पंजाब औद्योकिग नीति में संशोधन के द्वारा जी.एस.टी. रियायत फार्मूले का घेरा बढ़ाएगा

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। कोविड के बाद औद्योगिक पुनरूद्धार को उत्साहित करने और अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में पंजाब कैबिनेट ने जी.एस.टी. फार्मूले का घेरा बढ़ाने के लिए शुक्रवार को औद्योगिक और व्यापार विकास नीति, 2017 में संशोधन को मंज़ूरी दे दी ताकि इस नीति के अंतर्गत 17 अक्तूबर, 2022 तक रियायतें हासिल की जा सकें। इसके लिए कुछ औद्योगिक ऐसोसिएशनों ने सुझाव दिया कि दिनांक 17 अक्तूबर, 2018 को दिए नोटिफिकेशन में दी गई अंतिम तारीख़ को जी.एस.टी. रियायतों के लिए दावा करने हेतु बढ़ाया जाये और यह तारीख़ राज्य की औद्योगिक नीति की मियाद पूरी होने तक बढ़ाई जाये। मौजूदा नीति अधीन वित्तीय रियायतें सिफऱ् 31 मार्च, 2020 तक इन्वैस्ट पंजाब बिजऩेस फस्र्ट पोर्टल पर प्राप्त निवेश प्रस्तावों पर लागू हैं। कैबिनेट के इस फ़ैसले से दिनांक 17 अक्तूबर, 2018 के नोटिफिकेशन नंबर 4888 में नोटीफायी हुई जी.एस.टी. फ़ार्मूला औद्योगिक और व्यापार विकास नीति, 2017 अधीन रियायतों के लिए अजिऱ्याँ 17 अक्तूबर, 2022 (औद्योगिक और व्यापार विकास नीति, 2017 के लागू रहने) तक प्राप्त की जा सकेंगी। ग़ौरतलब है कि एस.जी.एस.टी. की प्रतिपूर्ति के द्वारा निवेश सब्सिडी की रियायतें मुहैया करने के लिए औद्योगिक और व्यापार विकास नीति, 2017 बनायी गई और 17 अक्तूबर, 2017 को नोटीफायी की गई थी। रियायतों की गणना करने के लिए कैबिनेट ने 17 अक्तूबर, 2018 को यह फ़ार्मूला तैयार किया था और उसी दिन नोटीफायी किया था। इसके बाद 7 मार्च, 2019 को इसमें संशोधन जारी किया गया।

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अतिरिक्त उधार के लिए वित्तीय जवाबदेही और बजट प्रबंधन एक्ट, 2003 में होगा संशोधन:

पंजाब वित्तीय जवाबदेही और बजट मैनेजमेंट (एफ.आर.बी.एम.) एक्ट, 2003 की धारा ए के लिए उप धारा 2 के अनुभाग 4 में संशोधन को मंजूरी दे दी है जिससे 2020-21 में जी.एस.डी.पी. का 2 प्रतिशत अतिरिक्त उधार हासिल किया जा सके। बताने योग्य है कि भारत सरकार ने जी.एस.डी.पी. का 2 प्रतिशत स्वीकृत किया है, जिसमें से एक प्रतिशत बिना शर्त के हासिल किया जायेगा और बाकी बचता एक प्रतिशत कुछ निर्धारित सुधार करन की शर्त पर मिलेगा। यहाँ यह भी बताने योग्य है कि कोविड महामारी के मद्देनजऱ, भारत सरकार ने साल 2020-21 के लिए जी.एस.डी.पी. के 2 प्रतिशत तक अतिरिक्त उधार की सीमा को बढ़ाने की छूट देने का फ़ैसला किया है परन्तु इसके लिए राज्य स्तर पर कुछ सुधार लागू करने के साथ-साथ प्रांतीय एफ.आर.बी.एम. कानून में साल 2020-21 के लिए संशोधन करने की ज़रूरत थी। इस 2 प्रतिशत में से 0.5 प्रतिशत बिना शर्त के थी और बाकी बचता 1.5 प्रतिशत सुधार के मद्देनजऱ शर्तों के अंतर्गत थी। इन सुधारों में एक देश एक राशन कार्ड प्रणाली, सुधारों के द्वारा व्यापार आसान करना, शहरी स्थानीय इकाई /उपभोक्ता सुधार और बिजली क्षेत्र में सुधार करना शामिल हैं। प्रत्येक सुधार के लिए जी.एस.डी.पी. का 0.25 प्रतिशत उधार हासिल करने की सुविधा है, जो कुल एक प्रतिशत बनता है। 0.50 प्रतिशत की बाकी बचती उधार सीमा शर्तों सहित है, जिसके लिए ऊपर बताए सुधारों में से कम से कम 3 सुधार करने का लिखित वचन देना पड़ेगा।

जी.एस.टी लागू करने से पैदा हुई राजस्व की कमी की पूर्ति के लिए भारत सरकार ने राज्यों के लिए उधार हेतु विकल्प-1 और विकल्प-2 नाम के दो विकल्प पेश किये हैं, जिसमें से पंजाब सरकार ने विकल्प-1 का चयन किया है। विकल्प-1 राज्यों को इस बात की इजाज़त देता है कि वह बिना पूर्व शर्तों की पूर्ति के 0.5 प्रतिशत की अंतिम किश्त (जिसको वास्तव में चार निर्धारित सुधारों में से कम से कम तीन मुकम्मल करने पर बोनस माना जाता है) को उधार के तौर पर हासिल कर सकते हैं। इसके अंतर्गत पंजाब को 2 प्रतिशत की अतिरिक्त उधार सीमा में से बिना शर्त के अतिरिक्त उधार एक प्रतिशत तक हासिल करने की मंजूरी मिलेगी, जबकि वास्तव में यह सीमा 0.5 प्रतिशत है। बाकी बचती 1 प्रतिशत की अतिरिक्त उधार सीमा ऊपर दिए गए सुधारों के सशर्त होगी। इसलिए राज्य को अपनी वित्तीय जवाबदेही और बजट प्रबंधन एक्ट, 2003 में संशोधन की ज़रूरत है।

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