होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। जिला नशामुक्ति पुनर्वास केंद्र मोहल्ला फतेहगढ़ में नशामुक्त पंजाब की ओर बढ़ते कदम जागरुकता मुहिम तहत स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल नसराला में नशाखोरी संबंधी विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नशा एक मानसिक बीमारी है, जिसका इलाज हर सरकारी संस्थाओं में संभव है।
नशाग्रस्त व्यक्ति परिवार, समाज और अपने आप को प्रभावित करता है। इसमें व्यक्ति मानसिक तौर पर नशे की ग्रस्त में पूरी तरह फंस जाता है। नशे के इलाज के लिए सेहत और परिवार भलाई विभाग द्वारा मुफ्त सरकारी अस्पतालों में व्यक्ति का 21 दिन के लिए डिटाक्सीफिकेशन किया जाता है। इसके उपरांत मरीज को 90 दिनों के लिए सरकारी रिहैबलिटेशन सैंटर में रैफर किया जाता है यहां उसकी काउंसलिंग, पारिवारिक काउंसलिंग की जाती है।
इसके साथ ही व्यायाम, जिम, मैडिटेशन, अध्यात्मक गतिविधियों सहित कंप्यूटर शिक्षा, पी.एन.बी. स्वैरोजगार संबंधी कोर्स करवाए जाते हैं। इस मौके पर मैनेजर निशा रानी ने छात्रों को इसके इलाज संंबंधी भी बताया। उन्होंने कहा कि जिला होशियारपुर में दो नशामुक्ति केंद्र सिविल अस्पताल होशियारपुर और दसूहा और रिहैबिलिटेशन सैंटर मोहल्ला फतेहगढ़ में स्थापित है, जहां मरीजों का मुफ्त इलाज किया जाता है। इन सैंटरों में मरीज को पैसकों की सिक्योरिटी और सी.सी.टी.वी. की देखरेख में रखा जाता है।
इस मौके पर प्रशांत आदिया ने समूह बच्चों, स्टाफ को नशामुक्त रहने की शपथ दिलवाई। इस मौके पर प्रिंसिपल अमिता शर्मा ने कहा कि इस तरह के सैमीनार, मेले और जागरुकता अभियान हर गांव, गली में आयोजित होने चाहिए। इस दौरान समूह स्टाफ और छात्रों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।