मुख्यमंत्री द्वारा अवैध खनन रोकने के लिए रात 7.30 बजे से सुबह 5 बजे तक खनन पर पाबंदी के आदेश


चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। राज्य में अवैध खनन के खि़लाफ़ कार्यवाही को और तेज करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने रात 7.30 बजे से सुबह 5 बजे तक खनन करने पर मुकम्मल पाबंदी लगाने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने पुलिस और इन्फोर्समेंट डायरकैटोरेट (माइनिंग) को भी रात में माइनिंग कार्यों में शामिल पाए जाने वाले लोगों के खि़लाफ़ सख़्त कार्यवाही के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को राज्य में अवैध खनन की स्थिति बारे जायज़ा लेने के लिए उच्च स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए कहा कि माइनिंग विभाग यह सख़्ती के साथ यकीनी बनाएगा कि किसी भी अधिकृत ठेकेदार द्वारा नदियों के तल या अन्य इलाकों में रात 7.30 बजे से सुबह 5 बजे तक माइनिंग न की जाये।

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उल्लंघन करने वालों के खि़लाफ़ सख़्त कार्यवाही की चेतावनी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी व्यक्ति, चाहे अधिकारी और पुलिस कर्मचारी हो, अवैध खनन के कार्य में शामिल पाया गया तो उसके साथ कड़ाई से निपटा जाना चाहिए।डी.जी.पी. और नव-गठित इन्फोर्समेंट डायरैक्टोरेट माइनिंग को रात के समय किसी भी खनन गतिविधि के खि़लाफ़ सख़्त कार्यवाही के आदेश देते हुए मुख्यमंत्री ने आदेश दिए कि हालाँकि, इसके साथ ही राज्य में बड़े स्तर पर चल रही निर्माण गतिविधियों के मद्देनज़र रात के समय के दौरान रेत और बजरी की निर्विघ्न यातायात में कोई रुकावट पैदा नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने विभाग को रेत-बजरी भी वाजिब कीमतों पर मिलना यकीनी बनाने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव माइनिंग को रेत-बजरी की कीमतें नीचे लाने के लिए अधिकृत ठेकेदारों के साथ तालमेल करने के लिए कहा।मीटिंग के दौरान जल स्रोत मंत्री सुखबिन्दर सिंह सरकारिया ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि माइनिंग के लिए इन्फोर्समेंट डायरैक्टोरेट की स्थापना करने से रेत के अवैध खनन की गतिविधियों को रोकने में ज़मीनी स्तर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

उन्होंने मुख्यमंत्री को भरोसा दिया कि राज्य में रेत के खनन के कार्य सुचारू ढंग से चलाए जाएंगे और रेत की निर्विघ्न यातायात भी यकीनी बनाई जायेगी।डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता ने समस्त पुलिस कमीश्नरों और ज़िला पुलिस मुखियों को आदेश दिए कि अवैध खनन में शामिल लोगों के खि़लाफ़ सख़्त कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की हिदायतों के मुताबिक अब रात के समय रेत की माइनिंग रोकने के लिए और फोर्स तैनात की जायेगी।ए.डी.जी.पी.-कम-इन्फोर्समेंट डायरैक्टोरेट माइनिंग के डायरैक्टर आर.एन. ढोके ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि डायरैक्टोरेट के गठन से लेकर अब तक अवैध रेत माइनिंग की गतिविधियों में शामिल 93 व्यक्तियों के खि़लाफ़ 70 एफ.आई.आर दर्ज की गई हैं और 70 वाहन ज़ब्त किये गए हैं।

अवैध माइनिंग वाले स्थानों की फोटोग्राफी के लिए ड्रोनों का प्रयोग किया जा रहा है जिससे यह पता लगाया जा सके कि किस हद तक खुदाई की गई है और इसके अलावा पंजाब की अंतरराज्यीय सरहदों पर खनिजों की अनाधिकृत यातायात को बहुत हद तक रोका जा चुका है।ज़िक्रयोग्य है कि जल स्रोत विभाग के माइनिंग और जीयोलॉजी विंग में ई.डी. का गठन किया गया जिससे अवैध खनन के विरुद्ध बने कानूनों का सख़्ती से पालन किया जा सके जिससे राज्य का राजस्व बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।जल स्रोत विभाग के माइनिंग विंग के साथ मिलकर काम कर रही ई.डी. को रेत-बजरी के कारोबार में शामिल लोगों को माइनिंग नीति में बिक्री के लिए तय कीमत से अधिक कीमत न वसूलने को भी यकीनी बनाने के लिए कहा गया है। इसके अलावा ई.डी. ने डायरैक्टर माइनिंग माइनिंग का काम देख रहे चीफ़ इंजीनियरों और डिप्टी कमीश्नरों के नेतृत्व अधीन ज़िला स्तरीय अवैध माइनिंग इन्फोर्समेंट समितियों के साथ तालमेल के द्वारा उपरोक्त उद्देश्यों की पूर्ति के लिए रणनीति और विधि विकसित की हैं।

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