डा. अर्मन प्रीत की बाल पुस्तक ’चिड़ी पराऊनी’ रिलीज़

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। आज यहां पंजाबी साहित्य सदन तथा निक्कियां करुबलां प्रकाशन की और से स्थानिय होटल शिरपज रेज़ेंसी में पंजाबी भाषा तथा साहित्य को सम्पित साहित्यकर्मी डा. अर्मन प्रीत सिंह की पहली बाल पुस्तक ’चिड़ी पराऊनी’ का विमोचन सम्मारोह किया गया, जिसकी अध्यक्षता प्रसिद्ध पंजाबी साहित्यकार डा. प्रितपाल सिंह मेहरोक, डा. धर्मपाल साहिल, प्रो. बलदेव सिंह बल्ली, प्रो. केवल कलोटी ने की तथा इस अवसर पर स. अमरजीत सिंह धालीवाल कनेडा, डा. एम. ज़मील बाली, डिस्ट्रिक गवर्नर अलाएंस कल्ब इंटरनैशनल- 119, कैप्टन कुलबीर सिंह यू.एस.ऐ. विशेष तौर पर उपस्थित हुए। इस प्रोग्राम का आयोजन रंगकर्मी अशोक पुरी तथा निक्कियां करुम्बलां के सम्पादक बलजिंदर मान की देख रेख में किया गया।

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प्रोग्राम के चेअरमैन सुखविंदर सुखी, डा. महिरोक ने पुस्तक के लेखक डा. अर्मन प्रीत की विद्ययक प्रतिबघ्ता तथा उन की साहित्य सृजना वारे में कहा कि वो पिछले 20 सालों से उन्के एक बहुत की मेहनती तथा साहित्य साधना के साथ जुड़े विद्यार्थी लेखक है, जिसका अध्यापक होने का उनको गर्व है। पुस्तक ’चिड़ी पराऊनी’ बारे में उन्होने कहा कि इसमें दी गई समूची काव्य रचनाऐं बच्चों के अन्दर पडऩे की लालसा तथा लगन उन्तपन करती हुई समाजिक रिश्तों की कद्र, समाजिक भाईचारे की बहाली, प्रकृति तथा जीवन जन्तुओं के साथ प्रेम, समय का सदउपयोग, मातृ भाषा का आदर, मौसमों तथा ऋतुओं के बारे में जागृति, वेटियों का सम्मान तथा असली स्थान तथा बच्चे के व्यवहारिक जीवन में काम आने वाले नुक्तों को मुल्यवान विषयों में ढाल कर प्रस्तुत करती हैं। उन्होने कहा इस पुस्तक में लेखक के बच्चों के प्रति लेखन तथा लगाव को प्रस्तुत करती है।

प्रकाशक बलजिंदर मान ने लेखक की इस पुस्तक को बाल साहित्य की संदली पैड़ कहा, उन्होने इस अवसर पर बाल साहित्य प्रकाशन तथा लेखकों को आ रही समस्याओं का भी जिक्र किया। प्रो. बलदेव सिंह बल्ली ने पुस्तक को विद्यार्थियों के जज़्बातों तथा उनकी मानसिक उड़ान की तर्जमानी वताया। प्रो. केवल कलोटी ने ’चिड़ी पराऊनी’ को सभी स्कूलों, पुस्तकालयों तथा शिक्षा संस्थानों में पहुंचाने की वकालत की। प्रिंसीपल नवतेज ने कहा कि इस पुस्तक की कविताऐं तथा गीत सुर लय में बंधे हुए हैं। प्रो. मलकीत जौड़ा, डा. बलविंद्र सिंह, लैक्चरार जसवंत खानपुरी, डा. निरंजन सिंह, पामदीप, डा. दविन्द्र कौशल, प्रिं. दर्शन सिंह, प्रिं अश्वनी दत्ता, प्रसिद्ध गीतकार हरविन्द्र ओड़पुरी ने पुस्तक पर सार्थक विचार चर्चा की। समाज सेवी स. अमरजीत सिंह धालीवाल, कैप्टन कुलबीर सिंह तथा सुखविन्द्र सुखी ने समारोह को विशेष सहयोग देकर सफल बनाया। रंगकर्मी व फिल्म कलाकार अशोक पुरी ने अपनी कलात्मक प्रतिभा तथा सामाजिक व साहित्यक जानकारी से प्रोग्राम को जीवित रखा।

इस अवसर पर डा. हरचरण सिंह ने शायराना अंदाज़ से अपनी हाजऱी लगवाई। इस अवसर पर मेजर गुरमेल सिंह, प्रो. इन्द्रजीत सिंह, अजीब द्विवेदी, जसविन्द्र सहोता, लैक्चरार जसमान सिंह, लैकचरार मनजीत सिंह, प्रमोद ठाकुर, लैक्चरार रछपाल सिंह, हरजिन्द्र सिंह, सतीश जौड़ा, जसविन्द्र दुग्गल, सुरिन्द्र ढिल्लों, सुखबिन्द्र शर्माल, सुखदयाल सिंह, मास्टर बलवीर, मास्टर सरुप चंद, इंजी. ओंकार सिंह, अजमेर कंधाला, लैक्चरार कुलविन्द्र सिंह, हरजिन्द्र हरगडिय़ा, तीर्थ चन्द सरोया, मैडम रविन्द्र कौर, सुदेश कुमारी, रजनी बाला, सुमन बाला, मनीषा रानी, पूजा रानी, बलमीत कौर आदि बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी उपस्थि थे। इस अवसर पर अध्यक्ष मण्डल तथा विशेष मेहमानों को यादगारी चिन्ह तथा दौशाले दे कार सम्मानित किया गया।

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