कोविड -19 के बाद सभी जिलों में नशा पीडि़तों के लिए विशेष कौशल विकास प्रशिक्षण प्रोग्राम की होगी शुरूआत: मंत्री

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब कौशल विकास मिशन की तरफ से राज्य में नशा पीडि़तों के लिए एक विशेष कौशल प्रशिक्षण प्रोग्राम की शुरूआत की गई हैै। यह विशेष प्रोग्राम अब तक छह जिलों में लागू किया जा चुका है। यह जानकारी देते हुये आज यहाँ रोजग़ार सृजन और प्रशिक्षण मंत्रीचरनजीत सिंह चन्नी ने बताया कि यह प्रोग्राम मोगा, लुधियाना, फरीदकोट, फाजिल्का, फिऱोज़पुर और तरन तारन जिलों में शुरू किया गया था। श्री चन्नी ने बताया कि पंजाब कौशल विकास मिशन के अंतर्गत 415 नशा पीडि़तों को प्रशिक्षण दिया गया है जिनमें से 378 को प्रमाण-पत्र दिए गए हैं और 144 को रोजग़ार दिया जा चुका है। उन्होंने आगे कहा कि 765 और नशा पीडि़त अभी भी कौशल प्रशिक्षण अधीन हैं परन्तु कोविड 19 के फैलने के कारण उनकी प्रशिक्षण रोक दिया गया है।

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मंत्री ने आगे कहा कि कोविड-19 के बाद यह विशेष कौशल विकास प्रशिक्षण प्रोग्राम अन्य जिलों में भी चलाया जायेगा। इससे नशा करने वालों को मुख्य धारा में लाया जायेगा जिससे वह खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकें। इस विशेष कौशल प्रशिक्षण प्रोग्राम संबंधी जागरूकता फैलाने के लिए पी.एस.डी.एम ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को सभी ओट, नशा छुड़ाओ और पुनर्वास केन्द्रों में प्रदर्शित करने के लिए आई.ई.सी सामग्री उपलब्ध करवाई है जिससे और ज्यादा रुचि रखने वाले नशाखोर कौशल विकास सम्बन्धी कोर्सों के लिए आवेदन दे सकें। श्री चन्नी ने बताया कि पीएसडीएम 12 विभिन्न पेशों में नशा पीडि़त उम्मीदवारों को कौशल का प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है इनमें डीटीएच सैट टाप बॉक्स इंस्टालेशन टैकनीशियन, प्लम्बर जनरल, रिटेल ट्रेनी एसोसिएट, इलैक्ट्रिकल टैकनीशियन, सोलर पैनल टैकनीशियन, हाऊसकीपर कम कुक, एअरलाईन रिजऱवेशन एजेंट, फील्ड टैकनीशियन कम्प्यूटिंग पैरीफिरलज़, फील्ड टैकनीशियन अन्य घरेलू उपकरण और फील्ड टैकनीशियन नैटवर्किंग स्टोरेज आदि शामिल हैं।

रोजग़ार सृजन विभाग के सचिव राहुल तिवाड़ी ने बताया कि पीएसडीएम के चार प्रमाणित प्रशिक्षण हिस्सेदार – लार्ड गणेशा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलोजी, आई.आई.ए.ई ऐजूकेशनल सोसायटी, रीजैंट सॉफ्टवेयर और विद्याकेयर इस विशेष लक्ष्य वाले समूह को कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इन बैंचों में पीएसडीएम ने उनको रोजगारमुखी शिक्षा के ज़रिये मुख्य धारा में लाने की कोशिश की है और हर बैंच के 50:50 के अनुपात में साधारण उम्मीदवारों के साथ प्रशिक्षण दिया गया है। श्री तिवाड़ी ने आगे कहा कि पीएसडीएम, रोजग़ार ऐंटरप्राईजज़ के जि़ला ब्यूरोज़ (डीबीईईज़) और जि़ला प्रशासन ऐसे नशाखोरी के पीडि़तों के कौशल विकास प्रशिक्षण और रोजग़ार के लिए तालमेल से काम कर रहे हैं।

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