325 विद्यार्थियों ने नेत्रदान प्रणपत्र भरकर अभियान में युवा वर्ग की भागीदारी को सुनिश्चित किया: संजीव अरोड़ा

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। रोटरी आई बैंक एवं कार्निया ट्रांसप्लांटेशन सोसायटी की तरफ से प्रधान व प्रमुख समाज सेवी संजीव अरोड़ा की अध्यक्षता में हिज एक्सीलेंट कोचिंग सैंटर, होशियारपुर में गत दिवस नेत्रदान जागरुकता सैमिनार का आयोजन किया गया था, जिससे प्रभावित होकर सैंटर के 325 बच्चों ने नेत्रदान करने के लिए प्रण लिया था। उन्होंने अपने दिल की बात डायरैक्टर डा. आशीष सरीन से की। इस पर उन्होंने रोटरी आई बैंक के अध्यक्ष संजीव अरोड़ा व चेयरमैन जे.बी बहल से संपर्क किया। बच्चों की इच्छा को पूरा करने हेतु आई बैंक द्वारा मानवता मंदिर में नेत्रदान प्रण पत्र भरने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर मुख्यातिथि के रुप में पंडित रघुनंदन शर्मा भृगुशास्त्री व उनकी धर्मपत्नी एडवोकेट निरुपमा शर्मा उपस्थित हुए। इस अवसर पर प्रधान संजीव अरोड़ा ने बच्चों को नेत्रदान संबंधी विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि सोसायटी की ओर से अब तक 4000 से अधिक कार्निया ब्लांइडनेंस लोगों को रोशनी प्रदान की जा चुकी है तथा यह क्रम नेत्रदानयिों के बहुमूल्य सहयोग से निरंतर जारी है।

Advertisements

संजीव अरोड़ा ने बताया कि पिछले दिनों एम्स दिल्ली से जब उन्हें एक सूची प्राप्त हुई, जिसमें 6 माह से लेकर 8 साल तक के कार्निया ब्लाइंडनैस बच्चों के नाम शामिल थे तो सोसायटी के समस्त सदस्यों को इस मुहिम में और तेजी लाने का संकल्प लिया गया था, क्योंकि अगर हमारा भविष्य ही इस प्रकार अंधकारमयी जीवन जीयेगा तो देश का भविष्य कैसे सुरक्षित रह सकता है। उन्होंने कहा कि जीवन और मृत्यु परमात्मा के हाथ में है और हमें जीतेजी एवं जीने के बाद कुछ ऐसा कर जाना चाहिए, जो मानवता के लिए एक मिसाल हो। श्री अरोड़ा ने कहा कि उन्हें खुशी है कि इस मुहिम के साथ जुडक़र युवा इस अभियान को घर-घर पहुंचाने में अहम भूमिका अदा करेंगे। उन्होंने बच्चों एवं सैंटर डायरैक्टर के प्रयासों की सराहना करते हुए इसे मानव सेवा के पथ पर मील का पत्थर बताया।

समारोह को संबोधित करते हुए पंडित रघुनंदन शर्मा भृगुशास्त्री व उनकी धर्मपत्नी एडवोकेट निरुपमा शर्मा ने कहा कि जो लोग धर्म और मानव सेवा कार्य करते हैं उन पर भगवान की असीम कृपा रहती है तथा प्रभु उन्हें और भी लग्न एवं निष्ठा से कार्य करने का बल प्रदान करते हैं। उन्होंने हिज एक्सिलैंट कोचिंग सैंटर के डायरैक्टर डा. आशीष सरीन व उनके विद्यार्थियों के साथ-साथ नेत्रदान मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए रोटरी आई बैंक की समस्त टीम को बधाई देते हुए इस नेक कार्य के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने कहा कि नेत्रदान एवं शरीरदान मरणोपरांत किए जाने वाले दान हैं तथा इस मुहिम के साथ जुडक़र हमें संसार से जाने के बाद भी मानव सेवा की उदाहरण जरुर पेश करनी चाहिए। रघुनंदन शास्त्री ने रोटरी आई बैंक को हर संभव सहयोग का आश्वासन देते हुए भविष्य में किए जाने वाले प्रकल्पों संबंधी उन्हें जानकारी देने की बात कही ताकि वह भी इस मुहिम का हिस्सा बन सकें। उन्होंने रोटरी आई बैंक को 21 हजार रुपये की सहयोग राशि भी भेंट की।

इस अवसर पर चेयरमैन जेबी बहल व सैंटर डायरैक्टर डा. आशीष सरीन ने कहा कि हमें जीतेजी रक्तदान और मरणोपरांत नेत्रदान को जीवन का लक्ष्य बनाकर चलना चाहिए, क्योंकि यही मानवता की सच्ची सेवा है, जिसका व्याख्यान हमें शास्त्रों में भी मिलता है। उन्होंने कहा कि उन्हें बेहद खुशी है कि बच्चों ने अपने विवेक और अभिभावकों का सहमति से सेवा कार्य में योगदान डाला है, जोकि अन्य लोगों के लिए सदैव प्रेरणास्रोत का काम करेगा। इस दौरान उन्होंने सोसायटी द्वारा किए जाने वाले कार्यों की विस्तृत जानकारी दी और शरीरदान संबंधी भी बताया। श्री बहल ने बताया कि सोसायटी के प्रयासों से अब तक 23 लोग मरणोपरांत मैडीकल रिसर्च के लिए शरीरदान कर चुके हैं और इसके लिए सोसायटी सदैव उनकी आभारी रहेगी। जो भी शरीरदान करने का इच्छुक हो, उसके लिए सरकार द्वारा तय कुछ औपचारिकताएं हैं, उन्हें पूरा करना पड़ता है।

जिसके लिए परिवार के दो सदस्यों की गवाही, 2 फोटो, डेकलारेशन फार्म नोटरी द्वारा प्रमाणित आदि देना होता है। इस प्रक्रिया को पूरा करके आप मरणोपरांत शरीरदान जैसे महापुण्य से भी जुड़ सकते हैं। इस दौरान सोसायटी की तरफ से नेत्रदान प्रणपत्र भरने वाले बच्चों को प्रमाणपत्र भेंट करके उनका धन्यवाद किया गया। समारोह दौरान मंच का संचालन प्रिं. डीके शर्मा ने बहुत ही प्रभावशाली ढंग से किया। इस मौके पर प्रो. दलजीत सिंह, मदन लाल महाजन, प्रिं. डीके शर्मा, वीना चोपड़ा, प्रो. जसवंत सिंह (रिटायर्ड), रमिंदर सिंह,  तरुन सरीन, अमित नागपाल, सुरिंदर दीवान, प्रिं. तरसेम शर्मा (मानवता मंदिर स्कूल) सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here