मास्क के चालान काटने पर भडक़े दुकानदारों ने जताया रोष, धक्केशाही बंद न होने पर दी संघर्ष की चेतावनी

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: संदीप वर्मा। कोरोना वायरस के चलते पहले से ही मंदी की मार झेल रहे दुकानदारों पर कोरोना बीमारी बनकर तो नहीं बल्कि चालान के रुप में कहर बरपाने लगा है। एक तरफ सरकार कोरोना की रोकथाम के लिए कई प्रयास कर रही है और लोगों को मास्क आदि लगाकर रखने की हिदायत की गई तथा जो मास्क आदि न पहने उसका चालान किया जा रहा है। लेकिन दुकानदारों का दुख उस समय और बढ़ गया जब दुकान पर बैठे दुकानदारों का चालान काटकर उनके हाथ थमा दिया गया। जिसके चलते उनमें काफी रोष पाया जा रहा है। दुकानदारों का कहना है कि सरकार खजाना भरने के लिए जनता के साथ धक्के पर उतर आई है तथा दुकान पर बैठे लोगों का चालान काटकर अपना तानाशाह रवैया दिखा रही है। दुकानदारों ने इसका कड़ा विरोध किया।

Advertisements

जानकारी अनुसार कोतवाली बाजार एवं घंटाघर से रेलवे रोड पर सरकारी स्कूल के सामने दुकान पर बैठे दुकानदारों को पुलिस द्वारा मास्क न पहनने पर चालान काटकर थमा दिया गया। कोतवाली बाजार में दुकान करने वाले गुरमीत सिंह ने बताया कि वे सुबह 10 बजे दुकान पर बैठकर फोन पर किसी से बात कर रहे थे कि मास्क न पहनने पर 500 का चालान काट दिया गया, इंद्रपाल सेठी ने बताया कि वे भी दुकान पर बैठे थे और उनका भी 500 का चालान काट दिया गया। एक अन्य दुकानदार गुरमीत सिंह ने बताया कि होशियारपुर पुलिस की ओर से धक्का किया जा रहा है, वे तो अपनी दुकान पर बैठकर फोन पर बात कर रहे थे कि इसी दौरान पुलिस ने उनका मास्क न पहनने का चालान काट दिया। जबकि उन्होंने तो मास्क भी लगा रखा था। दुकानदारों ने कहा कि दुकान पर बैठे हुए भी चालान काटना जायज नहीं है, अगर वे बिना मास्क के बाहर जाते तो उनका चालान काटा जाता तो उन्हें दुख नहीं होता। मगर, अपनी दुकान पर बैठे दुकानदार के साथ पुलिस का व्यवहार निंदनीय है।

इस मौके पर गुरमीत सिंह, इंद्रपाल सिंह, सतीश सरीन, नरेश कुमार, शम्मी कुमार, अमनदीप सिंह, अमृत पाल, दलजीत सिंह तुली, सतवंत सिंह, महिंदर सिंह, राकेश कुमार, प्रदीप सिधू व विनोद सरीन आदि ने कहा कि कोरोना के कारण पहले ही कारोबार नहीं रहा और ऊपर से पुलिस द्वारा किया जा रहा धक्का व अत्याचार उनके लिए परेशानियां खड़ी कर रहा है। दुकानदारों ने चेतावनी दी कि अगर पुलिस ने धक्केशाही बंद न की तो दुकानदारों को मजबूरन संघर्ष का रास्ता अपनाना पड़ेगा। क्योंकि, अब ये दुकानों पर पहुंचकर चालान काट रहे हैं और फिर ये घरों मं भी घुसकर लोगों की जीना मुहाल कर देंगे। सरकार ने राहत तो क्या देनी है बल्कि चालानों के नाम पर जनता का आर्थिक शोषण किया जा रहा है, लेकिन वे इसे सहन नहीं करेंगे। क्योंकि, कोरोना की रोकथाम में जितना व्यापारी वर्ग ने साथ दिया और घाठा उठाया है उसकी एवज में सरकार उनपर अत्याचार व धक्केशाही करे यह किसी भी सूरत में तर्कसंगत नहीं है और न ही दुकानदार इसे सहन करेंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here