जहां अग्नि जलती है वहां अंधकार का साम्राज्य नहीं हो सकता: साध्वी धर्मा भारती

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से स्थानीय आश्रम गौतम नगर में धार्मिक कार्यक्रम करवाया गया। जिसमें आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सुश्री धर्मा भारती ने अपने प्रवचनों में कहा कि आज प्रत्येक मनुष्य का अत:करण अंधकारमय हैं। अज्ञानता के तम से आच्छादित है। हम सभी जानते है कि जँहा अंधकार है, वँहा ठोकरें है भटकन है, अशांति है तभी हमारे ऋषिगणों ने परम सत्ता के समक्ष प्रार्थना रखी है प्रभु हमें अंधेरों से उजालों की तरफ ले चलो जोकि अग्नि का सब से मुख्य गुण हैं।

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अंधेरे में ज्यों ही अग्नि प्रज्वल्लित की जाती है उससे प्रकाश की किरणें शितरती है। ये किरणें समस्त अंधकार को निगल लेती है अत: जहाँ अग्नि जलती है वहाँ अंधकार का साम्राज्य नही हो सकता। ठीक इसी प्रकार जब गुरू कृपा से एक जिज्ञासु के भीतर ब्रहाग्नि प्रकट होती है तो उस के भीतर व्याप्त अज्ञानता का अंधकार भी ठहर नही पाता।

ज्ञान का उज्जवल प्रकाश उस के हदय आंगन के कोने-कोने को आलोकित कर देता है फलस्वरूप साधक के जीवन में भटकन नही रहती अपितु उसका प्रत्येक कदम मंजिल अर्थात परमात्मा या शाश्वत आंनद की दिशा मे बढ़ता है और ब्रह्मज्ञान मे दीक्षित हुआ साधक जब निरंतर ध्यान-साधना करता है तो धीरे-धीरे ज्ञानाग्नि मे उसके विकार, कुविचार, दुर्भविनाएँ दग्ध होने लगती हैं। वह मानसिक रोगों और मलिनता से छुटकारा पा सकता है। जो साधक जितना ज्यादा इस अग्नि मे अपने आपको तपाता है वह उतना ही शुद्व निर्मल और पवित्र होता जाता है।

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