संस्था “सवेरा” ने गोवा की कला अकादमी प्रबंधकों द्वारा अंधविश्वास को दिए गए बढ़ावे की कड़ी निंदा की

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। गोवा के मुख्यमंत्री स्व. मनोहर पर्रिकर की पावन देह को 18 मार्च को सार्वजनिक दर्शनों के लिए कला अकादमी में रखा गया था। परन्तु दुख की बात है कि देश के सबसे ईमानदार एवं सादगी पसंद मुख्यमंत्री के पार्थिव देह वाले स्थान को पवित्र एवं पावन मानने के स्थान पर कला अकादमी प्रबंधकों द्वारा 23 मार्च को हिन्दू पुजारियों को बुलाकर उक्त स्थान की शुद्धि करवाने का निर्णय अति दुर्भाग्यपूर्ण था और यह अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाला है। उक्त विचार पिछले 3 दशकों से सामाजिक जागरुकता हेतु कार्यरत संस्था सवेरा के कनवीनर डा. अजय बग्गा ने व्यक्त किए। डा. बग्गा ने कहा कि स्व. श्री पर्रिकर एक सर्वोच्च सत्यनिष्ठ एवं सादगी से भरपूर देश को समर्पित राजनेता थे।

Advertisements

डा. बग्गा ने कहा कि गोवा के कला और संस्कृति मंत्री ने स्थान की शुद्धि के लिए पुजारियों को बुलाने वालों को सबक सिखाने के लिए जांच के आदेश दिए थे तथा यह कदम उठाया जाना बहुत जरुरी थी, क्योंकि स्व. मुख्यमंत्री की पार्थिव देह को कला अकादमी में अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया था। डा. बग्गा ने केन्द्र व राज्य सरकार से मांग की कि कार्यालय एवं सभागार आदि में धार्मिक अनुष्ठानों और प्रार्थना सभाओं के आयोजन संबंधी व्यापक तौर पर नीति बनाकर लागू करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी किसी भी प्रकार की शर्मनाक घटना न हो सके।

डा. बग्गा ने कहा कि इस प्रकार के अंधविश्वास समाज को प्रभावित कर रहे हैं तथा ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पूरे देश में मानसिकता में बदलाव लाने हेतु बड़़े पैमाने पर जागरुकता अभियान समय की मांग है। पंजाब विधानसभा के अंतिम सत्र में फगवाड़ा से विधायक सोम प्रकाश द्वारा सदन के पटल पर अंधविश्वास का मुद्दा उठाए जाने पर सवेरा संस्था उनकी सराहना करती है। उन्होंने देश वासियों से अपील की कि इस प्रकार के अंधविश्वासों से बचें और दूसरों को भी जागरुक करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here