पखवाड़े के पहले दिन आंगनवाड़ी केन्द्रों में लगाए गए पोषण से भरपूर और मैडीसिनल पौधे

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। जिला प्रशासन द्वारा आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषण से भरपूर और मैडीसिनल पौधे लगवा कर पोषण पखवाड़े की शुरुआत करवाते हुए लोगों से अपील की कि सभी को कुपोषण के ख़ात्मे के लिए साझे तौर पर प्रयास करना समय की मुख्य मांग है, जिससे जच्चा-बच्चा पूरी तरह सेहतमंद रह सकें। अतिरिक्त जिलाधीश (ज) अमित कुमार पंचाल ने बताया कि पोषण पखवाड़े की शुरुआत करते हुए आंगनवाड़ी केंद्रों में औषधि से भरपूर पौधे लगाने के साथ-साथ लोगों के घरों में जाकर भी यह संदेश दिया गया कि अरजन, सुहांजना, कड़ी पत्ता, नींबू, आम, बिल, तुलसी, नीम आदि पौधे घरों में लगाए जाएँ जो लोगों के स्वास्थ्य के काम आने के अलावा वातावरण को भी शुद्ध रखें। उन्होंने बताया कि जि़ला प्रोग्राम अफ़सर अमरजीत सिंह और उनकी टीम द्वारा लोगों को बच्चों, गर्भवती महिलाओं और नर्सिंग माताओं में कुपोषण को ख़त्म करने, बच्चों में बौनेपन को रोकने, $खून की कमी को दूर करने और कुपोषण के विरुद्ध जागरूक किया गया, जिससे सेहतमंद समाज की सृजन करने को यकीनी बनाया जा सके। टीमों द्वारा कोरोना वायरस के मद्देनजऱ लोगों को जागरूक करते हुए पौष्टिक ख़ुराक खाने, टीकाकरण करवाने, घरों से बाहर जाते समय मास्क पहनने और अन्य हैल्थ एडवाईज़रियों पर उपयुक्त अमल करने की भी अपील की गई।

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अमित कुमार पंचाल ने बताया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा 31 मार्च तक चलने वाले पोषण पखवाड़े के दौरान जि़ले में कुपोषण और जच्चा-बच्चा की सही देख-रेख पर केंद्रित अलग-अलग गतिविधियां करवाई जाएंगी, जिसके अंतर्गत 17 मार्च को भी आंगनवाड़ी केंद्रों में मैडीसिनल पौधे लगाए जाने के साथ-साथ राष्ट्रीय मैडीसिनल प्लांट बोर्ड द्वारा कुपोषण से बचाव के लिए जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि 18 और 19 मार्च को पंचायतों के साथ बैठकें होंगी और बच्चों का वजऩ और लंबाई नापी जाएगी। इसी दिन बच्चों में कुपोषण की जाँच की जाएगी, जिससे कुपोषित बच्चों की स्वास्थ देखभाल के लिए अपेक्षित कार्यवाही समय पर की जा सके। इसी तरह 20 और 21 मार्च को टीमों द्वारा लोगों के घरों में पहुँच करके योग और आयुर्वेद सम्बन्धी जागरूकता फैलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि 22 मार्च को प्रधानमंत्री द्वारा पोषण एटलस, पोषण ट्रैकर और मिशन कलपतारू लाँच किया जाएगा। इसी तरह 23 और 24 मार्च को सभी गाँवों में योग सम्बन्धी जागरूकता मुहिम चलाई जाएगी और 25 एवं 26 मार्च को पोषण वाटिका बनाने के लिए अलग-अलग तरह के बीज आंगनवाड़ी केन्द्रों और लोगों को मुहैया करवाए जाएंगे, जिससे अधिक से अधिक पोषण वाटिका बनाई जा सके। 27 और 28 मार्च को अलग-अलग क्षेत्रों में प्रोग्रामों के द्वारा पोषण की 5 सूरतों के बारे में लोगों को जागरूक किया जाएगा, जिनमें गर्भकाल के पहले एक हज़ार दिन की महत्ता, अनीमिया, डायरिया, हाथों और आस-पास की सफ़ाई, पौष्टिक ख़ुराक और पीने वाले साफ़ पानी के प्रयोग संबंधी बताया जाएगा।

कम लागत से तैयार होने वाले पौष्टिक भोजन सम्बन्धी 29 और 30 मार्च को लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ पौष्टिक भोजन बनाने के तरीकों पर आधारित मुकाबले करवाए जाएंगे। इस मौके पर स्कूल के बच्चों के पोषण से सम्बन्धित ड्रॉइंग मुकाबले भी करवाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पखवाड़े के दौरान आंगनवाड़ी वर्करों द्वारा घरों के दौरे, प्रभात फेरी, साइकिल रैली, पोषण वॉक, हट्ट बाज़ार, मशहूर शख़्िसयतों, यूथ ग्रुपों और स्वयं सहायता समूहों के साथ बैठकें करके पौष्टिक भोजन की महत्ता से अवगत करवाया जाएगा। 31 मार्च को स्थानीय नुमायंदों और यूथ ग्रुपों के सुझाव लेते हुए पोषण अभियान के अधीन आने वाले लक्ष्यों को प्राप्त करने और उपलब्धियों सम्बन्धी चर्चा की जाएगी।

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