मृत्यु के भय को मिटाती है श्रीमद्भागवत कथा: स्वामी केशब दत्त शास्त्री

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। श्री नंद अन्नपूर्णा मंदिर चैरीटेबल सोसायटी एकता नगर की तरफ से करवाए जा रहे श्री रुद्र महायज्ञ एवं श्री मद्भागवत महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन मुख्य यजमान नील शर्मा व नीना शर्मा सहित अन्यों ने यज्ञ में आहुति डाली। इस मौके पर आचार्य राजिंदर प्रसाद ने कहा कि श्री सत्य सनातन धर्म में कई सारी परंपराएं सदियों से चली आ रही हैं। इन्हीं में से एक है यज्ञ। रामायण और महाभारत में भी यज्ञ का उल्लेख किया गया है। अग्नि के माध्यम से ईश्वर की उपासना करने की प्रक्रिया को यज्ञ करते हैं। माना जाता है कि यह हमारे जीवन में सकारात्मकता लेकर आता है। उन्होंने बताया कि पांचवें दिन तक दुर्गा सप्तसति के 500 पाठ हो चुके हैं और रुदघ की 85 हजार आहुति डाली जा चुकी हैं।

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अग्नि के माध्यम से ईश्वर की उपासना करने की प्रक्रिया को करते हैं यज्ञ: आचार्य राजिंदर प्रसाद

कथा के दूसरे दिन स्वामी केशब दत्त शास्त्री जी आगरा वालों ने परीक्षित राज्याभिषेक, पाण्डवों के स्वर्गारोहण की कथा सुनाई। साथ ही श्रृंगि ऋषि के श्राप से परीक्षित के गंगातट का आश्रय लिया और शुकदेव से प्रश्न किया कि जिसकी मृत्यु पास हो उसको क्या करना चाहिए। महाराज जी ने कहा कि जिसकी मृत्यु पास हो उसको भागवत का ही एकमात्र आश्रय लेना चाहिए। क्योंकि, यही एक ऐसा साधन है जो मृत्यु के भय को दूर करता है। उन्होंने बताया कि जैसे परीक्षित की मृत्यु भय दूर हुआ उसी प्रकार सर्व समाज में लगा हुआ मृत्यु भय दूर हो जाएगी। इसके लिए सभी को भागवत की शरण में आना चाहिए और श्रद्धापूर्वक कथा श्रवण करनी चाहिए।

इस अवसर पर प्रधान रमेश चंद्र अग्रवाल, महासचिव तरसेम मोदगिल, कोषाध्यक्ष सुभाष अग्रवाल, संजीव अरोड़ा, नील कमल, दविंदर वालिया गुरु जी, राजिंदर मोदगिल, अशोक कुमार, विकास अग्रवाल, शोभन सिंह, वृज बिहारी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।

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