कोविड-19 टेस्टिंग के लिए मोहाली की पंजाब बायोटैक्रोलॉजी इनक्युबेटर वायरल डायग्नोस्टिक लैबोरेट्री का उद्घाटन

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़़)। विज्ञान, प्रौद्यौगिकी और पर्यावरण विभाग के अधीन आने वाले मॉलीक्यूलर डायग्नोस्टिक आधारित आरटी-पीसीआर की सामथ्र्य के साथ खाद्य, पानी, कृषि और पर्यावरण के क्षेत्रों में एन.ए.बी.एल. द्वारा मान्यता प्राप्त सुविधाएं देने वाले पंजाब बायोटैक्रोलॉजी इनक्युबेटर को इस वैश्विक महामारी के समय में राज्य में कोविड-19 की टेस्टिंग सामथ्र्य को मज़बूत करने के लिए चुना गया है। चिकित्सक शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग और बाबा फऱीद यूनिवर्सिटी ऑफ हैल्थ साइंसेज़ के सहयोग से 1000 फुट से अधिक क्षेत्रफल में स्थापित एक योजनाबद्ध बुनियादी ढांचे और अत्याधुनिक उपकरणों वाली पी.बी.टी.आई. की वायरल डायग्नोस्टिक लैबोरेट्री का कोविड-19 टेस्टिंग की सामथ्र्य बढ़ाने के लिए आज उद्घाटन किया गया। इस मौके पर चिकित्सक शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री श्री ओ.पी. सोनी और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू, आलोक शेखर आई.ए.एस. पी.एस.एस.टी.ई., डी.के. तिवाड़ी आई.ए.एस., पी.एस.एम.ई.आर, डॉ. राज बहादुर, उप कुलपति बाबा फऱीद यूनिवर्सिटी ऑफ हैल्थ साइंसेज़ और अन्य आदरणीय शामिल थे। मंत्रियों ने इस मौके पर श्री आलोक शेखर और उनकी टीम को बधाई दी।

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आलोक शेखर ने बताया कि लैबोरेट्री पूरी तरह कार्यशील हो गई है और आई.सी.एम.आर. से मंज़ूरी मिलने के बाद कोविड के सैंपलों का विश£ेषण करना शुरू कर दिया है। पी.बी.टी.आई. के सी.ई.ओ. डॉ. अजीत दूआ ने बताया कि रोज़ाना के 100 नमूनों की जांच के साथ शुरूआत करते हुए अब ऑटोमेटिड आर.एन.ए. एक्सट्रैकशन सिस्टम लगाने से टेस्टिंग का सामथ्र्य प्रतिदिन 1000 टैस्टों तक बढ़ा दिया जाएगा। इस मौके पर पी.पी.सी.बी. और विप्रो लिमटिड द्वारा अत्याधुनिक उपकरणों और पी.पी.ई. किटें मुहैया करवाने के लिए की गई सहायता का धन्यवाद भी किया।

जि़क्रयोग्य है कि पी.बी.टी.आई. अपनी किस्म की पहली पब्लिक सैक्टर लैबोरेट्री है जो देश के उद्योगों, निर्यात करने वालों, व्यापारियों, किसानों, मधुमक्खी पालकों, उद्दमियों, स्टार्ट-अप्स और रैगूलेटरों और विशेष तौर पर पंजाब को 2007 से अत्याधुनिक सेवाएं प्रदान कर रही है। इस समय के दौरान, इसने अलग-अलग मंत्रालयों द्वारा विभिन्न राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय मान्यता और राष्ट्रीय रैफरल लैबोरेट्री का दर्जा हासिल किया है, जिसमें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा रैफऱल लैबोरेट्री के तौर पर और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एलएमओ / जीएमओ अनुसंधान के लिए नेशनल रैफरल लैबोरेट्री के तौर पर नोटीफाई करना शामिल है। इसने भोजन की प्रामाणिकता जैसे प्रमुख क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय सम्बन्ध भी स्थापित किए हैं। पी.बी.टी.आई. के सामथ्र्य को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने अपने लक्षित क्षेत्रों में इसको स्टेट एनालिटीकल एजेंसी के तौर पर नोटीफाई किया है। पी.बी.टी.आई. की टीम ने राज्य में कोविड-19 कफ्य़ू के दौरान राज्य और पड़ोसी क्षेत्रों के खाद्य निर्यातकत्ताओं और प्रोसैसरों को आवश्यक सहायता मुहैया करवाई, जिसके लिए पी.एस.एस.टी.ई. द्वारा उनकी सराहना भी की गई।

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