जम्मू/राजौरी (द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: अनिल भारद्वाज। एस.आर.ओ. 24 के तहत जीएमसी राजौरी में अस्थायी तौर पर कार्यरत कान्ट्रेक्चुअल) कर्मचारियों को पांच माह के भीतर ही नौकरी से बाहर कर दिया गया है। जिसके चलते अस्थायी कर्मचारियों ने प्रेस क्लब राजौरी का सहारा लेकर सरकार व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रोष व्यक्त किया। अस्थायी कर्मचारियों ने सरकार व मेडिकल कालेज प्रशासन को सडक़ पर उतरने की कड़ी चेतावनी भी दी है।
इस मौके पर कर्मचारियों में काफी रोष देखने को मिला। गुस्साए कर्मचारियों ने अपनी जायज मांगों के समर्थन में कहा कि हम किसी धोखाधड़ी के साथ काम पर नहीं लगे थे बल्कि प्रॉपर चेनेल के साथ हजारों बेरोजगार युवाओं ने सरकारी मेडिकल कालेज में अस्थायी नौकरी लिए आवेदन करवाया था। उन्होंने कहा कि उनकी क्वालिफिकेशन की स्क्रीनिंग की गई थी साथ ही इंटरव्यू भी लिया गया था जिसमें जिले से मात्र 29 युवा ही सिलेक्ट हुए। राजौरी के साथ ही केंद्र शासित जम्मू कश्मीर के अन्य नए मेडिकल कालेजों में भी एक वर्ष के लिए अस्थायी तौर पर अलग-अलग पद के लिए तैनात किया गया। कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की शुरुआत राजौरी से की गई है। जो सरासर गलत है।
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित बनाने से क्या हम युवाओं के लिए प्रधानमंत्री की तरफ से तोहफा समझा जाये। उन्होंने कहा कि सरकार बेरोजगारी को दूर करने के बड़े-बड़े दावे कर रही है कि जम्मू कश्मीर को नौकरियां दी जाएगी। लेकिन सच तो यह है कि जो युवा अस्थायी तौर पर नौकरी कर रहे है उन्हें बेरोजगार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कालेज की नौकरी से पहले हमारे कईं युवा अलग-अलग विषयों के कोर्स कर रहे थे और कईं निजी कंपनियों की नोकरियां कर रहे थे उन्हें अधर में छोड़ सरकारी मेडिकल कालेज में सरकारी नौकरी के लिए आवेदन किया। प्रशासन के आला संबंधित अधिकारियों द्वारा शैक्षिक योग्यता को देखा गया, इंटरव्यू लिया गया। चार-पांच माह के भीतर ही निकाला गया। पूरे कालेज के रिकार्ड अपने हाथों तैयार किया गया और आज उनका इस्तेमाल कर कॉन्ट्रैक्चुअल पर लगे कर्मचारियों को निकाला जा रहा है।
कालेज के कॉन्ट्रैक्चुअल कर्मचारियों के साथ किया जा रहा सौतेला व्यवहार सहन नहीं किया जाएगा। सरकार को अगर निकालना है तो भ्रष्ट अधिकारियों को नौकरी से निकाले। एसआरओ 24 के तहत निकाले गए कर्मचारियों ने कहा कि हमें एक वर्ष के लिए मेडिकल कालेज राजौरी में लिया गया था। लेकिन, सरकार की गलत नीतियों के राहत हमें निकाल दिया गया है जो हम सहन नहीं करेंगे। हमें नौकरी पर वापिस बहाल नहीं किया गया तो आने वाले समय में पढ़े लिखे युवा सडक़ों पर उतर उग्र आंदोलन करेगा जिसकी जिम्मेदार सरकार होगी। उनका प्रॉपर चेनल अंडर हुआ है। राजौरी मेडिकल कालेज को शुरू करवाने में दिन रात कार्य किया। लेकिन सरकार हमें यूज़ एंड थ्रो समझ रही है। जम्मू कश्मीर के युवाओं को हमेशा दबाया गया है। वहीं उन्होंने जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर से मांग की है कि हमारी जायज मांगों को गंभीरता से लेकर पूरा किया जाए नहीं तो कालेज के कॉन्ट्रैक्चुअल लोग सडक़ पर उतर जोरदार प्रदर्शन करेंगे जिसकी जबावदेही सरकार की होगी। प्रदर्शन में महिला कर्मचारियों ने भी भाग लिया और सरकार से जायज मांग को जल्द पूरा करने की मांग की।