“आप” द्वारा सांझा की गई एडिट वीड्योज़ ने “आप” की निराशा और धोखेबाज़ी को दर्शाया: मुख्यमंत्री

चंडीगढ़(द स्टैलर न्यूज़)। आप द्वारा शर्मनाक ढंग से बोले जा रहे झूठ का मज़ाक उड़ाते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने रविवार को कहा कि पार्टी की तरफ से उनके खि़लाफ़ लगाए गए बेबुनियाद दोषों की हिमायत में साझा किये गए ग़ैर-सबूत उनकी निराशा को ही दिखाते हैं। इसके साथ ही राजनीति से प्रेरित एजंडे को आगे बढ़ाने के लिए उनकी तरफ से बोले जा रहे झूठ का भी पर्दाफाश हो गया।कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उनकी (मुख्यमंत्री के बयान) अंतिम समिति सदस्यों की लिस्ट जारी करने बारे एडिट की गई वीडियो का चुनिंदा हिस्सा साझा करके आप के प्रवक्ता ने अपनी पार्टी द्वारा पंजाब के लोगों के साथ बोले जाते झूठ के पुलिंदों की लड़ी में एक और विस्तार किया है।

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उन्होंने कहा कि ऐसी कार्यवाहियां सिद्ध करती हैं कि आम आदमी पार्टी के अरविन्द केजरीवाल की तरफ से राज्य में अपने राजसी एजंडे को बढ़ाने की बेचैनी ने ज़ोर पकड़ लिया है जहाँ उनको वोटरों ने 2017 के विधानसभा मतदान और उसके बाद हुए हर मतदान में ग़ैर-सम्मानयोग्य तरीके से रद्द कर दिया था।मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अगर वह यह सोचते हैं कि वह छेड़छाड़ करके बनाई गई वीडियो साझा करके पंजाब के लोगों को मूर्ख बना लेंगे तो मेरे विचार में आप नेता राज्य के बारे में उससे भी ज़्यादा अनजान हैं जितना कि मैं सोचता था।’’ उन्होंने कहा कि वास्तव में आप को पंजाब में पैर जमाने के लिए ऐसी बेहुदा चाल चलने की इसलिए ज़रूरत पड़ती है क्योंकि उनके पास पंजाब के लिए ठोस एजेंडा ही नहीं है।कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आप प्रवक्ता जिसकी पंजाब के राजसी क्षेत्र में कोई हस्ती नहीं, को सवाल किया कि वह 7 अगस्त 2019 तारीख़ की उच्च स्तरीय समिति सदस्यों की अंतिम सूची साझा करके क्या सिद्ध करना चाहते हैं जबकि मूल समिति (पंजाब को छोडक़र) वास्तव में 15 जून 2019 को बनी थी। उन्होंने कहा कि आप प्रवक्ता की तरफ से साझा किये दस्तावेज़ों में यह तारीखें साफ़ स्पष्ट होती हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आप इस फर्क को बिल्कुल नहीं समझ सकते कि पंजाब को शुरुआत में समिति में शामिल नहीं किया गया था और उनकी तरफ से निजी तौर पर केंद्र को इस मुद्दे बारे लिखने के बाद समिति के मैंबर के तौर पर शामिल किया गया था।’’ मुख्यमंत्री ने पूछा, ‘‘अंतिम सूची, जिसमें पंजाब को मेरे दख़ल के बाद शामिल किया गया था, का दिखावा करने के बाद मैं गलत साबित कैसे हो गया।’’ उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी भी यह दावा नहीं किया कि पंजाब पुनर्गठित समिति में शामिल नहीं है।कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा, ‘‘यदि आम आदमी पार्टी ने मेरे बयानों की पूरी वीडीयोज़ साझा की होतीं तो जो मैं कह रहा हूँ उसका सत्य प्रमाणित हो जाता, इससे ज़ाहिर होता है कि उन्होंने बहुत सोच समझ कर मेरे बयानों को तोड़ मरोडक़र पेश किया है।’’ उन्होंने साथ ही कहा कि जब समिति की पहली मीटिंग हुई थी तब पंजाब इसका हिस्सा नहीं था। और उसके बाद उनके आदेश पर पंजाब को शामिल किये जापे के बाद, एक मीटिंग हुई जिसमें वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल की हाजिऱी में वित्तीय मुद्दे विचारे गए थे जबकि आखिरी में सिफऱ् कृषि सचिव को शामिल होने के लिए बुलाया गया।उन्होंने कहा, ‘‘यह सब रिकार्ड में है, स्पष्ट रूप से आम आदमी पार्टी इसका पता लगाने में विश्वास नहीं रखती।

उन्होंने साथ ही कहा कि आप पार्टी का प्रवक्ता अपनी पंजाब मामलों के इंचार्ज के तौर पर नव-नियुक्ति को सिद्ध करने के जोश में पूरी पड़ताल करने में असफल रहा या शायद वह केवल अपने आका केजरीवाल के दिखाए कदमों पर चल रहा है, जोकि शर्मनाक ढंग के साथ धोखा देने का माहिर है, जिसे झूठ को सत्य बताने में कोई पछतावा नहीं होता।कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आगे कहा कि यहाँ तक कि समिति के एजंडे में कृषि कानूनों या नये कानूनों का जि़क्र नहीं किया गया जिसका हवाला आप पार्टी की तरफ से अपने झूठ के समर्थन में बार -बार दिया जा रहा है।समिति की शर्तों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सब भी रिकॉर्ड पर है। उन्होंने आगे कहा कि उनके कैबिनेट सहयोगी मनप्रीत सिंह बादल द्वारा पहले ही उनकी तरफ से शिरकत की गई मीटिंग और पंजाब सरकार की तरफ से केंद्र को सौंपे गए नोट के विवरण जारी किये जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने आप नेताओं को कहा, ‘‘आपके झूठे दावे और दोष रिकॉर्ड पर दर्ज तथ्यों के सत्य को झुठला नहीं सकते।’’

आप पार्टी के प्रवक्ता राघव चड्ढा की तरफ से आर.टी.आई. के जवाब की कॉपी साझा किये जाने को लेकर आप पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि इस दस्तावेज़ ने वास्तव में यह साबित किया है कि केंद्र ने उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट नीति आयोग की गवर्निंग कौंसिल के समक्ष पेश किये बिना ही खेती कानून लाए और लागू किये।मुख्यमंत्री ने आगे कहा, ‘‘मैं हैरान हूँ कि आप के प्रवक्ता ने ख़ुद दस्तावेज़ पढ़े बगैर ही अपने इल्ज़ामों के कथित सबूत के तौर पर मीडिया के सामने पेश कर दिए।’’आप पार्टी के इस बयान कि कानूनों को लागू करने की शक्ति राज्य को दी जाने का मज़ाक उड़ाते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यह माँग पूरी तरह ग़ैर गंभीर और बेतुकी है क्योंकि उनकी अपनी सरकार दिल्ली में खेती कानूनों में से एक को लागू करने के लिए पहले ही नोटीफाई कर चुकी है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि यह आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच मैच फिक्सिंग का मामला नहीं है तो मैं हैरान हूँ कि यह है क्या?’’

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