होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। जिला रक्षा सेवाएं भलाई अधिकारी कर्नल दलविंदर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 1962 व वर्ष 1965 के युद्ध के दौरान पक्के नकारा सैनिकों, विधवाओं, मां-बाप या बच्चे और वर्ष 1971 के युद्ध के दौरान शहीद सैनिकों की विधवाओं को जमीन अलाट, जमीन के बदले नकद राशि देने संबंधी होशियारपुर जिले के जो प्रार्थी नियमों की जानकारी के अभाव के कारण 28 जनवरी 1976 तक अप्लाई नहीं कर सके व इन शहीद सैनिकों के प्राकृतिक वारिसों, जिनके नाम इस कार्यालय की ओर से मेनटेन की सूचियों व सांझी पड़ताल रिपोर्ट में दर्ज नहीं है वे 25 अगस्त तक जिला रक्षा सेवाएं भलाई अधिकारी कार्यालय, होशियारपुर में अपने सभी संबंधित दस्तावेज सहित रिपोर्ट करें।
इसके अलावा इन केसों में जिन प्रार्थियों की ओर से कट आफ डेट 4 जनवरी 2010 के बाद या पहले कभी जमीन का लाभ लेने संबंधी पत्र व्यवहार किया हो और पत्र व्यवहार के दौरान किसी कारण से उनका केस अधूरा रह गया हो, वे भी उक्त तिथि तक जिला रक्षा सेवाएं भलाई कार्यालय में संपर्क करें ताकि रह गए योज्य लाभार्थियों की सूचना मुख्य कार्यालय चंडीगढ़ में समय पर भेजी जा सके। जिला रक्षा सेवाएं भलाई अधिकारी ने बताया कि जो लाभार्थी पूरा या अधूरा लाभ प्राप्त कर चुके हैं, उनके प्रार्थना पत्रों पर कोई विचार नहीं किया जाएगा। इसके अलावा निर्धारित तिथि तक यदि कोई भी प्रार्थी इस कार्यालय में रिपोर्ट नहीं करता है तो यह समझ लिया जाएगा कि इस जिले का कोई लाभार्थी नहीं है और उस मुताबिक मुख्य कार्यालय चंडीगढ़ को उनकी मांग के अनुसार यह लिखकर भेज दिया जाएगा कि होशियारपुर जिले का कोई और केस लंबित नहीं रह गया है।
उन्होंने कहा कि उक्त प्रार्थियों के सगे संबंधियों ने देश की रक्षा करते हुए अपनी जान कुर्बान की है, इसलिए इसे मद्देनजर रखते हुए इन केसों को दोबारा सरकार के ध्यान में लाना बनता है, ताकि उचित लाभ देने के लिए विचार किया जाए।