होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। योग साधन आश्रम मॉडल टाउन के संस्थापक संचालक योगीराज सदगुरुदेव चमन लाल कपूर जी की नवमी पुण्यतिथि पर देश विदेश में बैठे भक्तों ने दो दिवसीय रामायण पाठ रखकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उनकी शिक्षाओं पर प्रकाश डालते हुए आचार्य चंद्रमोहन अरोड़ा ने कहा कि हम प्रभु की शरण में हैं। जिनका अवतार द्वापर युग के 5000 साल बाद लुप्त योग विद्या को पुण:जागृत करने हेतु हुआ। द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को बताया कि जो योग मैंने सृष्टि के आदिकाल में सूर्य को दिया था वो आज मैं तुम्हें दे रहा हूं। भगवान कृष्ण के बाद यह योग मात्र जंगलों में ऋषि मुनि करते थे, पर कलयुग में उसी निराकार शक्ति ने प्रभु राम लाल के रूप में अवतार लेकर गृहस्थियों को योग सिखाया। असंख्य लोगों को सरल साधनों द्वारा उनके असाध्य रोगों की निवृत्ति की तथा जीवनदान दिया। वह मात्र हवा तथा पानी से रोगों का उपचार करते थे। उसी योग विद्या का प्रचार योग साधन आश्रम होशियारपुर में 60 वर्ष चमनलाल कपूर जी करते रहे तथा निशुल्क योग विद्या का दान दे अधिकारी जीवों के रोग दूर किए।
अनेकों को समाधि अवस्था प्रदान की तथा असंख्य भक्तों को अध्यात्मिक मार्ग पर डाल उनका कल्याण किया। उन्होंने कहा कि हमें नित्य प्रतिदिन नेति बमन कपालभाति प्राणायाम व कुछ साधन करके स्वयं को निरोग रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि केवल स्कूल में दाखिला लेने से कोई विद्वान नहीं बन जाता। वहां पर निरंतर जाना भी पड़ता है। पाठ भी पढऩा पड़ता है तथा परिश्रम भी करना पड़ता है। इसी प्रकार गुरु की शरण में निरंतर आते रहना चाहिए। उनके उपदेश सुनकर उनकी शिक्षाओं पर चलते रहने से मनुष्य की अध्यात्मिक उन्नति हो जाती है तथा हम पापों से बचे रहते हैं, हम ऋषियों की संतान हैं, परंतु विषयों में पडक़र नीचे गिर गए हैं। हमें विचार करना चाहिए और धर्म के रास्ते पर चलते हुए अपने शरीर को निरोग रखना चाहिए। मन को दुखों तथा चिंताओं से मुक्त रखने हेतु अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य तथा अपरिग्रह का पालन करना चाहिए।