आमजन से डंडे व कार्यवाही की भाषा और विशेष कृपा पात्रों पर पुलिस की “कृपा” बनी चर्चा का विषय

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। कोरोना वायरस के बढ़ाते खतरे को देखते हुए लगाए गए करफ्यू के दौरान जहां घर से निकलने वाले लोगों को पुलिस द्वारा डंडे की भाषा से समझाया जा रहा है वहीं कई लोगों पर करफ्यू का उलंघन करने के मामले भी दर्ज कर दिए गए हैं। लेकिन पुलिस का डंडा जहां आम लोगों पर ही चलता हुआ दिखाई दे रहा है वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो धर्म व पहुंच की आड़ में सरेआम नियमों से खेलते देखे जा सकते हैं। जिन पर कार्यवाही करने के स्थान पर पुलिस उन्हें समझा कर छोड़ रही है। जरुरी काम से निकलने वालों के साथ पुलिस द्वारा सहयोग भी किया जा रहा है परन्तु पुलिस की भेदभाव पूर्ण कार्यवाही की हर तरफ निंदा भी हो रही है। जिला प्रशासन द्वारा आज 26 मार्च को दी गई सूचना के अनुसार 7 लोगों पर करफ्यू का उलंघन करने का मामला दर्ज किया गया, जबकि दूसरी तरफ नियमों को धत्ता बताने वालों को पुलिस ने समझा कर छोड़ दिया। पुलिस की कार्यप्रणाली से ऐसा लग रहा है कि जिसकी पहुंच है व जो कोई मामला खड़ा करने की ताकत रखता है उसके आगे झुको और दूसरों को डंडे के जोर पर सलाखों के पीछे धकेल दो। एक तो लोग राशन, दवाएं व अन्य जरुरी सामान न मिलने से परेशान हैं तो दूसरी तरफ पुलिस के डंडे का डर, जनता करे भी तो क्या करे।

Advertisements

ताजा घटनाक्रम बुधवार 25 मार्च देर सायं का बताया जा रहा है, जिसमें होशियारपुर के घंटाघट इलाके में पड़ते मोहल्ला जगतपुरा में स्थित एक डेरे में नवरात्रों के उपलक्ष्य में धार्मिक कार्यक्रम करवाया जा रहा था। कोरोना वायरस के चलते लोगों को घरों से न निकलने की सख्ती से हिदायत की गई है वहीं डेरे में बड़ी संख्या में पहुंचे लोग डेरा मुखी के साथ मिलकर कार्यक्रम का हिस्सा बने हुए थे। लोग एक जगह पर इक_ा न हों इसके लिए प्रशासन द्वारा सभी कार्यक्रमों पर रोक लगाई गई है तथा होटल रेस्तरां भी बंद कर दिए गए हैं ताकि लोग एक स्थान पर इक_ा न हो सकें। लेकिन हिदायतों की अनदेखी करके उक्त डेरा मुखी द्वारा लोगों का इक_ा करके कार्यक्रम करना सवालों के घेरे में है। डेरा मुखी का कहना था कि नवरात्रों के उपलक्ष्य में आसपास के लोग इक_ा हुए थे, परन्तु अगर इनमें से कोई बीमार हो और दूसरे लोग भी उसकी चपेट में आ गए तो इसका जिम्मेदार कौन होगा पूछे गए सवाल के उनके पास कोई जवाब नहीं था। वैसे भी सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार बाबा जी की पहुंच बड़े लोगों तक होने के कारण पुलिस के हाथ भी बंधे से दिखे व पुलिस ने समझाकर बात को खत्म करना ही अच्छा समझा। अन्यथा बाद में थाने पहुंचकर अच्छी खासी कसरत हो जाती व शायद फिर भी छोडऩा ही पड़ता।

ये तो भगवान को शुक्र है कि होशियारपुर शहर में कोरोना से ग्रस्त कोई मरीज अभी तक नहीं है, लेकिन कई लोग जो बीमार होने संबंधी किसी भी तरह की जानकारी को छिपा रहे हैं तो ऐसे में अगर कोई नई मुसीबत पैदा होती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा यह भी बड़ा सवाल है। इसलिए प्रशासन कोई जोखिम मोल नहीं लेना चाहता व लोगों को सख्त हिदायत है कि वे घरों में ही रहें व बाहर निकलने वालों पर धारा 188 के तहत कार्यवाही की जाएगी। जैसा कि रोजाना ही प्रशासन द्वारा किया ही जा रही है।

इसकी भनक लगते ही मौके पर पहुंचे थाना सिटी प्रभारी गोविंदर कुमार ने कार्यक्रम बंद करवाया और ा। इस दौरान उन्होंने कड़ी चेतावनी देते हुए उन्हें भविष्य में ऐसा न करने की हिदायत की। मौके पर पहुंचे मीडिया कर्मियों के चलते कैमरे देख वहां मौजूद लोगों ने कैमरे बंद करने को कहा ताकि उनकी यह करतूत दुनिया की नजरों से बची रहे। परन्तु मीडिया कर्मी डटे रहे ताकि सच्चाई सबके सामने आ सके।

वैसे भी कोरोना वायरस के चलते जनता को जिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है उनके बीच पुलिस का अत्याचार जले पर नमक छिडक़ने के समान है। आलम यह है कि पुलिस लोगों को ऐसे पीट रही है जैसे उन्होंने कोई कत्ल कर दिया हो या वो कोई गैंगस्टर हो। परन्तु जनता को डंडे की भाषा से समझाने वाले पुलिस कर्मी यह भूल जाते हैं कि उनके परिवार भी इसी समाज की हिस्सा हैं तथा उन्हें अपनों से कैसा व्यवहार करना चाहिए। पुलिस के चलते डंडे देख ऐसा लगता है कि पुलिस कर्मी जैसे अपनी भड़ास निकाल रहे हों व यह बता रहे हों कि इस करफ्यू में हम से बड़ा गुंडा कोई नहीं है। अब देखना यह होगा कि उक्त मामले को आला अधिकारी इस मामले को किस तरह लेते हैं।

मीडिया द्वारा थाना प्रभारी गोविंदर कुमार से बात करने पर उन्होंने कहा कि सूचना मिली थी कि वहां पर कुछ लोग इकट्ठ होकर पूजा आदि कर रहे हैं तथा उन्होंने वहां पहुंचकर उन्हें समझाया और वे बात को समझते हुए अपने घरों को चले गए। अगर वे आगे से ऐसा करेंगे तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here