होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से स्थानीय आश्रम गौतम नगर होशियारपुर में धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें संस्थान के संस्थापक एवं संचालक श्री गुरू आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सुश्री मीमांसा भारती जी मकर संक्रांति पर करवाए गए धार्मिक कार्यक्रम में प्रवचन करते हुए कहा कि पुराण और विज्ञान दोनों में मकर संक्रांति यानी सूर्य की उत्तरायण स्थिति का अधिक महत्व हैद्य सूर्य के उत्तरायण से रातें छोटी और दिन बड़े होने लगते हैं, कहते हैं उत्तरायण में मनुष्य प्रगति की ओर अग्रहसर होता है। अंधकार कम और प्रकाश में वृद्धि के कारण मानव की शक्ति में भी वृद्धि होती है धार्मिक मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन स्वर्ग का दरवाजा खुल जाता है। इस दिन पूजा, पाठ, दान, तीर्थ नदी में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
उन्होंने कहा कि हमारे धार्मिक शास्त्र बताते हैं कि जब जीवन में पूर्ण सतगुरु आते हैं तो वह भी हमारे जीवन से अंधकार को दूर करके प्रकाश प्रगट करते हैं। प्रकृति नदियां समंदर ऋतु सभी हमे ईश्वर से मिलने का संदेश दे रहे हैं पर इनका लाभ कौन ले सकता है? वही इंसान जिसका हृदय पूर्ण गुरु से आने वाले प्रकाश से रौशन हो चुका है। आगे साध्वी जी ने सिख इतिहास के वारे में बताते हुए कहा कि 1704 में, मुगलों द्वारा आनंदपुर साहिब की घेराबंदी के दौरान, 40 सिख सैनिकों ने अपने पद छोड़ दिए और भाग गए।अमृतसर के पास उनके गाँव में पहुंचने पर, माई भागो नाम की एक महिला ने उन्हें डांटा और अपने गुरु की सेवा में आनंदपुर साहिब लौटने के लिए सेनानियों को ललकारा वह सैनिक गुरु साहिब की ओर से युद्ध में शहीद हुए। गुरु जी ने उनको क्षमा किया व मुक्त कर दिया। अंत मे उन्होने कहा कि संत महापुरुषों की तो प्रकृति ही क्षमा करने की होती है पर देरी तो हम जैसे साधारण इंसान की ओर से होती है कि हम ही प्रार्थना करना भूल जाते हैं। इसलिए य़ह पर्व हमारे लिए प्रेरणा लेकर आते हैं कि हम इतिहास से कुछ सीख सकें।