होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। होशियारपुर जिला भाजपा के मौजूदा अध्यक्ष डा. रमन घई ने भाजपा की गुटबाजी को खत्म करने और भाजपा में नई जान फूंकने में कोई कसर नहीं छोड़ी तथा इसके चलते ही भाजपा की अब तक जिनती भी रैलियां और कार्यक्रम हुए हैं वे रिकार्ड हैं और उनमें लगभग सभी भाजपा नेताओं का एकमंच पर आना उनकी बड़ी उपलब्धि में से एक है।
परन्तु कई नेताओं व कार्यकर्ताओं को शायद यह पसंद नहीं, जिसके चलते अपने आका की नजर में डा. घई की कोशिशों को ग्रहण लगने का कोई मौका नहीं छोड़ते। इतना ही नहीं सुनने में आया है कि जिन बड़े नेताओं का डा. घई पर हाथ कहा जाता है, कई बार तो वे भी डा. घई के पार्टी के लिए एकजुटता के फार्मूले पर नाराजगी जता जाते हैं और छोटी-छोटी बात पर डा. घई को खरी-खोटी सुनाने से भी परहेज नहीं करते। हाल ही में एक कार्यक्रम में डा. घई ने एक बड़े नेता के लिए कुर्सी छोड़ी और वे उनके साथ रखी कुर्सी पर बैठ गए। यह बात भी दूसरे गुट के कहे जाने वाले एक बड़े नेता जी को नागवारा रही और उन्होंने इसके लिए जिला अध्यक्ष से नाराजगी जताई।
राजनीतिक माहिरों का कहना है कि अगर डा. घई के प्रयास इस खटास को कम करने में कामयाब नहीं हो सके तो होशियारपुर भाजपा का भगवान ही मालिक है और भगवान से पहले अगर मलिक जी नेताओं और गुटबाजी में बंटे कार्यकर्ताओं को पाठ पढ़ाने में कामयाब हो जाएं तो ही आगामी चुनाव में सकारात्मक परिणाम आने की उम्मीद है। अन्यथा भगवान भी मालिक नहीं।
आज 20 मई को स्वागत समारोह की बात की जाए तो सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार स्वागत समारोह का सारा प्रोग्राम प्रदेश की तरफ से तय था और यहां तक कि मंच पर कौन-कौन विराजमान रहेगा और प्रदेश अध्यक्ष के आने के बाद कौन-कौन नेता संबोधित करेंगे सभी कुछ तय था। इसके चलते एक बड़े नेता जी के चहेते जो कभी दूसरे गुट के नेता जी के करीबी हुआ करते थे समारोह में नजर नहीं आए। इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष के आने से पहले समारोह में एक जिला स्तरीय नेता को बोलने का मौका प्रदान नहीं किए जाने से वे नेता जी बुड़बुड़ाते और नाराजगी जताते हुए समारोह स्थल से चले गए। यह सभी गुटबाजी के चलते ही हुआ। अगर सभी भाजपा यानि पार्टी की मजबूती के लिए समारोह में आए होते तो शायद मंच पर न जा पाने और न बोल पाने का दर्द यूं सार्वजनिक न होता तथा पार्टी दो बार यहां शिकस्त न खाती।