इंदौरा/तलवाड़ा(द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: प्रवीण सोहल। अरनी विश्वविद्यालय में गत 9-9 माह से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को वेतन न मिलने से परेशान कर्मचारी आज निरंतर 7वें दिन भी हड़ताल पर बैठे रहे। हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि आज उन्हें हड़ताल पर बैठे हुए 7वां दिन हो गया है। लेकिन, विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा उनकी कोई बात नहीं सुनी जा रही। कर्मचारियों ने आज युनिवर्सिटी के मुख्य गेट के बाहर वि.वि. प्रबंधन के विरुद्ध मुर्दाबाद के नारे लगाकर अपनी भड़ास निकाली। हड़ताल पर बैठे 80 से अधिक कर्मचारियों ने संयुक्त रूप से बताया कि युनिवर्सिटी प्रबंधन से वे अपनी समस्याओं के हल की गुहार लगाने गए थे, लेकिन प्रबंधन ने उनके साथ कथित रूप से बदसलूकी की है, जिसका शिकायतपत्र पुलिस थाना इंदौरा में दिया गया है।
ऊधर उक्त कर्मचारियों ने प्रबंधन को चेतावनी दी कि यदि 14 नवंबर तक उन्हें वेतन न दिया गया तो वे युनिवर्सिटी के मुख्य गेट व अन्य कार्यालयों पर ताला जड़ देंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी युनिवर्सिटी प्रबंधन, प्रशासन व सरकार की होगी। कर्मचारियों के अनुसार कई माह से वेतन न मिलने के कारण अब दुकानदारों ने उन्हें उधार सामान देना भी बंद कर दिया है। जिससे उन्हें व उनके परिवार को दयनीय स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। वहीं कर्मचारियों ने कहा कि यदि शीघ्र उनकी समस्या का समाधान न किया गया तो वे आत्महत्या तक करने के लिए विवश होंगे। ज्ञात रहे कि इससे पहले भी अरनी विश्वविद्यालय के कर्मचारी हड़ताल कर चुके हैं और वि.वि. प्रबंधन द्वारा उन्हें दीवाली तक वेतन की अदायगी करने का वादा किया था। लेकिन, दीवाली बीत जाने पर भी जब उन्हें वेतन न मिला तो 31 अक्तूबर ये चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हड़ताल पर बैठ गए जो निरंतर जारी है।
वहीं, अरनी विश्वविद्यालय के उप कुलपति शिव कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार ने युनिवर्सिटी की लगभग 8 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप फीस की राशि रोक रखी है। जबकि प्रदेश के बाहर के संस्थानों को सरकार स्कॉलरशिप की राशि दे रही है और अपने संस्थानों की राशि के रोके जाने के चलते युनिवर्सिटी प्रबंधन को उक्त कर्मचारियों के वेतन की अदायगी में मुश्किल पेश आ रही है। इन्वेस्टर मीट के बाद वि.वि. का प्रतिनिधिमंडल प्रदेश सरकार से मिलेगा और बुधवार को कर्मचारियों को वेतन कब दिया जाएगा, इसकी तिथि निर्धारित कर दी जाएगी।