धान के खऱीद सीजऩ के दौरान 2367 अतिरिक्त खरीद केंद्र स्थापित किए: आशू

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब के खाद्य, सिविल सप्लाई और उपभोक्ता मामलों बारे मंत्री भारत भूषण आशु ने कहा कि महामारी के दौरान गेहूँ और धान की सभ्यक खरीद प्रबंधों के साथ पूरे देश के लिए मिसाल कायम की है। आज यहाँ पंजाब भवन में प्रैस कॉन्फ्ऱेंस को संबोधन करते हुए श्री आशु ने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी हिदायतों के मद्देनजऱ खऱीद सीजऩ 2020-21 दौरान राज्य में 2136 अतिरिक्त खरीद केंद्र स्थापित किये गए थे जिसके चलते राज्य में कुल खरीद केन्द्रों की संख्या बढकऱ 4006 हो गई थी जिससे खरीद कार्य निर्विघ्न ढंग के साथ सम्पन्न किया जा सके। रबी सीजऩ के दौरान 127.11 लाख मीट्रिक टन गेहूँ की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गई जिससे 10 लाख से अधिक किसानों को लाभ पहुँचा। इसी तरह खरीफ खऱीद सीजऩ के दौरान सभी खरीद एजेंसियों की तरफ से 202.78 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई जोकि अब तक की धान की सबसे बड़ी खरीद साबित हुई है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से राज्य के लोगों की भलाई के लिए कई बेमिसाल कार्य शुरु किए गए हैं। इसी के अंतर्गत राज्य में स्मार्ट राशन कार्ड स्कीम की शुरुआत की गई जिसके द्वारा 37 लाख परिवारों को चिप आधारित कार्ड दिए गए हैं जिसका लाभ 1.41 करोड़ लोगों को होगा। इस स्कीम से लाभार्थीयोंं को सरकार की तरफ से तय अनाज हासिल करने के लिए किसी भी अन्य दस्तावेज़ को दिखाने की ज़रूरत नहीं पड़ती और इससे पूरी अनाज वितरण प्रणाली में पारदर्शिता यकीनी बन गई है। उन्होंने कहा कि इस स्कीम के अलावा स्टेट स्पाँसर्ड राशन कार्ड स्कीम अधीन सरकार की तरफ से 237200 परिवारों के (4 सदस्य आधारित परिवार) के 9,48,801 लाभार्थी परिवारों को राशन मुहैया करवाया जायेगा और यह स्कीम शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इस स्कीम का लाभ उन लाभार्थीयों को मिलेगा जो कि किसी कारण राष्ट्रीय खाद्य अधिनियम, 2013 अधीन लाभार्थी नहीं बन सके थे। स्टेट स्पाँसर्ड राशन कार्ड स्कीम पर पंजाब सरकार साल के 120 करोड़ रुपए ख़र्च करेगी। श्री आशु ने बताया कि पंजाब सरकार की तरफ से सरकारी राशन डिपूओं की खाली पड़े 7219 पदों को भरने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है जिनमें से 6232 पद ग्रामीण और 987 पद शहरी क्षेत्र से सम्बन्धित हैं। पारदर्शिता और कुशलता को यकीनी बनाने के मद्देनजऱ राशन डिपूओं के लाइसेंस आर.सी.एम.एस. (राशन कार्ड मैनेजमेंट सिस्टम) पोर्टल के द्वारा ऑनलाइन जारी किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में गेहूँ के वैज्ञानिक भंडारण करने के लिए सरकार प्रभावी ढंग से काम कर रही है। भारतीय खाद्य निगम ने राज्य में 34 लाख मीट्रिक टन के सामथ्र्य वाले सीएपी /ओपन प्लिन्थों के निर्माण के लिए मंजूरी दे दी है। विभाग के अन्य कार्यों बारे जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री ने बताया कि एक देश एक राशन कार्ड स्कीम अधीन अंतर-जि़ला और अंतर-राज्यीय पोर्टेबिलिटी राज्य में लागू कर दी गई है जिसके द्वारा लाभार्थी अपने हिस्से का अनाज किसी भी डीपू से ले सकता है। अब तक राज्य में 15 अंतर-राज्यीय अनाज वितरण हो चुके हैं।
श्री आशु ने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से ट्रांसपोर्ट खर्चों को घटाने के लिए कई प्रयास किये गए हैं जिनके अधीन टैंडर प्रक्रिया को और पारदर्शी और प्रतिस्पर्धात्मक बनाया गया है जिससे ट्रक यूनियनों के एकाधिकार को तोड़ा जा सके। इसके अलावा खाद्य वस्तुओं की ढुलाई के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉली को भी मंजूरी दे दी गई है। किसानों को समय पर अदायगी बारे बोलते हुए श्री आशु ने कहा कि रिजर्ब बैंक ऑफ इंडिया, सरकार के वित्त विभाग और बैंकों के समूह का नेतृत्व कर रहे एस.बी.आई के साथ बेहतर तालमेल स्वरूप ही हम समय पर खरीद के लिए पैसे का प्रबंध करने के लिए सफल रहे हैं जिस कारण हम किसानों और अन्य संबंधितों को खरीद सम्बन्धी अदायगियाँ समय पर कर सके। इसके अलावा विभाग के अधिकारियों और राइस मिलरों के दरमियान सीधा संपर्क ख़त्म करने और पारदर्शिता और कुशलता लाने के मकसद से बहुत सी सेवाओं को https://anaajkharid.in पोर्टल पर ऑनलाइन मुहैया करवाया है। इसके अलावा इस ऑनलाइन पोर्टल पर नए राइस मिलरों की रजिस्ट्रेशन, राइस मीलों की जी.पी.एस मैपिंग, राइस मिल की क्षमता में विस्तार करने, राइस मिल की हिस्सेदारी / मलकीयत में तबदीली, राइस मीलों की रजिस्ट्रेशन, डिफॉल्टर राइस मीलों की सूची एकत्रित करना, कस्टम मिलिंग सिक्योरिटी को जमा करना और लैवी सिक्योरिटी, रिलीज आर्डर जारी करना, धान की फ़सल की शुरुआती स्टोरेज की वीडीओग्राफी और फोटोग्राफी, चारदीवारी, अहाते, चावलों वाला कमरा, मशीनरी, अनाज खरीद ऐप के द्वारा धान की फ़सल के स्टाक की फिजिकल वैरीफीकेशन और कंट्रैक्ट नंबर जनरेट किये जाते हैं।
विभाग की तरफ से किये गए नये प्रयासों बारे जानकारी देते हुए श्री आशु ने बताया कि विभाग की आय नाप-तोल विंग के द्वारा बढ़ाने का फ़ैसला किया गया था। विभाग के इस विंग की तरफ से अब तक पिछले सालों की अपेक्षा 27 प्रतिशत अधिक आय वृद्धि दर्ज की गई है। यहाँ यह बताना ज़रूरी है कि विभाग की तरफ से आय में यह वृद्धि कोरोना के दौरान पैदा हुए हालातों के दौरान दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि विंग की तरफ से सभी कार्य पारदर्शी करने के अलावा इनको टचफ्री बनाने के लिए यत्न किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि नापतौल विंग की तरफ से लीगल मैट्रालॉजी एक्ट 2009 और लीगल मैट्रोलॉजी (पैकेज्ड कोमोडटी) रूल्ज,2011 सम्बन्धी सभी सेवाएं ऑनलाइन मुहैया करवाई जा रही हैं।
साल 2021 के लिए विभाग के एजंडे को तय करते हुए श्री आशु ने कहा कि इस साल राष्ट्रीय खाद्य अधिनियम के लाभार्थीयों को आगामी वितरण सीजन के दौरान मिलने वाले राशन की मात्रा बारे अवगत करवाने के लिए कस्टमाइज्ड़ एसएमएस भेजने की सेवा शुरू करने का प्रस्ताव है जिससे सम्बन्धित परिवार अपनी मजऱ्ी के डीपू से समय पर राशन हासिल कर सके। उन्होंने कहा कि आगामी रबी सीजन के दौरान 132 लाख मीट्रिक टन गेहूँ की खरीद का लक्ष्य निश्चित किया गया है। इसके अलावा विभाग की तरफ से साल 2021 दौरान 179 मुलाजिमों को भर्ती करने की योजना है जिनमें 2 एफएसओज़ की भर्ती के लिए पीपीएससी को पत्र भेजा गया है। इसके अलावा 149 इंस्पेक्टर, 27 क्लर्क भी विभाग की तरफ से भर्ती किये जाएंगे। इसी तरह विभाग स्टैंडर्डाईज़ेशन टेस्टिंग और क्वालिटी सर्टीफिकेशन हेतु 350 उपकरण खऱीदे जाएंगे जो कि राज्य के सेवा केन्द्रों में स्थापित किये जाएंगे जिससे राज्य के निवासी आधार से सम्बन्धित सेवाओं का लाभ ले सकें। इसके अलावा 300 टैबलेट्स भी खऱीदे जा रहे हैं जो कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में लगाए जाएंगे जिससे प्रत्येक नवजात बच्चे का आधार कार्ड एनरोलमैंट किया जा सके।

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