‘आप’ में बगावत : अपनों में कड़वाहट : तिनका-तिनका हो रहा झाड़ू

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होशियारपुर (कै. मुनीष किशोर)

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सफल रही रैली-रंग नहीं लाई बगावत

दूसरों को शिष्टाचार का पाठ पढ़ाने, जनता को स्वच्छ शासन के सपने दिखाने और दूसरों में गलतियां निकालने के लिए मशहूर हो चुकी नई-नई बनी आम आदमी पार्टी की अपनी स्थिति आज क्या है किसी से छिपा नहीं है। राजनीति के चढ़ते रंग का ही असर है कि आज आम आदमी पार्टी द्वारा टिकटें आवंटित किए जाने से जो विरोध उभर कर जनता के सामने आ रहा है उससे एक बात साफ हो चुकी है कि अब वो समय आ चुका है कि आम आदमी पार्टी जनता को आम आदमी की परिभाषा समझाएं ताकि जनता के साथ-साथ विरोध करने वाले नेताओं व सिर्फ टिकट की चाहत लेकर आप में शामिल होने वालों की आंखें खुल सकें।
आज होशियारपुर में आम आदमी पार्टी का जो हाईप्रोफाइल ड्रामा हुआ उसके बाद ऐसे कयास लगाए जाने लगे हैं कि राजनीति में सफाई करते-करते ‘आप’ में कब राजनीतिक गंदगी जन्म ले गई यग बहुत ही गंभीर है तथा पार्टी द्वारा घोषित उम्मीदवारों का विरोध व उनकी परतें कोई दूसरा नहीं बल्कि इसके अपने ही उधेड़ रहे हैं व इसकी नैया को डुबोने की योजनाएं बनाए बैठे हैं।आज ग्रून व्यू पार्क में की गई रैली को राजनीतक माहिर सफल मान रहे हैं, जबकि बगावत कोई रंग नहीं ला सकी।

परिवर्तन रैली से समर्थन – टिकट न मिलने का मलाल

आज होशियारपुर में एक तरफ जहां परिवर्तन रैली के माध्यम से जनता को अकाली-भाजपा और कांग्रेस की जन विरोधी नीतियों के प्रति जागरुक करने हेतु भगवंत मान और विधानसभा हल्का होशियारपुर से उम्मीदवार परमजीत सिंह सचदेवा द्वारा प्रयास किया गया वहीं दूसरी तरफ आप के नैशनल व स्थानीय स्तर के नेताओं ने एक प्रैसवार्त करके पार्टी व उम्मीदवार के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की गई। भले ही इस मामले को पार्टी के पंजाब स्तरीय नेता हल्के में लेते हुए लोकतांत्रिक हक का हवाला दे रहे हों, परन्तु पार्टी सूत्रों की मानें तो दिल्ली वाले पार्टी विरोधी गतिविधियों की लिस्ट तैयार करके कार्यवाही का मूड़ बना चुके हैं। राजनीतिक माहिरों की मानें तो किसी भी पार्टी में मतभेद एवं विरोधाभास किसी स्तर पर होता है और जब कोई पार्टी अपना उम्मीदवार घोषित कर देते हैं तो पार्टी से जुड़े अन्य नेता व कार्यकर्ता उसे पार्टी आदेश मानते हुए उसके साथ चलने या शांत होकर बैठने में भलाई समझते हैं। परन्तु आप की स्थिति उल्ट मानी जा रही है। यहां पर आप उम्मीदवार का विरोध या उसके खिलाफ दूसरी राजनीतिक पार्टियों के नेता व कार्यकर्ता तो जो बोल रहे हैं उसे राजनीतिक रंजिश कहा जा सलकता है पर आप के अपने ही नेताओं द्वारा की जा रही खिलाफत से कहीं न कहीं पार्टी के प्रति जनता का विश्वास कम जरुर कर रही है। सूत्रों की मानें तो आप में होशियारपुर से शामिल होने वाले अधिकतर नेता अपनी-अपनी पार्टी में सही पद व सम्मान न मिलने के चलते तथा टिकट की चाहत में आप में शामिल हुए थे। परन्तु हाथ न पहुंचे थू कौड़ी जैसी स्थिति उनके समक्ष आने से अब उनके लिए स्थिति उलझनों भरी बन चुकी है कि वे आखिर करें तो क्या करें, क्योंकि कई नेताओं ने तो जनता में टिकट ‘ओके’ हो चुकी है का शोर भी मचा दिया था। परन्तु अब जबकि हालात बिलकुल उल्ट हो चुके हैं तो इन नेताओं के लिए न तो साथ देते बन रहा है और न ही पार्टी छोड़ते।

अधिक माइलेज – मल्टीपर्पस पाकेट सूट

सूत्रों की माने तो विरोध करने वालों में अधिकतर तो ऐसे हैं जो अपने कद के हिसाब से अधिक माइलेज लेने के चक्कर में समय का इंतजार कर रहे हैं कि कब उनके पास कोई चलकर आए और कुछेक तो ऐसे हैं जो मल्टीपर्पस पाकेट वाले सूट सिलवाकर सही ‘म..’ के इंतजार में हैं ताकि वे भी पार्टी उम्मीदवार के लिए काम करके खुद को सच्चा साबित कर सकें। जिन उम्मीदों और सपनों को दिखाकर ‘आप’ जनता के बीच उतरी थी, वे तो न जाने कब पूरे होंगे, परन्तु अगर ऐसा ही चलता रहा तो पंजाब में सरकार बनाने के दावे करने वाली आप ‘अपनों’ में घिरी रह जाएगी और शायद…

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