कोरोना टैस्ट के लिए अलग वार्ड बनाए सरकार और स्टाफ को दे शिष्टाचार की शिक्षा: अश्विनी गैंद

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। कोरोना महामारी के कहर से आज पूरा विश्व जूझ रहा है तथा हमारा देश भी इससे अछूता नहीं है। मगर, अफसोस की बात है कि पंजाब में इसे लेकर न तो पुख्ता प्रबंध हैं और न ही जनता की सेहत का कोई ध्यान ही रखा जा रहा है। जिसके चलते कोरोना टैस्ट करवाने वाले व आम बीमारियों से जूझ रहे लोगों की तरफ सरकार व स्वास्थ्य विभाग द्वारा ध्यान न दिए जाने से लोगों की समस्याएं और भी बढ़ रही हैं। इससे भी अफसोसजनक बात यह है कि एक तरफ जहां कोरोना वारियर्स के रुप में कई कर्मचारी दिन रात अपना कर्तव्य निभा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ कुछेक कर्मचारी ऐसे भी हैं, जो मरीजों व टैस्ट करवाने आए लोगों के साथ कैसे व्यवहार करना चाहिए संबंधी शिष्टाचार भी भूल चुके हैं। जिसके कारण हालात काबू में आते-आते बेकाबू होते दिखाई देने लगे हैं।

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इसलिए सरकार को चाहिए कि वो सिविल अस्पताल में कोरोना टैस्ट के लिए अलक से बार्ड बनाए और वहां तैनात किए जाने वाले स्टाफ को भी शिष्टाचार की शिक्षा दे ताकि लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े। यह बात जिला भाजपा मंडल अध्यक्ष एवं नई सोच के संस्थापक अध्यक्ष अश्विनी गैंद ने सिविल अस्पताल में कोरोना टैस्ट करवाने पहुंचे लोगों को पेश आ रही समस्याओं को देखते हुए कही। उन्होंने कहा कि जो लोग बाहर से आते हैं उनके लिए कोरोना टैस्ट करवाना जरुरी होता है तथा हिदायतों के अनुसर अगर कोई सिविल अस्पताल होशियारपुर में अपना टैस्ट करवाने पहुंचता है तो पहले तो उसे और लोग आने तक रुकने को कहा जाता है तथा जब काफी भीड़ इकट्ठी हो जाती तो उसके बाद टैस्ट प्रक्रिया प्रारंभ की जाती है। जिससे टैस्ट करवाने आए लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। क्योंकि, एक तरफ सरकार कहती है कि भीड़ इकट्ठा न होने दें या भीड़भाड़ वाली जगह पर न जाएं तो दूसरी तरफ कोरोना टैस्ट के लिए भीड़ को इकट्ठा करके किन हिदायतों का पालन किया जा रहा है, समझ से परे है।

अश्विनी गैंद ने कहा कि जब कोरोना टैस्ट किए जाने की प्रक्रिया चलती है तो उस समय अन्य सेवाएं बंद कर दी जाती हैं व दूसरी बीमारियां चैक करवाए आए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। इसलिए सरकार को चाहिए कि वो विभाग को निर्देश जारी करे कि वो कोरोना टैस्ट के लिए जैसे-जैसे कोई आता जाए उसका टैस्ट किया जाए और इसके लिए अलग से वार्ड बनाया जाए। इसके अलावा स्टाफ को कोरोना टैस्ट संबंधी किट मुहैया करवाए जा ताकि किसी भी तरह के संभावित खतरे को टाला जा सके। अश्विनी गैंद ने कहा कि अगर सरकार सही मायनों में जनता को कोरोना से बचाना चाहती है तो इसके लिए पूरे प्रबंध भी करे ताकि इसके कहर को पूरी तरह से समाप्त किया जा सके।

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