नदी में गंदगी डालने पर भूख हड़ताल, समाधान के लिए प्रशासन ने मांगा 3 महीने का समय

जम्मू/राजौरी (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: अनिल भारद्वाज। राजौरी शहर के पर्यावरण की रक्षा में विफलता के लिए राजौरी के विभिन्न विभागों के खिलाफ आज एक अभियान शुरू किया गया । जिसकी अध्यक्षता सामाजिक कार्यकर्ता सुशील कुमार बजरंगी द्वारा की गई। सुशील ने कहा कि में किसी सरकारी व निजी कर्मी के खिलाफ नहीं हूं। मेरा मकसद राजौरी शहर से गुजरने बाली नदी नाले को दूषित होने से बचाना है। साथ ही कहा कि प्रशासन आंखें मूंद कर सोया है जिसे अब जगना होगा। पयार्वरण को बचना हम सब का फर्ज है। वहीं भूखहड़ताल की सूचना मिलते ही तहसीलदार व चेयरमैन नगरपरिषद राजौरी आरिफ जट व अन्य अधिकारी धरने स्थल पर सामाजिक कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचे । और आश्वासन दिया कि राजौरी को कचरा मुक्त पर काम हो रहा है। आला अधकारियों को लिख रखा है । आप तीन माह का समय दें। और तहसीलदार व चेयरमैन नपा राजौरी ने पूरे आश्वासन के साथ पानी पिलाकर भूखहड़ताल से उठने के लिए राजी किया।

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सुशील कुमार बजरंगी, अनिल आदि ने कहा कि हाल के वर्षों में राजौरी शहर एक ऐसी समस्या का सामना कर रहा है जिसके बारे में कोई बात नहीं कर रहा हैं। जब कोई राजौरी शहर में प्रवेश करता है, तो पहला स्थान सलानी नदी के किनारे का होता है, लेकिन हाल के वर्षों में, यह नदी किनारे कचरा डंपिंग साइट बन गई है और इसके पास की नदियाँ बुरी तरह दूषित हो रही हैं। मुर्गे, अन्य जानवर को मार कर जो गंदगी निकलती है उसे भी नदी में डाल दिया जाता है। शहर की अन्य गंदगी कचरा संबंधित विभाग कर्मियों द्वारा सलानी नदी व सीईओ आफिस के पास डाल दी जाती है। नदी का पानी लोग पेयजल के लिए इस्तेमाल करते हैं लेकिन लोगों को क्या पता कि प्रशासन के सामने बीमारियां दी जा रही हैं। खुले में कचरा गंदगी व नदी का पानी दूषित होने से इससे न केवल स्वच्छ वातावरण प्रभावित हो रहा है बल्कि पूरे शहर की छवि भी खराब हो रही है। वैसे तो सरकारी कागजों में राजौरी को लेंड आफ किंग का नाम भी दिया जाता है। हर साल 2 अक्टूबर महात्मा गांधी के जन्म दिन पर सिर्फ एक दिन के लिए झाडू दिखाकर नगर को साफ करने का दिखावा किया जाता है। सरकारी फंड को बर्वाद किया जाता है। इसी समस्या को लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर जम्मू-पुंछ राजमार्ग व सलानी पुल के सामने नदी के साथ ऊपर भूख हड़ताल शुरू कर दी। पयार्वरण बचाओ देश बचाओ के नारे लगाने लगे। पयार्वरण बचाब को लेकर भूखहड़ताल पर बैठे युवा कार्यकर्ताओ की अध्यक्षता सुशील कुमार बजरंगी कर रहे थे। साथ ही कहा कि श्रीनगर से गाड़ियां भरकर कुत्तों को राजौरी नगर में डाला जा रहा है। आवारा कुत्तों का आतंक इतना बड़ गया है लोगों सुबह की सैर व बच्चे ट्यूशन नहीं जा रहे पा रहे हैं। दो पहिया वाहन लेकर भी कोई सुबह रात को नगर से नहीं गुजर सकता। समस्या भी बड़ी समस्या है।

तहसीलदार राजौरी , नगर परिषद चेयरमैन राजौरी व अन्य अधिकारी भूख हड़ताल पर धरने पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचे और कहा कि हम आप लोगों की मांग से सहमत हैं यह शहर हमारा है। हम सबको मिलकर पर्यावरण को बचाना है। इस संबंध में आला अधिकारियों को लिखत में दिया हुआ है । समस्या का समाधान तीन माह में कर दिया जाएगा। अगर तीन माह में हल नहीं हुआ तो हम भी आपके साथ आंदोलन के लिए खड़े हो जाएंगे। वहीं अधिकारी ने कहा कि कुत्ते को मारना गैरकानूनी है , एक साथ भी इन्हें नहीं रखा जा सकता। हां इसे दूसरी जगह शिफ्ट करेंगे। धरने पर बैठे कार्यकर्ताओं को जलपान करवाकर पूरे आश्वासन के साथ धरने उठा दिया।

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