साल 2023 के दौरान भ्रष्टाचार के 251 मामलों में विजीलैंस द्वारा 288 कर्मचारी गिरफ़्तार

चंडीगढ़, (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने राज्य में भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए अपनी कोशिशों को लगातार जारी रखते हुए साल 2023 के दौरान 26 दिसंबर तक दर्ज किए गए कुल 251 ट्रैप मामलों, आपराधिक मामलों और आमदन से अधिक जायदाद के मामलों में 288 सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों और निजी व्यक्तियों को गिरफ़्तार किया है। बताने योग्य है कि उक्त मामलों में शामिल व्यक्तियों में से 66 पुलिस कर्मचारियों और 44 राजस्व अधिकारियों/कर्मचारियों को गिरफ़्तार किया गया है। इसके अलावा इन मामलों में 7 राजनीतिक नेताओं और 70 सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों के खि़लाफ़ केस दर्ज किया गया है। इसके साथ ही इस समय-सीमा के दौरान 133 अलग-अलग ट्रैप मामलों में 59,57,000 रुपए की रकम बरामद की गई है।  

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इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए विजीलैंस ब्यूरो के सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि ब्यूरो ने रिश्वत मांगने वालों पर नकेल कसने और लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए एक बहु-समर्थकीय पहुँच अपनाई है। उन्होंने बताया कि इस साल के दौरान विजीलैंस ब्यूरो के सभी अधिकारियों/कर्मचारियों ने अथक मेहनत, इमानदारी और निष्ठा से अपनी ड्यूटी करते हुए हरेक सैक्टर में सरकारी कर्मचारियों और अन्यों में भ्रष्टाचार और भ्रष्ट गतिविधियों के ख़ात्मे के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की दृढ़ वचनबद्धता पर डट कर पहरा दिया।  

विजीलैंस ब्यूरो की कारगुज़ारी के बारे में अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि राज्य में भ्रष्टाचार के विरुद्ध चल रही मुहिम के दौरान ब्यूरो ने 103 आपराधिक और 15 आमदन से अधिक जायदाद केस दर्ज किये हैं। इस समय-सीमा के अंदर विशेष अदालतों ने विजीलैंस ब्यूरो द्वारा दायर किए गए 33 मामलों का फ़ैसला किया है, जिसके नतीजे के तौर पर 43 कर्मचारियों को दोषी ठहराया गया और सजा सुनाई गई है। विजीलैंस ने इस समय के दौरान अलग-अलग अदालतों में 181 मामलों में चालान पेश किये हैं। इसके अलावा भ्रष्टाचार से सम्बन्धित मामलों की गहराई से जांच करने के लिए 82 विजीलैंस एनक्वायरीज़ चलाई गई हैं।  

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा 23-03-2022 से मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाईन की शुरुआत से लेकर अब तक की उपलब्धियों के बारे में बात करते हुए प्रवक्ता ने बताया कि ब्यूरो को 26-12-2023 तक ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग्स समेत 11,074 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इनमें से 5740 शिकायतें सम्बन्धित विभागों को भेज दी गईं और 630 शिकायतें अलग-अलग विजीलैंस रेंजों को भेजी गईं, जिससे इनकी पड़ताल करके बनती कार्यवाही की जा सके। विजीलैंस रेंजों द्वारा गहराई से जांच करने के बाद, अब तक दर्ज की 124 एफआईआरज़ में 151 मुलजिमों को गिरफ़्तार किया गया और ज़मानतें दी गई हैं।  

अलग-अलग ट्रैप मामलों के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए प्रवक्ता ने अलग-अलग विजीलैंस रेंजों द्वारा दर्ज किए गए कुछ ख़ास मामलों के बारे में बताया कि साल 2023 के दौरान वी.बी. रेंज बठिंडा द्वारा बलजीत सिंह बराड़, डी.एस.पी, मोड़ मंडी, जि़ला बठिंडा को 30,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए, अमित रतन, विधायक, बठिंडा ग्रामीण को 4,00,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए, आर.के. गुप्ता, सुपरीटेंडैंट इंजीनियर, जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग, मोहाली को 1,00,000 रुपए रिश्वत लेते हुए काबू किया गया। इसी तरह विजीलैंस रेंज जालंधर द्वारा सरताज सिंह रंधावा कार्यकारी इंजीनियर माइनिंग, जि़ला होशियारपुर और हरजिन्दर सिंह एस.डी.ओ, माइनिंग, दसूहा जि़ला होशियारपुर को 5,00,000 रुपए रिश्वत की लेते हुए और सरबजीत सिंह एस.डी.ओ माइनिंग और अन्य को 40,000 रुपए रिश्वत लेने के दोष अधीन गिरफ़्तार किया गया।  

उन्होंने आगे बताया कि जि़ला लुधियाना में कम्युनिटी हैल्थ सैंटर साहनेवाल में तैनात एसएमओ डॉ. पूनम गोयल और डॉ. गौरव जैन को 15,000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों काबू किया गया। इसी तरह पटियाला विजीलैंस रेंज द्वारा दो अलग-अलग मामलों में अमरजीत कुमार, सहायक इंजीनियर (अतिरिक्त प्रभार पंचायत विभाग, राजपुरा) को 2,00,000 रुपए और मनीष कुमार जिन्दल, अतिरिक्त सुपरीटेंडैंट इंजीनियर, सब-डिविजऩ पी.एस.पी.सी.एल. लहरा गागा, संगरूर को 45,000 रुपए रिश्वत लेते हुए काबू किया गया। इसके अलावा अमृतसर यूनिट द्वारा विपिन कुमार शर्मा, बी.डी.पी.ओ., ब्लॉक बटाला, जि़ला गुरदासपुर को 15,000 रुपए रिश्वत लेने, जबकि पंजाब अर्बन प्लैनिंग एंड डिवैल्पमैंट अथॉरिटी (पुडा), अमृतसर के कार्यकारी इंजीनियर गुरप्रीत सिंह को 20,000 रुपए रिश्वत लेते हुए काबू किया गया।  

उन्होंने आगे बताया कि सुखविन्दर सिंह मुलतानी, कार्यकारी इंजीनियर, पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पी.एस.पी.सी.एल.) को विजीलैंस रेंज अमृतसर ने 4 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए काबू किया गया। एक अन्य मामले में निजी व्यक्तियों के साथ मिलीभुगत करके सरकारी ज़मीन अलॉट करने के दोष अधीन कुलदीप सिंह, डीडीपीओ (सेवानिवृत्त) और अन्य के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया। इसके अलावा विजीलैंस रेंज आर्थिक अपराध विंग लुधियाना ने फार्मेसी की डिग्रियाँ देने में अनियमितताएं करने के दोष में पंजाब राज्य फार्मेसी कौंसिल के पूर्व रजिस्ट्रार प्रवीन कुमार भारद्वाज और डॉ. तेजवीर सिंह और लेखाकार (अब सुपरीटेंडैंट) अशोक कुमार को गिरफ़्तार किया।  

प्रवक्ता ने आगे बताया कि मौजूदा वर्ष के दौरान विजीलैंस ब्यूरो फ्लाइंग सक्वायड रेंज पंजाब ने राज्य को आर्थिक नुकसान पहुँचाने के दोष अधीन कई राजनीतिक नेताओं, गज़टिड अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध केस दर्ज किये हैं, जिनमें मैनेजिंग डायरैक्टर, पंजाब स्मॉल इंडस्ट्रीज एंड एक्सपोर्ट कॉरपोरेशन (पी.एस.आई.ई.सी.) नीलिमा, आई.ए.एस., पंजाब का पूर्व मंत्री शाम सुंदर अरोड़ा और गुलमोहर टाउनशिप मोहाली का मालिक जगदीप सिंह और अन्य शामिल थे। इसके अलावा, पूर्व वित्त मंत्री पंजाब मनप्रीत सिंह बादल और अन्यों के विरुद्ध प्लॉट्स की खरीद में अनियमितताएं करने के दोष अधीन मुकदमा दर्ज किया गया, जिससे सरकारी खजाने को 65 लाख रुपए का वित्तीय नुकसान हुआ था। इसी तरह ए.आई.जी., मानव अधिकार, पंजाब मालविन्दर सिंह सिद्धू और अन्यों को सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों को झूठे मामलों में फसाने की धमकियां देकर रिश्वत लेने के दोष अधीन गिरफ़्तार किया गया।  

भ्रष्टाचार के प्रति ज़ीरो टॉलरैंस की नीति अपनाते हुए जगदीप सिंह जौहल, पी.सी.एस., दिनेश कुमार, डिप्टी डायरैक्टर (सेवानिवृत्त), बाग़बानी, जसप्रीत सिंह सिद्धू और वैशाली ( दोनों बाग़बानी विकास अफ़सर) और अन्य को कृषि वाली ज़मीन पर अमरूद का बाग़ दिखा कर ग़ैर-कानूनी ढंग से मुआवज़ा लेने के दोष अधीन गिरफ़्तार किया गया। इसी तरह सरकार को 4.78 करोड़ रुपए का वित्तीय नुकसान पहुँचाने के दोष अधीन पी.एस.पी.सी.एल. के जगमोहन सिंह, रविन्दर सिंह और विनोद कुमार, सभी चीफ़ इंजीनियर (सेवानिवृत्त), एम.आर. थापर और परमिन्दर सिंह, दोनों डिप्टी चीफ़ इंजीनियर ( सेवानिवृत्त ), सुखवंत सिंह ए.ई.ई (अब ए.ई.), जसविन्दर सिंह विरदी, ए.ई.ई., और अन्यों के खि़लाफ़ मुकदमा दर्ज किया गया। इसके अलावा रवि पंकज शर्मा, सहायक टाऊन प्लैनर, जालंधर और अन्यों को 8,00,000 रुपए रिश्वत लेने के दोष में गिरफ़्तार किया गया।  
 

अधिक विवरण देते हुए उन्होंने बताया कि एक अन्य पी.सी.एस. अधिकारी नरिन्दर सिंह धालीवाल, जोकि आर.टी.ए, लुधियाना के तौर पर तैनात था, के विरुद्ध विजीलैंस ब्यूरो रेंज लुधियाना द्वारा प्राईवेट ट्रांसपोर्टरों से महीनावार रिश्वत लेने के दोष अधीन केस दर्ज किया गया। इसके अलावा साल 2008-2009 में डॉक्टरों की भर्ती में घोटाले करने के दोष में डॉ. सतवंत सिंह मोही, पूर्व मैंबर, पंजाब पब्लिक सर्विस कमीशन (पी.पी.एस.सी.), पटियाला और अन्यों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था।  
 

प्रवक्ता ने आगे बताया कि मौजूदा वर्ष के दौरान विजीलैंस ब्यूरो द्वारा आमदन से अधिक जायदाद बनाने के दोष अधीन राजनीतिक नेताओं, गज़टिड अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमे दर्ज किये गए, जिनमें पूर्व मंत्री साधु सिंह धर्मसोत, पूर्व उप मुख्यमंत्री पंजाब ओ.पी. सोनी, मुख्यमंत्री पंजाब के पूर्व मीडिया सलाहकार भरतइन्दर सिंह चाहल, पूर्व विधायक कुशलदीप सिंह ढिल्लों, पूर्व विधायक, फिऱोज़पुर ग्रामीण सतकार कौर गहिरी और उसके पति जसमेल सिंह, पूर्व विधायक और पूर्व मैंबर, पी.पी.एस.सी. पटियाला डॉ. सतवंत सिंह मोही, ए.आई.जी. अशीष कपूर, पी.पी.एस., और उसकी पत्नी कमल कपूर और पूर्व डिप्टी आबकारी और कराधान कमिश्नर (डी.ई.टी.सी.), पटियाला युविन्दर सिंह मट्टा शामिल हैं।  
 

अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि इस साल विजीलैंस ब्यूरो ने गोवा में पंजाब सरकार की ज़मीन बहुत कम कीमत पर लीज़ पर देने सम्बन्धी पूर्व मुख्यमंत्री पंजाब चरनजीत सिंह चन्नी, डायरैक्टर पर्यटन कमलप्रीत बराड़, आई.ए.एस और संजय कुमार, आई.ए.एस. ( सेवानिवृत्त ) के विरुद्ध विजीलैंस जांच (वी.इज़) करवाई गई है। इसके अलावा पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम के लिए जारी फंडों में 303.90 करोड़ रुपए का गबन करने के दोष अधीन सामाजिक सुरक्षा विभाग पंजाब के पूर्व मंत्री साधु सिंह धर्मसोत, डिप्टी डायरैक्टर परमिन्दर सिंह गिल और अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध विजीलैंस जांच करवाई गई।  
 

इसके अलावा, आमदन से अधिक जायदाद बनाने के दोष अधीन पूर्व मंत्री पंजाब गुरप्रीत सिंह कांगड़, कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट, शिवालिक पहाडिय़ों, पंजाब विशाल चौहान, आई.एफ.एस., पूर्व मुख्य सचिव सरवेश कौशल, आई.ए.एस. (सेवानिवृत्त), डॉ. स्वर्ण सिंह चन्नी, आई.ए.एस. (सेवानिवृत्त), जगदीश सिंह जौहल, पी.सी.एस. (सेवानिवृत्त ), भूमि अधिग्रहण अफ़सर, ग्रेटर लुधियाना एरिया डिवैल्पमैंट अथॉरिटी (गलाडा), मेयर, नगर निगम एस.ए.एस. नगर अमरजीत सिंह जीती, ए.आई.जी., ह्यूमन राइट्स सैल, पंजाब पुलिस मलविन्दर सिंह सिद्धू, पी.पी.एस., कार्यकारी अधिकारी, कोऑर्डीनेशन, पुडा, एस.ए.एस. नगर महेश बांसल, कार्यकारी इंजीनियर, लोक निर्माण विभाग (बी एंड आर) संगरूर विपिन बांसल, कमांडैंट जनरल, पंजाब होम गारड्ज़ और सिविल डिफेंस कुलतारन सिंह घुम्मन, मुख्य पर्यावरण इंजीनियर, पीपीसीबी, लुधियाना सन्दीप बहल और अमरूद के बाग़ सम्बन्धी मामले का मुख्य दोषी बचित्तर सिंह, पटवारी के विरुद्ध विजीलैंस जांच शुरू की गई।  
 

उन्होंने आगे कहा कि विजीलैंस जागरूकता सप्ताह के दौरान, विजीलैंस ब्यूरो द्वारा राज्य स्तरीय मुहिम चलाई गई, जिसमें समाज से भ्रष्टाचार को जड़ से ख़त्म करने के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सैमीनार और सार्वजनिक मीटिंगें की गईं और समूह अधिकारियों और कर्मचारियों को इमानदारी की शपथ दिलवाई गई।  

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