डायलसिस के बाद बिगड़ी युवती की हालत, डाक्टर पर लापरवाही का आरोप, परिजनों ने जताया रोष, इंसाफ की मांग

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। शहर के सरकारी कालेज चौक के समीप स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में उस समय हंगामा हो गया जब डायलसिस के बाद एक युवती की हालत बिगड़ी गई और उसे वैंटीलेटर लगाना पड़ा। डायलसिस के बाद पट्टी ढीली रहने के कारण युवती का काफी खून बह जाने से वह बेसुध हो गई और उसकी हालत को देखते हुए अस्पताल की तरफ से वैंटीलेटर पर रख दिया गया तथा मामला बिगड़ता देख परिजनों को युवती को पीजीआई ले जाने की बात कही जाने लगी। जानकारी देते हुए गोपी पुत्र जगवंत निवासी गोकल नगर होशियारपुर ने बताया कि उसकी बहन चरनजीत कौर (34) की किडनी में इंफैक्शन थी और उसका इलाज इस प्राइवेट अस्पताल में चल रहा था। उसने बताया कि चरनजीत की हालत खराब होने पर वे उसे सिविल अस्पताल ले गएस लेकिन अस्पताल वालों ने उसे शिफ्ट करने की बात कही तथा इस पर उन्होंने कहा कि उसका इलाज उक्त अस्पताल में चल रहा है तो उन्हें वहीं शिफ्ट कर दें। जिस पर सिविल अस्पताल वालों ने उन्हें यहां रैफर कर दिया। वे शुक्रवार को यहां आए थे।

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गोपी ने बताया कि रविवार को अस्पताल वालों ने कहा कि चरनजीत को 6 बोतलें फ्रैश खून की चढ़ेंगी तथा उसने किसी तरह से खून का इंतजाम करके अस्पताल वालों को दिया। जिसके बाद चरनजीत में खून 3 ग्राम से 6 ग्राम हो गया, जिसकी रिपोर्ट भी है। इसके बाद उसका डायलसिस किया गया और अस्पताल वालों ने कहा कि उन्हें आज शाम 5 बजे तक छुट्टी दे दी जाएगी। गोपी ने आरोप लगाया कि अस्पताल वालों ने उन्हें कहा कि लिफ्ट खराब है, अब यह नहीं पता कि लिफ्ट खराब है या बंद करके रखी गई है। इसके चलते वह खुद अपने बहन को स्ट्रेचर पर डालकर नीचे लेकर आया। इसी बीच चरनजीत की पट्टी खुलने से काफी रक्त बह गया और वह बेसुध हो गई। उसके कपड़े एवं बैड की चादर खून से लथपथ हो गई। जबकि अस्पताल वालों का कहना था कि चरनजीत की हालत स्टेबल हो गई है तथा अब वो ठीक है व छुट्टी दे दी जाएगी। चरनजीत की हालत बिगड़ता देख पहले तो अस्पताल वालों ने उनकी कोई बात नहीं सुनी तथा न ही उन्हें कुछ बताया। अस्पताल वाले यह कहने लगे कि जिस लडक़े से, जोकि डाक्टर है व डायलसिस करता है पर आप मामला दर्ज करवा दो और अपने पेशैंट को पीजीआई ले जाओ। गोपी ने कहा कि एक बच्ची की जान खतरे में डालकर अस्पताल प्रबंधन का यह कहना है कि आप उक्त लडक़े पर एफआईआर करवा दो और अपना देख लो आपने क्या करना है कहां तक जायज है। यह तो गैरजिम्मेदाराना व्यवहार है, जिसके लिए उन्हें कभी माफ नहीं किया जा सकता। चरनजीत की हालत खराब होने का पता चलते ही उसके रिश्तेदार एवं मोहल्ले के जानकार लोग भी अस्पताल पहुंचने लगे थे। इस बात का पता चलते ही एहतिदयात के तौर पर थाना सिटी पुलिस भी मौके पर पहुंच गई थी।

गोपी ने बताया कि जब चरनजीत का काफी खून बह गया तो अस्पताल वालों ने खून से सनी चादर छिपा दी, जिसे वे छत से ढूंढ कर लाया है और उसका सूट भी उसने दिखाया जोकि खून से भरा हुआ था। गोपी व उसके समर्थन में पहुंचे लोगों ने कहा कि चरनजीत की ऐसी हालत बनाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए, अन्यथा वे कड़े संघर्ष को मजबूर होंगे। दूसरी तरफ अस्पताल प्रबंधकों का कहना था कि जिस लडक़े से गलती हुई उसे निकाल दिया जाएगा व यह जो भी कानूनी कार्यवाही उस पर करना चाहें कर सकते हैं।

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