-प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक काफी तेज रफ्तार थी बस की – मामले की जांच करवाकर स्कूल के खिलाफ की जाएगी कार्रवाई: डी.ई.ओ दिनेश कुमार – होशियारपुर। होशियारपुर में आज एक बड़ा हादसा उस समय घटा जब टांडा रोड स्थित ट्रिनिटी स्कूल की स्कूल बस खड़े ट्रक के पीछे जा टकराई। भगवान का शुक्र रहा कि हादसे में किसी भी बच्चे व बस में मौजूद अध्यापकों को गंभीर चोटें नहीं आईं परन्तु टक्कर के बाद बच्चे बुरी तरह से सहम गए थे और प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बस की रफ्तार काफी तेज थी। हादसे का पता चलते ही बच्चों के अभिभावकों ने मौके पर पहुंच कर बच्चों को गले से लगाया और सभी के कुशल होने पर भगवान का शुक्र अदा किया।
-खड़े ट्रक के पीछे टकराई बस – हादसे के बाद बच्चे और स्टाफ बुरी तरह से सहमे-
जानकारी अनुसार आज दोपहर स्कूल से छुट्टी के बाद मिनी स्कूल बस बच्चों को लेकर होशियारपुर की तरफ आ रही थी कि रास्ते में वह सडक़ पर खड़े एक ट्रक से पीछे से टकरा गई। जिसके चलते बस का कंडक्टर साइड वला हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया और बच्चों व अध्यापिकाओं को मामूली चोटें आईं। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि वहां आसपास मौजूद लोगों और राहगीरों के रौंगटे खड़े हो गए। पर भगवान का शुक्र रहा कि किसी भी बच्चे कोई कुछ नहीं हुआ। बस में मौजूद अध्यापकों से बात करने पर वे एक ही बात कहती रहीं कि आप ट्रांसपोर्टर से बात करें उन्हें कुछ नहीं पता, जबकि बच्चों ने बताया कि अध्यापिकाएं उनके साथ बस में मौजूद थी। बावजूद इसके वे हादसे की जानकारी देने से टालमोटल करती दिखी। दूसरी तरफ बस पर अंकित नंबर पर जब फोन किया गया तो बात करने वाली मैडम ने बताया कि हादसे में किसी तरह की क्षति नहीं हुई है तथा कुछेक बच्चों को ही मामूली चोटें आईं हैं। काउंसलर ने बताया कि प्रिंसिपल कहीं बाहर गईं हैं तथा आप इस बारे में ट्रांसपोर्टर से बात करें, वही इस संबंधी कुछ बता सकेगा। अध्यापिकाओं और काउंसलर का स्कूल प्रबंधकों के साथ बात करने की बजाए बार-बार ट्रांसपोर्टर पर बात को छोडऩा इस बात की तरफ संकेत करता है कि स्कूल प्रबंधक बच्चों की सुरक्षा को लेकर कितने उदासीन और लापरवाह हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों से मिली जानकारी अनुसार स्कूल बस चालक कथित तौर पर इतनी तेजी के साथ जा रहा था कि उससे बस कंट्रोल ही नहीं हुई और बस खड़े ट्रक के पीछे जा टकराई। हालांकि देर सायं मिली जानकारी अनुसार बस और ट्रक चालकों के बीच समझौते होने की बात कही जा रही थी, परन्तु स्कूल से जुड़े किसी भी प्रबंधक ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए इस बारे में कोई औपचारिक बयान नहीं दिया था।
इस संबंध में बात करने पर जिला शिक्षा अधिकारी (डी.ई.ओ.) सैकेंडरी दिनेश कुमार से बात करने पर उन्होंने कहा कि यह मामला उनके ध्यान में नहीं है। अब जबकि द स्टैलर न्यूज़ द्वारा यह मामला उनके ध्यान में लाया गया है तो वह इसकी जांच करवाएंगे। डी.ई.ओ. दिनेश कुमार ने कहा कि स्कूल प्राइवेट हो या सरकारी वहां पढऩे वाले बच्चों की जिम्मेदारी स्कूल प्रिंसिपल की होती है। अगर उक्त स्कूल के प्रबंधक बच्चों की सुरक्षा को लेकर उदासीन हैं तो उनके खिलाफ बनती कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
अभिभावकों में रोष, कहा ‘जब भी ट्रांसपोर्ट बारे स्कूल प्रबंधकों से बात करो तो वे अपनी जिम्मेदारी डाल देते हैं ट्रांसपोर्टर पर –
हादसे के बाद मौके पर पहुंचे तथा फोन पर कई अभिभावकों ने बताया कि स्कूल प्रबंधकों द्वारा स्कूल बसों में बैठने की क्षमता से अधिक बच्चों को भरा जाता है और जब इस संबंध में स्कूल में जाकर बात की जाए तो स्कूल प्रिंसिपल ट्रांसपोर्ट पर सारा मामला डाल उससे बात करने को कहती हैं, जबकि बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं या ट्रांसपोर्टर के पास। अभिभावकों ने बताया कि प्रबंधक बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं हैं तथा वे जल्द ही स्कूल प्रबंधकों से इस बारे में बात करेंगे और अगर कोई हल न निकला तो जिलाधीश से मिलकर स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी करेंगे।