अमृतसर(द स्टैलर न्यूज़)। पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांता चावला ने कहा कि संपूर्ण उत्तर भारत में अमृतसर के लंगूर मेले की चर्चा रहती है। हजारों लोग दूसरे नगरों, महानगरों से भी अमृतसर में इस मेले पर आते हैं, पर अगर यह खबर किसी को नहीं रही तो वह अमृतसर नगर निगम के प्रबंधक हैं। क्या यह नहीं जानते थे कि जो सडक़ों की खुदाई और भूमिगत नालियां डालने का काम है वह विजयदशमी के बाद शुरू किया जाए या कुछ महीने पहले पूरा कर लिया जाए। उससे लोगों को असुविधा, ट्रैफिक जाम और यात्रियों को धूल मिट्टी का सामना करना पड़ रहा है। अमृतसर प्रशासन ने बिल्कुल चिंता नहीं की कि किसी भी प्रकार सेना से तालमेल करके हनुमान मंदिर की पिछली ओर जो सेना की जमीन है वहां यात्रियों के लिए आने जाने का सुचारू प्रबंध किया जाए।
यह ठीक है कि जमीन सेना की है, पर सेना भी तो हमारी है और भारत के त्यौहारों की जानकारी भारत की सेना को भी है। अगर स्वयं सैनिक संपदा अधिकारी इस जमीन की देखभाल करें, गंदगी, कीचड़ और दलदल से इसे मुक्त रखें तभी मंदिर में आने वाले श्रद्धालु आराम से दर्शन कर सकते हैं। वर्षा के दिनों में तो यहां गंदगी और गंदे पानी से बुरी हालत हो जाती है। नगर निगम अमृतसर बार—बार कहने के बावजूद भी अपने स्वास्थ्य अधिकारी से पूरे सफाई प्रबंध नहीं करवा पाया। अब दशहरे में केवल दो दिन रह गए हैं और हजारों लंगूर इस मैदान में रावण को तीर मारने के लिए जाएंगे। अमृतसर प्रशासन क्या यही चाहता है कि हजारों लोग, बच्चे और विजयदशमी का रावण दहन देखने आने वाले लोग गंदगी और दलदल में ही चलें। अभी भी दो दिन शेष हैं। जिला प्रशासन से मेरी यह प्रार्थना है कि सेना के साथ उचित तालमेल करके ऐसा प्रबंध करवाएं कि न अमृतसर की जनता को, न लंगूरों को और न बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को कोई कठिनाई हो। मुख्य सचिव पंजाब श्री अनुराग वर्मा जी की जानकारी के लिए उनसे आग्रह आवश्यक प्रबंध शीघ्र करवाएं।