राजौरी (द स्टैलर न्यूज़, 15-10), रिपोर्ट: अनिल भारद्वाज। पिछले करीब आठ माह से ऐतिहासिक मुगल रोड से श्रीनगर की आवाजाही करने पर प्रशासन द्वारा सख्त पाबंदी लगा रखी है। जहां तक कि गंभीर बीमारी से पीडि़त व्यक्ति को भी इस सडक़ मार्ग का लाभ नहीं दिया जा रहा है। जिसके चलते राजौरी-पुंछ के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। और लोगों में काफी रोष देखा जा रहा है और लोगों ने मुगल रोड को खोलने की मांग की है। वीरवार को मुगल रोड एक्शन कमेटी ( एमएसी) ने प्रशासन द्वारा राजौरी-पुंछ की आवाम के साथ सौतेला व्यवहार व लोगों की समस्या को नजरअंदाज करने पर कड़ा रोष व्यक्त किया। कमेटी के चेयरमैन मीर शाहिद सलीम , शबीर राथर, आकिब बानी, एडवोकेट जाहूर अहमद आदि ने प्रेस क्लब राजौरी में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि सडक़ संपर्क से पिछले 73 सालों से दिल्ली बाले कश्मीर बेली से नहीं जोड़ सके दिमागी तोर पर जोडऩा तो बात ही छोड़ दो।
चलने फिरने की आजादी तक नहीं है अपनी ही जगह पर नाके लगा के तंग किया जा रहा है। जहां सडक़ पर चलने के लिए डिवकाम की परमिशन लेनी होती है। डिवकाम का मुगल रोड से कोई संबंध नहीं है और लोगों को मजबूरन परेशान किया जा रहा है। हम लोगों को अपने ही देश मे एक जगह से दूसरे जगह पर जाने पर सख्त पाबंदियां लगा के रखी हुई हैं। राजौरी-पुंछ के लोग कोई पाकिस्तान, अफगानिस्तान या जलालाबाद तो नहीं जा रहे। जरूरी काम व इलाज के लोगों को कश्मीर में आना जाना करना होता है पर हम लोगों के साथ सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है। जब यह सडक़ बनी थी तो तब कहा गया था कि इस रोड के बनने से खासकर राजौरी-पुंछ के लोगों को काफी लाभ होगा, क्षेत्र की तरक्की होगी। डिवकाम की यह कौन सी अक्लमंदी है कि जरूरी कार्य व एक गंभीर बीमारी से पीडि़त व्यक्ति को भी इलाज के लिए श्रीनगर जाने पर पाबंदी लगा रखी है।
कमेटी चेयरमैन ने कहा कि सडक़ संपर्क से पिछले 73 सालों से दिल्ली बाले कश्मीर बेली से नहीं जोड़ सके दिमागी तोर पर जोडऩा तो बहुत दूर की बात है। अपनी ही जगह पर नाके लगा के तंग किया जाता रहा है। संबंधित विभाग व जम्मू कश्मीर प्रशासन ने अपने ही धंदे बना के रखे हुए है। हम लोगों को सडक़ पर भी नहीं चलने दिया जा रहा है। मुगल रोड एक्शन कमेटी ने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल से मांग की है कि वह जल्द से जल्द मुगल रोड पर आवाजाही करने का आदेश जारी कर समस्या से निजात दिलवाए। नहीं तो आने बाले दिनों में परेशान आवाम सडक़ों पर होगी जिसका जवाबदेह प्रशासन होगा।