प्रस्तावित एम.एस.एम.ईज़ विस्तार केंद्र पंजाब के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने में अहम साबित होंगे: मंत्री अरोड़ा

mla arora sunder

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। नए एम.एस.एम.ई. विस्तार केंद्र पंजाब के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने में अहम साबित होंगे। यह नई सुविधाएं राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में प्रौद्यौगिकी की पहुँच को बढ़ाने के साथ-साथ विकसित निर्माण तकनीक तक पहुँच मुहैया करवाएँगी। यह प्रगटावा पंजाब के उद्योग मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने आज यहाँ किया। श्री अरोड़ा ने यह जानकारी देते हुए कहा कि भारत सरकार ने देश भर में हॅब और स्पोक मॉडल के आधार पर 200 करोड़ रुपए (हरेक) की प्रोजैक्ट लागत के साथ 20 नए टैक्रोलॉजी केंद्र (टी.सीज़) और 20 करोड़ रुपए (हरेक) की प्रोजैक्ट लागत के साथ 100 विस्तार केन्द्र (ई.सीज़) स्थापित करने का फ़ैसला लिया है। अपने काम-काज के दो सालों के अंदर मॉडल के स्वै-स्थायी रहने की उम्मीद है।

Advertisements

श्री अरोड़ा ने बताया कि पंजाब में भारत सरकार के सैंट्रल टूल रूम (सी.टी.आर.), लुधियाना और सैंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ हैंड टूल्ज़ (सी.आई.एच.टी.) नामी 2 इंस्टीट्यूट हैं जो पंजाब राज्य में स्थापित होने वाले विस्तार केंद्र के लिए हॅब सैंटर के तौर पर काम करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, पंजाब ने एस.ए.एस. नगर, पटियाला, अमृतसर और होशियारपुर की पहचान की है और हाल ही में सैंट्रल टूल रूम, लुधियाना और सैंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ हैंड टूल्ज़, जालंधर के साथ विस्तार केन्द्रों (स्पोक सेंटरों) की स्थापना के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जहाँ इस मंतव्य के लिए टोकन लीज़ के आधार पर अपनी खाली ज़मीन और इमारतें देने की सहमति बनी।

उन्होंने कहा कि इन प्रस्तावों के अलावा विभाग जालंधर में खेल के सामान की इंडस्ट्री के लिए एक विस्तार केंद्र स्थापित करने के प्रस्ताव पर भी विचार कर रहा है। व्यावहारिक बुनियादी ढांचे को यकीनी बनाने के लिए राज्य सरकार की वचनबद्धता को दोहराते हुए अरोड़ा ने कहा कि एमएसएमई सैक्टर कम निवेश पर रोजग़ार के बड़े मौके प्रदान करता है। नवाचार और रचनात्मकता का प्रयोग करते हुए यह कम कीमत पर समाधान विकसित करने और नए बिजऩेस मॉडलों का सृजन करने में समर्थ है और इस तरह आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसलिए एम.एस.एम.ई. अर्थव्यवस्था और रोजग़ार सृजन की रीढ़ हैं। हालाँकि, इनको प्रौद्यौगिकी, कुशल कामगारों और मार्केट तक पहुँच के मामले में भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
गौरतलब है कि भारत सरकार के एम.एस.एम.ईज़ संबंधी मंत्रालय ने पहले ही देश भर के बड़े औद्योगिक शहरों में 33 प्रौद्यौगिकी सैंटर (टी.सीज़) स्थापित किए हैं। इन टी.सीज़/ई.सीज़ की स्थापना के लिए, यह कल्पना की गई है कि भारत सरकार इस सम्बन्धी सारी मशीनरी/उपकरण प्रदान करेगी और राज्य सरकार विस्तार केंद्र की स्थापना के लिए उपयुक्त ज़मीन और इमारत प्रदान करेगी। प्रौद्यौगिकी केंद्र (टी.सीज़) राज्य के किसी भी बड़े औद्योगिक शहर में स्थापित होंगे और अत्याधुनिक मशीनरी/उपकरण के साथ लैस होंगे। यह सैंटर ऑफ एक्सीलेंस होंगे और हब्ब सैंटरें के तौर पर काम करेंगे। ज़मीनी स्तर पर एम.एस.एम.ईज़ तक उनकी पहुँच को बढ़ाने के लिए, यह हब्ब सैंटर राज्य के संभावित जि़लों या कैचमैंट क्षेत्र (पानी वाले क्षेत्र) में अपने विस्तार केन्द्रों की स्थापना करेंगे। यह प्रौद्यौगिकी केंद्र नवीनतम प्रौद्यौगिकी के साथ लैस होंगे और सम्बन्धित स्पोक्स सेंटरों के लिए काम करेंगे। यह तकनीकी माहिरों के साथ तालमेल करेंगे, नई प्रौद्यौगिकी के लिए लाइसैंसों की खरीद करेंगे और संबंधित स्पोक्स सैंटरों के द्वारा एम.एस.एम.ईज़ को तकनीक मुहैया करवाने में सहायता करेंगे।
प्रस्तावित विस्तार केंद्र में सी.ए.डी, केम, सी.ए.ई, सी.एन.सी मशीनों, पी.एल.सी, ऐमबैड्ड सिस्टम, इंडस्ट्री 4.0, वैलडिंग, पीसने, हीट ट्रीटमेंट सम्बन्धी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। यह सुविधाएं क्षेत्र के एम.एस.एम.ईज़ को टूलिंग और उत्पादन सेवाएं प्रदान करेंगी, जिससे इन शहरों में मौजूद उद्योगों की सहायता की जा सकेगी। यह उद्योगपतियों को अपने हब्ब के सक्रिय तकनीकी और व्यापारिक संबंधों के साथ अपना नया उद्योग शुरू करने में सहायता करेंगे। कौशल विकास की गतिविधियों स्थानीय लोगों को ज्ञान और कौशल प्राप्ति के मौके उपलब्ध करवाएँगी, जिससे वह अपने इलाके के उद्योगों में काम कर सकें और स्थानीय आर्थिकता को बढ़ावा देने में अपना योगदान दे सकें। टूल एंड डाई टैक्नॉलॉजी, सी.ए.डी, केम, सी.ए.ई, पी.एल.सी, ऐमबैडड सिस्टम, वैलडिंग, हीट ट्रीटमेंट के प्रशिक्षण कोर्स उपलब्ध करवाए जाएंगे। यह कोर्स एन.एस.क्यू.एफ की पालना करते हुए 96 घंटों से एक साल के हैं और अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हैं। यह योजना बनाई गई है कि इनमें से हरेक केंद्र को स्वैचालन, हीट ट्रीटमेंट, वैलडिंग के क्षेत्र में पृथक बनाया जाए और एक्सीलेंस के दूसरे केन्द्रों के साथ जोड़ा जाए जिससे मौजूदा और उभर रहे उद्यमियों को संपूर्ण समाधान मुहैया करवाए जा सकें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here