बर्ड फ्लू के खतरे व बचाव को लेकर लोगों में जागरूकता बेहद जरूरी: उपायुक्त

Swabbing barred rock mix breed rooster to test for avian influenza

चंबा (द स्टैलर न्यूज़)। उपायुक्त डीसी राणा ने कहा कि पशुपालन विभाग बर्ड फ्लू की आशंका के दृष्टिगत जिले में आम जनमानस और मांस विक्रेताओं में इसके खतरे और बचाव के तरीकों को लेकर जागरूकता अभियान शुरू करे। उपायुक्त ने यह बात आज बर्ड फ्लू से निपटने को लेकर गठित जिला स्तरीय टास्क फोर्स द्वारा तैयार कार्य योजना की समीक्षा के लिए आयोजित वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।उन्होंने कहा कि चूंकि  मौजूदा समय में कोरोना वायरस का खतरा भी बना हुआ है, ऐसे में बर्ड फ्लू के आने से अब लोगों को और ज्यादा सतर्क और जागरूक रहने की आवश्यकता है। उन्होंने जन जागरूकता के इस कार्य में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का भी उपयोग  करने के निर्देश जारी किए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को भी कहा कि विभाग अपने स्तर पर होने वाले प्रबंधों को भी बनाए रखे ताकि यदि बर्डफ्लू के मामले आएं तो लोगों को आवश्यक उपचार उपलब्ध हो सके।उन्होंने जिलावासियों से आग्रह करते हुए कहा कि जिला में किसी भी जगह पर मृत अवस्था में पाए जाने वाले पक्षियों को न छुएं और इसकी सूचना तुरंत दें ताकि बर्डफ्लू को फैलने से रोका जा सके।

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उपायुक्त ने कहा कि कार्य योजना के तहत पशुपालन और वन विभाग परस्पर समन्वय से कार्य करें। उन्होंने कहा कि बर्ड फ्लू से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण सूचनाओं को जिला आपदा प्रबंधन केंद्र को भी निरंतर भेजना सुनिश्चित बनाया जाए।पशुपालन विभाग के पैथोलॉजिस्ट डॉ सर्वेश गुप्ता ने कहा कि बर्ड फ्लू एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस (एच5एन1) की वजह से होता है। ये एक वायरल  संक्रमण है जो संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले अन्य पक्षियों, जानवरों और  मनुष्य में फैलता है। उन्होंने बताया कि बर्ड फ्लू  बीमारी संक्रमित पक्षी के मल, नाक के स्राव, मुंह की लार या आंखों से निकलने वाली पानी के संपर्क में आने से फैलती है। यह वायरस संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले जानवरों और मनुष्यों में आसानी से फैल जाता है। यह वायरस से मौत तक हो सकती है।उन्होंने बताया कि बर्ड फ्लू सेे बचाव के लिए हाथों को 15 सेकेंड तक धोएं या सैनिटाइज करें। पोल्ट्री फार्म में काम करने के लिए डिस्पोजेबल ग्लव्स पहनें और उपयोग के बाद इन्हें नष्ट कर दें। छींकने या खांसने से पहले मुंह को अच्छे से ढक लें। भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।

मुर्गी पालकों को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि मांसाहारी व प्रवासी पक्षियों का मल किसी भी तरीके से फार्म मुर्गियों के संपर्क में न आए। डॉ. गुप्ता ने बताया कि जिन मुर्गी पालकों ने घर में कुत्ते पाल रखे हैं, वे उन्हें बांध कर रखें और उनके भोजन की व्यवस्था उनकी जगह पर ही करें। पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ राजेश सिंह ने बताया कि जिला में बर्ड फ्लू का अभी तक कोई भी मामला सामने नहीं आया है और स्थिति पूरी तरह से सामान्य है।बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रमन शर्मा, जिले के एसडीएम, परियोजना अधिकारी डीआरडीए, वन मंडल अधिकारी(वन्य प्राणी) समेत सहायक निदेशक डॉ पूनम ठाकुर और दिनेश कुमार ने भी हिस्सा लिया।

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