आज़ाद किसान कमेटी दोआबा होशियारपुर की रिलायंस शोरूम के धरने पर की गई हंगामी रैली

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। आज़ाद किसान कमेटी दोआबा होशियारपुर की सुतैहरी रोड, रिलायन्स शोरूम के धरने पर हगामी रैली की गई। इस रैली में राजिन्द्र सिंह (आज़ाद), ज्ञान सिंह भलेठू की ओर से जानकारी दी गई कि दिनांक 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड में इस कमेटी के प्रधान को तय किए गए रूट से भटक कर किसी ओर रूट पर जाने की घटना के कारण पड़ताल तक निलंबित कर दिया गया था। संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली कमेटी की ओर से पूरी जांच होने पर निर्दोष होने के कारण प्रधान को बहाल कर दिया गया है। रैली को संबोधन करते हुये मोदी सरकार से पुरज़ोर शब्दों में मांग की गई कि केन्द्र सरकार की ओर से बनाये गये तीनो काले कानून वापिस किये जायें, सभी फसलों पर समर्थन मूल्य दिया जाये, लडक़ी नवदीप कौर गन्दड़ और अन्य किसान बुजुर्गों को बगैर शर्त रिहा किया जाये। वर्ल्ड ट्रेड सैंटर और वर्ल्ड बैंक की पॉलिसियों को रद्द करके पब्लिक सैंटर संस्थायों का पुनर्गठन किया जाए।

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मोदी की तरफ से लोकसभा तथा राज्यसभा में ’आंदोलनजीवी’ शब्द प्रयोग करने की जोरदार शब्दों में निंदा की गई तथा यह भी बताया गया कि जब मोदी सरकार सत्ता में नहीं थी तो भाजपाईयों ने कई आंदोलन चलाये थे। पर अब अपनी सरकार सत्ता में आने पर ’आंदोलनजीवी’ शब्द बोल कर लोगों की आवाज़ को दबाने का हिटलरशाही तरीका अपनाया जा रहा है। अगर महात्मा गांधी आंदोलन ना करते तो भारत देश अभी भी अंग्रेजों का गुलाम ही होता। भाजपा खुद ही आंदोलनजीवियों की पार्टी है। जिन प्रदेशों में भाजपा की सरकारें नहीं हैं जैसे की पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र आदि वहां भाजपा रोज ही कोई ना कोई नया आंदोलन छेड़ती रहती है। 1972 में गुजरात में मोदी ने स्टूडैंट आंदोलन में शामिल हो कर ही अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। इन काले कानूनों की अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर निंदा हो रही है तथा कहा जा रहा है कि मोदी अपने चहेतों को फायदा देने के लिए इन कानूनों को जबरदस्ती थोप रहा है। इस रैली को किशन सिंह, बलजीत सिंह, जोगा सिंह, सुरजीत सिंह, कुलभूषण प्रकाश सिंह, गुरकिरपाल सिंह, अशोक कुमार शर्मा, दिलबाग सिंह काहरी, सुरजीत सिंह सैनी, तरसेम सिंह नागरा, सुखपाल सिंह काहरी, मंगत सिंह, दलबीर सिंह, अवतार सिंह शेरपुरी, ज्ञान सिंह, हरपाल सिंह, भुपिंद्र सिंह, मनप्रीत सिंह, गुरनाम सिंह, निर्मल सिंह, ज्योति सरुप, गुरमीत सिंह, तरसेम लाल काहरी तथा जसवीर सिंह ने भी संबोधित किया तथा प्रण किया की जब तक यह काले कानून वापिस नहीं होते तब तक यह आंदोलन इसी तरह चलता रहेगा।

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