होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: जतिंदर प्रिंस। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की हिदायतों पर पंजाब सरकार की ओर से धान के अवशेष को आग न लगाने वाले किसानों को प्रति एकड़ 2500 रुपए मुआवज़ा देने का फ़ैसला किया गया है। इस संबंधी जानकारी देते हुए जिलाधीश ईशा कालिया ने बताया कि ग़ैर-बासमती धान की फ़सल लगाने वाले पाँच एकड़ तक की मालकी वाले किसानों को पराली को आग न लगाने के बदले 2500 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवज़ा मिलेगा।
30 नवंबर तक पंचायत के पास जमा होंगे स्व-घोषणा पत्र
उन्होंने बताया कि इस मुआवज़े का हकदार वह किसान होगा जिसके पास अपने, पत्नी और 18 साल से कम उम्र के बच्चों के नाम पर कुल 5 एकड़ तक ही ज़मीन की मालकी है और इस ज़मीन या इसके किसी हिस्से में ग़ैर-बासमती धान की खेती करता हो और खेत के किसी भी हिस्से में धान के अवशेष को आग न लगाई हो। यह मुआवज़ा हासिल करने संबंधी विस्तार में बताते हुए ईशा कालिया ने बताया कि उक्त शर्तें पूरी करने वाले किसान परिवार के प्रमुख द्वारा गांव की पंचायत के पास उपलब्ध स्व-घोषणा पत्र में मांगी गई जानकारी भर कर 30 नवंबर, 2019 तक पंचायत को दी जाये जिसकी तस्दीक करने के उपरांत मुआवज़े की राशि योग्य किसान के खाते में आएगी।
इस मौके पर जिलाधीश ने किसानों से अपील भी की कि वह धान के अवशेष को बिल्कुल आग न लगाएं क्योंकि ऐसा करना सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है और यह कदम उठाने वाले किसानों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।