-बिजली महादेव के आगमन से ही शुरू होता है दशहरा उत्सव- हारियानों ने की बैठक-
मंडी, (वरिष्ठ पत्रकार रजनीश शर्मा): प्रशासन द्वारा आधुनिक तरीके से बनाई गई देव थडि़यों पर बैठने के लिए बिजली महादेव ने इंकार कर दिया है। देवता को पुरानी देवथड़ी ही चाहिए अन्यथा देवता अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त दशहरा उत्सव में भाग नहीं लेंगे। हालांकिए दशहरा उत्सव बिजली महादेव के सुल्तानपुर आगमन से ही शुरू होता है। गौर रहे कि देवता के आदेश के बाद बिजली महादेव के हारियानों ने देवता के विशेष स्थान बंदल के पास एक बैठक आयोजित की। बैठक में देव आदेशों पर हारियानों ने अमल किया और तीन गंभीर मुद्दों पर चर्चा की गई। हारियानों ने बताया कि देवता ने लकड़ी की थड़ी पर बैठने से इनकार कर दिया है और देवता को पुरानी देव थड़ी का मॉडल ही चाहिए। देवता के पुजारी गगनए गोंठीदार शिव रामए लाल चंदए ज्ञान ठाकुरए वीर सिंहए गूर धनी रामए टेक राम आदि हारियानों ने प्रशासन से दशहरा उत्सव से पहले बिजली महादेव की उखड़ी गई देवथड़ी को पुराने तरीके से देव परंपरा अनुसार बनाने की मांग की है। इसके अलावा दूसरी मांग हारियानों ने जमलू देवता की तरह बिजली महादेव की देवथड़ी के पास फैंसिंग करने और तीसरी मांग ढालपुर बिजली महादेव स्थल से गुजरती सीवरेज को हटाने की मांग की है। इस अवसर पर हारियानों ने दो टूक कहा कि यदि ये तीन मांगें पूरी नहीं की गईं तो बिजली महादेव दशहरा उत्सव में शिरकत नहीं करेंगे। उन्होंने बताया कि देव आदेशों का हर सूरत में हारियान पालन करेंगे। लिहाजा दशहरा पर्व में बिजली महादेव की अहम भूमिका रहती है। बैठक में बिजली महादेव के हारियानों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया।