जनवरी माह से शुरू होगा इंडिया हाई परटैनशन मैनेजमेंट इनीशिएटिव प्रोग्राम

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। नैशनल प्रोग्राम प्रीवेंशन एंड कंट्रोल आफ कैंसर, डायबटिक, सी.वी.डी. एंड स्ट्रोक (एन.पी.सी.डी.सी.एस.) अधीन पंजाब सरकार की तरफ से होशियारपुर में इंडिया हाईपरटैनशन मैनेजमेंट इनीशिएटिव प्रोग्राम जनवरी 2018 से शुरू किया जा रहा है। जिसका मुख्य उद्देश्य प्राथमिक देखभाल के लिए सब -सैंटर स्तर पर हाई बी.पी. के मरीजों की प्रभावशाली ढंग के साथ पहचान करके इलाज करना और मरीजों की पैरवी करनी। इलाज के लिए मरीजों को के पास के सब सैंटर से हर महीनो की दवा मुफ़्त दी जायेगी।

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इस सम्बन्धित दफ़्तर सिवल सर्जन में एक कारज़शाला का आयोजल सिवल सर्जन डा. रेनूं सूद का नेतृत्व नीचे किया गया। जिस में डा. सतपाल गोजरा डिप्टी मैडीकल कमिशनर कम नोडल अफ़सर ग़ैर संचारित रोग, डा. सुनील रख, डा. गौरव, डा. अमरदीप, सुक्खविन्दर ढिल्लों मास मीडिया अफ़सर, रजिन्दर सिंह, श्रीमती ज्योती समूह सीनियर मैडीकल अफ़सर, पैरा मैडीकल स्टाफ शामिल हुए।

सिवल सर्जन डा. रेनूं सूद ने इस बारे जानकारी देते बताया कि सरकार की तरफ से यह प्रोगराम पंजाब भर में से सब से पहले होशियारपुर में शुरू किया जा रहा है। इस के अंतर्गत 20 साल से अधिक उम्र वर्ग के हाई बीपी के मरीज़ों की पहचान करके उनका इलाज सुनिश्चित करना है। भारत में इस समय 20 करोड़ बालिग़ हाई बी.पी. का शिकार हैं। जिनमें से पंजाब में हाई बीपी के मरीजों की संख्या भारत में तीसरे नंबर पर है। कहा कि हाई बी.पी. साइलेंट किलर्र है जो कि मरीजा को

धीरे धीरे ख़ून की नाडिय़ों में चिकनाई का संचित होना, गुरदों के रोग, दिल के रोग, अधरंग और आँखों की बीमारियाँ आदि का शिकार बना देती है।

डा. सतपाल गोजरा ने बताया कि बीमारी के शुरू होने और इसके लक्षणों का आसानी के साथ पता नहीं चलता परन्तु समय सिर इसके पता चलने और उपचार करन के साथ इसकी रोकथाम संभव है। अपनी जीवन शैली में बदलाव ला कर हम बलड प्रेशर जैसी ओर ग़ैर संचारित बीमारियाँ जैसे सुग्र, दिल का दौरा आदि जैसी बीमारियाँ से बचाव कर सकते हैं। इसके इलाज और कंट्रोल के लिए ज़रूरी है कि वजऩ न बढऩे दिया जाये, खाने में चरबी की मात्रा घटाई जाये, शबजिय़ें और फल ज़्यादा मात्रा में खाओ, तनाव को घटाओ, रोज़मर्रा की कसतर की जाये या हफ्ते में कम से कम 5बार की जाये। नमक और तलों चीजों का सेवन कम किया जाये और तम्बाकू और शराब का सेवन न किया जाए।
डा. सुनील ने कहा कि बहुत से मामलों में देखने में आता है कि हाईपरटैशन के मरीजों को पता ही नहीं होता कि उन को बी.पी. की समस्या है। और कुछ मरीज़ ऐसे होते हैं जो कि अपनी दवा नियमित तौर पर नहीं लेते और न ही अपनी जीवन शैली में ज़्यादा तबदीलियाँ करते हैं। ऐसे मरीजों को ग़ैर संचारित रोग होने का ख़तरा ज़्यादा होता है। इन सभी चीजें को ध्यान में रखते हुए ही सरकार की तरफ से हाईपरटैनशन के लिए यह प्रोगराम बनाया गया है। डा. अमरदीप भेला की तरफ से हाई बी.पी. के की जांच बारे विस्थारपूरण बताया गया। इसके साथ ही कारजशाला दौरान डा. गौरव की तरफ से भी संबोधन किया गया।

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