जिले की मंडियों में 22,370 मीट्रिक टन धान की आमद: ईशा कालिया

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: मुक्ता वालिया। मंडियों में धान की खरीद के दौरान किसानों को किसी तरह की कोई समस्या नहीं आने दी जाएगी, इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से सभी प्रबंध मुकम्मल कर लिए गए हैं। यह विचार जिलाधीश ईशा कालिया ने जिले की विभिन्न मंडियों का दौरा करते हुए किसानों के साथ बातचीत के दौरान रखे। जिलाधीश ने चब्बेवाल, टांडा, दसूहा व हाजीपुर अनाज मंडियों का दौरा कर धान की खरीद का जायजा लिया।

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इस दौरान उन्होंने मंडियों में किसानों की समस्याएं भी जानी। उन्होंने कहा कि सभी एस.डी.एम्ज भी अपने इलाकों की मंडियों का समय-समय पर दौरा कर रहे हैं। जिलाधीश ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि मंडियों में किसानों को किसी तरह की कोई दिक्क त न आने दी जाए।

-धान की खरीद में किसानों को नहीं आने दी जाएगी कोई मुश्किल

उन्होंने खरीद एजेंसियों को धान की खरीद में तेजी लाने के निर्देश भी जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक जिले की मंडियों में 22,370 मिट्रिक टन धान की आमद हो चुकी है और साथ-साथ ही धान की खरीद भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को मंडी में लिफ्टिंग को लेकर कोई दिक्क त नहीं आने दी जाएगी। ईशा कालिया ने बताया कि सरकार की ओर से धान की एम.एस.पी. 1,770 रुपये फिक्स की गई है, इसलिए अधिकारी यह जरु र ध्यान रखें कि किसान को उसकी फसल का सही मूल्य मिले। इस दौैरान उन्होंने मंडियों का रिकार्ड व धान की बोरियों का भार भी चैक किया।

उन्होंने किसान भाइयों से अपील करते हुए कहा कि सरकार की तरफ से धान की फसल की नमी 17 प्रतिशत निर्धारित की गई है, इसलिए किसान फसल सुखा कर ही मंडियों में लाएं। उन्होंने कहा कि खरीद एजेंसियां किसानों के साथ हर तरह का सहयोग कर रही हैं, इस लिए किसान ज्यादा नमी वाले धान की फसल मंडियों में लाने से गुरेज करें। उन्होंने कहा कि प्रशासन किसानों को मंडियों में कोई मुश्किल पेश नहीं आने देगा और किसान भी पूरा सहयोग करें।

– किसानों द्वारा पराली को आग न लगा इसके प्रबंधन की अपील की

जिलाधीश ने कहा कि किसान धान की पराली को आग न लगाकर, इसके प्रबंधन को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि धान की पराली के प्रबंधन के लिए किसान आधुनिक कृषि उपकरण किराए पर ले सकते हैं। किसानों को अपील करते हुए उन्होंने कहा कि वे वातावरण व जमीन की उपजाऊ शक्ति बरकरार रखने के लिए आगे आएं, क्योंकि फसल के अवशेषों को आग लगाना मानवीय स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक है।

इसके अलावा जमीन के अंदर के मित्र कीड़े भी मर जाते हैं, जो जमीन के उत्पादन में असर डालते हैं। उन्होंने कहा कि धान की पराली को आग लगाने पर पूर्ण तौर पर पाबंदी लगाई गई है और जिले में पराली को जलाने के रु झान को रोकने के लिए 598 नोडल अधिकारी और उनकी सहायता के लिए 32 कोआर्डिनेटिंग अधिकारी तैनात कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि उक्त अधिकारी जहां जागरु कता फैलाएंगे, वहीं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की हिदायतों को भी लागू करेंगे। उन्होंने कहा कि एन.जी.टी की हिदायतों के अनुसार धान की पराली को आग लगाने वाले किसानों को जुर्माना भी किया जाएगा। इस अवसर पर जिला खाद्य आपूर्ति कंट्रोलर रजनीश कुमारी व अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

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