होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। नगर नगम होशियारपुर के चुनावों को लेकर कांग्रेस पार्टी चुनाव मैदान में उतारे जाने वाले उम्मीदवारों को टिकट देते समय डेकोरम का ध्यान रखा गया है तथा इतना ही नहीं उन्होंने कई नए चेहरों और पार्टी के पुराने नेताओं से संबंधित उम्मीदवारों को चुनाव में उतारकर कार्यकर्ताओं का विश्वास जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। इसके अलावा अगर एकाध सीट पर कोई मतभेद हुआ भी तो वह भी इतना मायने नहीं रखता।
ऐसी चर्चाएं इन दिनों भाजपा खेमे में काफी चर्चा का विषय बनी हुई हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि भाजपा द्वारा टिकटों के आवंटन में की जा रही देरी से कार्यकर्ताओं का मनोबल क्षीण हो रहा है तथा किसान आंदोलन का भी उनकी जीत पर काफी असर पडऩे वाला है। हालांकि किसानों द्वारा किए जा रहे आंदोलन को शहर में मोहल्लों एवं गलियों के विकास के साथ जोडक़र कम ही देखा जा रहा है, लेकिन पिछले दिनों से भाजपा नेताओं के चल रहे विरोध के कारण कहीं न कहीं आम जनता के मन में भी कई प्रकार का सवाल घर कर रहे हैं। ऐसे में टिकट आवंटन में जितनी देर होगी, उससे उम्मीदवारों के लिए घर-घर पहुंच करना भी कठिन माना जा रहा है।
पिछली बार भी टिकट की दावेदारी पेश करने वाले इच्छुक उम्मीदवारों के हाथ ठेंगा ही लगा था तथा वहीं कई ऐसे नेता टिकट पाने में शामिल हो गए थे, जिन्हें पार्टी का सदस्य ही नहीं बताया जाता था। ऐसे में इस बार यह बात भी चर्चाओं में है कि अब यह देखना होगा कि क्या किसी ऐसे नेता को टिकट दी जाती है, जिसे बड़े नेता पार्टी का मानते ही नहीं या फिर पूंजीपतियों के होने के नाते या पहुंच के नाते उसे टिकट से नवाजा जाता है। अब यह तो समय ही बताएगा कि भाजपा क्या रुख अपनाती है तथा टिकट के इच्छुक उम्मीदवार टिकट न मिलने पर पार्टी के कितने वफादार रहते हैं। सूत्रों की मानें तो पिछली बार टिकट न मिलने से पहले से ही खफा कुछेक इच्छुक उम्मीदवारों का कहना है कि अगर इस बार भी पार्टी ने उन्हें अनदेखा किया तो वह खुलकर विरोधियों के समर्थन में उतर आएंगे तथा इसकी जिम्मेदारी लोकर लीडरशिप की होगी।