यज्ञ त्यागमय जीवन के आदर्श का प्रतीक: आचार्य रजिंदर

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। श्री रुद्रचंडी महायज्ञ पांचवे दिन में प्रवेश उपरांत आचार्य राजिंदर प्रसाद हरिद्वार वालो ने यज्ञ के बारे में बताते हुए कहा कि भौतिक या अध्यात्मिक जिस क्षेत्र पर भी दृष्टि डाले उसी में यज्ञ की महत्वपूर्ण उपयोगिता दृष्टिगोचर होती हैं। उन्होंने कहा कि वेद, ज्ञान, कर्म, उपासना के तीन विषय है। कर्म का अभिप्राय कर्म कनु से है कर्म कांड यज्ञ को कहते है। यह जो भी वेद मन्त्र हैं इनकी शक्ति को प्रफुल्लित करने के लिए उनका उच्चारण करते हुए यज्ञ की आवश्यकता होती हैं।

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महासचिव तरसेम मोदगिल ने हर जन को सूचित करते हुए कहा कि यह यज्ञ आप सब के सहयोग से ही हो रहा है। कृपया यज्ञ में दो गज की दूरी, मास्क व सेनिटाइजर का विशेष ध्यान रखें। इस मौके पर मुख्य यजमान के तौर पर विवेक गुप्ता, शिवि गुप्ता ने यज्ञ में आहुति दी। उनके साथ राज रानी, आरती, सुनीता गौतम, उषा शर्मा धोबी घाट, योगेश मेहंदीरत्ता, मीनू ढींगरा, रमन कांत, प्रेम ऊना रोड, कांता अग्रवाल, रिम्मी कक्कों व शेखर शर्मा ने भी यज्ञ में बैठकर आहुति दी व प्रधान रमेश चन्द्र अग्रवाल, महासचिव तरसेम मोदगिल के अलावा अन्य भक्तजन उपस्थित थे।

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