होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। उदय निधि स्टालिन जो कि तमिलनाडु मुख्यमंत्री के सुपुत्र तथा तमिलनाडु सरकार में मंत्री व वरिष्ठ द्रुमक नेता हैं ने गत दिनों डेंगू, मलेरिया तथा कोरोना आदि बीमारियों के बराबर बताते हुए सनातन धर्म खत्म करने के बारे में जो बयान दिया था उसे से दुनिया भर में हिंदुओं तथा सनातनियों में रोष की लहर दौड़ रही है। सभी का कहना है कि अगर ऐसा किसी और धर्म के बारे में कहा गया होता तो पूरा देश जल गया होता, परंतु संस्कारों की मर्यादा रखते हुए इस मामले में सब और से सनातनी कानूनी कार्रवाई करने के लिए शिकायतें दर्ज करने के आवेदन कर रहे हैं।
सूद ने अपने प्रेस नोट में कहा कि उन्होंने भी सुप्रीम कोर्ट के माननीय मुख्य न्यायाधीश धनन्जय वाई चंद्रचूड़ को पत्र मेल करके प्रार्थना की है कि उदय निधि स्टालिन द्वारा दिए गए सनातन के खिलाफ जहर उगलने वाले बयानों का स्वयं संज्ञान लेकर कार्रवाई की जाए, ताकि आपसी भाईचारा व शांति बनी रहे तथा न्याय ना मिलने की वजह से उपद्रव होने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि पहले भी बहुत सारे ऐसे मामलों में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने स्वयं संज्ञान लेकर सरकारों को सख्त निर्देश दिए हैं, जिससे आपसी भाईचारा सांझ कायम रखी गई। उन्होंने पिछले ऐसे कुछ फैसलों का हवाला भी दिया हैं ।
सूद ने कहा कि किसी भी धर्म की भयंकर बीमारियों से तुलना करना तथा उसे खत्म करने का आवाहन करना एक संगीन आपराधिक मामला है, जिसके नतीजे बहुत ही भयंकर हो सकते हैं तथा पूरे देश में अराजकता का माहौल पैदा हो सकता है। इन सभी दुष्परिणामों से बचने के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट का स्वयं संज्ञान के जरिये हस्तक्षेप जरूरी है। सूद ने कहा कि स्टालिन के इन बयानों से द्रमुक के साथ-साथ आई.एन.डी.आई.ए के गठबंधन के नेताओं का भी हिंदू तथा सनातन धर्म विरोधी चेहरा बेनकाब हो गया है तथा राजनीतिक लाभ के लिए यह गठजोड़ किस निम्न स्तर तक गिर सकता है इसका भी पर्दाफाश हो गया है।