लॉकडाउन के दौरान विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के अलग-अलग कैडरों में की गई है तरक्कियां: सरकारिया

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। दुनिया भर में फैली कोविड-19 महामारी के बावजूद पंजाब के जल स्रोत विभाग के अलग-अलग कैडरों में 100 से भी ज्यादा तरक्कियाँ की गई हैं। यह तरक्कियाँ ग्रुप ए, बी और सी के अधिकारियों /कर्मचारियों कि की गई हैं। प्रवक्ता ने बताया कि जल स्रोत विभाग के मंत्री सुखबिन्दर सिंह सरकारिया की पहलकदमी स्वरूप कुल 104 अधिकारियों /कर्मचारियों को कफ्र्यू और लॉकडाउन के दौरान तरक्कियाँ दी गई हैं। इनमें बहुत से अधिकारी ऐसे थे जो सेवामुक्ति के निकट थे और कुछ अधिकारी आने वाले समय में सेवामुक्त हो रहे हैं। जल स्रोत विभाग में हुई तरक्कियों सम्बन्धी जानकारी देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि 5 निगरान इंजीनियरों को मुख्य इंजीनियर के तौर पर तरक्की दी गई है जबकि 25 कार्यकारी इंजीनियरों को तरक्की देकर निगरान इंजीनियर बनाया गया है। इसी तरह 43 जे.ई. /सहायक इंजीनियरों को तरक्की देकर उपमंडल अफसर (एस.डी.ओ.) बनाया गया है और 31 राजस्व क्लर्कों /मुख्य राजस्व क्लर्कों को जिला अधिकारी के तौर पर तरक्की दी गई है। बहुत से जिलेदारों ने प्रशिक्षण शुरू भी कर दिया है। इन तरक्कियों से विभाग के काम में चुस्ती और तेजी आई है।

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विभाग के कर्मचारियों /अधिकारियों द्वारा कफ्र्यू और लॉकडाउन के दौरान किये कामों की जल स्रोत मंत्री ने कई बार सराहना की है। काबिलेगौर है कि जल स्रोत विभाग पंजाब की किसानी के लिए बहुत अहम है और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा दिए गए निर्देशों के अंतर्गत विभाग ने लॉकडाउन /कफ्र्यू के दौरान बेमिसाल काम किये हैं। प्रवक्ता के अनुसार लॉकडाउन के दौरान भी विभाग के अधिकारी /कर्मचारी रजबाहों, ड्रेनों और माईनरों के सफाई कार्यों में जुटे रहे हैं। इसके अलावा जल स्रोत विभाग के अधिकारियों /कर्मचारियों ने कोरोनावायरस के साथ लडऩे के लिए 1.60 करोड़ रुपए सहायता के तौर पर मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए दिए हैं। कोविड-19 महामारी के फैलाव को रोकने के लिए लगाई गई पाबंदियों के बावजूद शाहपुरकंडी डैम प्रोजैक्ट पर भी काम जारी रहा। उन्होंने बताया कि कोविड से बचाव सम्बन्धी ‘मिशन फतह’ के अंतर्गत बताए सभी सुरक्षा उपायों को यकीनी बनाते हुए जल स्रोत विभाग ने 29 अप्रैल, 2020 को शाहपुरकंडी डैम प्रोजैक्ट का निर्माण कार्य फिर से शुरू किया था। उन्होंने बताया कि इस प्रोजैक्ट में अगस्त 2023 तक बिजली उत्पादन शुरू होने की आशा है। इससे राज्य में सिंचाई प्रणाली और वातावरण अनुकूल बिजली उत्पादन में और सुधार आएगा।

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