनी को 60 दिन पहले नोटिस देना ज़रूरी होता है, जिस कारण उन्होंने कंपनी को नोटिस देकर आज टोल प्लाज़ा बंद कर दिया है। भगवंत मान ने कहा कि यह काम पहले हो जाना चाहिए था परन्तु उनसे पहली सरकार के राजनीतिज्ञों ने लोगों के हितों की रक्षा करने के लिए कोई कदम उठाया बल्कि उन्होंने टोल प्लाज़ा का प्रबंध करने वाली कंपनियों के अधिकारों की रक्षा की।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा कि लोगों से लूटा गया एक-एक पैसा इन कंपनियों से वसूल किया जायेगा और कानूनी रास्ता अपना कर इन कंपनियों से बकाया राशि भी भरवाई जायेगी। उन्होंने कहा कि लोगों को राहत देने के लिए आने वाले दिनों में ऐसे और टोल प्लाज़े बंद करवाए जाएंगे। भगवंत मान ने पंजाब के सर्वांगीण विकास और लोगों की खुशहाली को यकीनी बनाने के लिए राज्य सरकार की दृढ़ वचनबद्धता को दोहराया।

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