70 लघु सिंचाई योजनाओं का निर्माण, 7230 हेक्टेयर क्षेत्र में हो रहा सब्जी उत्पादन

हमीरपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: रजनीश शर्मा। पिछले कुछ दशकों से मौसम की बेरुखी और अन्य चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश के मध्यम ऊंचाई वाले एवं पानी की कमी वाले क्षेत्रों के किसानों को जाइका परियोजना में एक नई उम्मीद नजर आ रही है। जापान की एक संस्था जाइका के सहयोग से प्रदेश के पांच जिलों हमीरपुर, ऊना, बिलासपुर, कांगड़ा और मंडी में आरंभ की गई यह परियोजना इन जिलों के कई क्षेत्रों में नई बहार लेकर आई है।

Advertisements

लघु एवं सीमांत किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ करने के साथ-साथ, सिंचाई एवं अन्य ढांचागत विकास, पर्यावरण संरक्षण और नई पीढ़ी को खेती की ओर आकर्षित करने की दिशा में यह परियोजना बहुत ही सराहनीय कार्य कर रही है और परियोजना के अंतर्गत अधिकांश क्षेत्रों में इसके बहुत ही अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। इस परियोजना से कई क्षेत्रों के किसानों की आय में 5 गुणा तक वृद्धि दर्ज की गई है। जाइका परियोजना के निदेशक डॉ. विनोद कुमार शर्मा ने बताया कि 321 करोड़ रुपये की इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य फसल विविधीकरण के माध्यम से सब्जियों के क्षेत्र और उत्पादन में वृद्धि करना, छोटे और सीमांत किसानों की आय बढ़ाना, सिंचाई सुविधा, कृषि संपर्क मार्गों और विपणन आदि के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करना है।

परियोजना निदेशक ने बताया कि फसल विविधीकरण के माध्यम से लघु एवं सीमांत किसानों की आय में काफी बढ़ोतरी हो सकती है। जाइका परियोजना के माध्यम से फसल विविधीकरण और सिंचाई सुविधाओं के सृजन पर विशेष जोर दिया जा रहा है। डॉ. विनोद कुमार शर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों की जलवायु बेमौसमी सब्जियों के लिए बहुत ही अनुकूल है। इसी के मद्देनजर व्यापक अध्ययन के बाद जाइका परियोजना के तहत फसल विविधीकरण के लिए 10 साल की कार्य योजना और 15 साल के लिए मास्टर प्लान तैयार करके इन्हें तेजी से कार्यान्वित किया गया है। इसी कड़ी में जिला परियोजना प्रबंधक (जाइका) हमीरपुर के अंतर्गत आने वाले जिला हमीरपुर, बिलासपुर और ऊना में अधिकांश लक्ष्य प्राप्त कर लिए गए हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here