खुसर-फुसर: दफ्तर तां ठी आ! पर, कांग्रसीये इत्थे की करदे…?

congress-workers-AT-BJP-function-hoshiarpur-punjab-dispute

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। होशियारपुर की राजनीति में 6 जुलाई वीरवार का दिन काफी चर्चाओं से भरा रहा। एक तरफ जहां ‘भा…’ का ‘कोठी’ से पीछा छूटा की चर्चा रही वहीं ‘भा…’ के कार्यक्रम में कांग्रेसियों की शमूलियत को लेकर भी काफी ‘खुसर-फुसर’ रही।

Advertisements

होशियारपुर में भाजपा के एक बड़े नेता के कार्यालय का उद्घाटन था। वहां पर एक तरफ जहां भाजपा नेता व कार्यकर्ता पहुंचे हुए थे वहीं उनमें कुछ ऐसे चेहरे भी शामिल थे, जिन्होंने विधानसभा चुनाव में खुलकर भाजपा का विरोध करते हुए कांग्रेस का हाथ थाम लिया था। ऐसे में भाजपा के कार्यालय में कांग्रेसियों को देखकर भाजपा के प्रत्येक गुट से जुड़े अधिकतर कार्यकर्ताओं के मुंह खुले के खुले रह गए। उनमें इस बात को लेकर चर्चा रही कि अनुशासन और सिद्धांतों की बात करने वाली पार्टी में ‘अनुशासन’ नाम की कोई चीज ही नहीं तो फिर क्या ‘अनुशासन’ व नियम सिर्फ उन कार्यकर्ताओं के लिए ही है जिनकी किसी नेता तक पहुंच नहीं।

कार्यक्रम भले ही कार्यालय उद्घाटन का था, मगर इस दौरान भाजपा द्वारा डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के जन्म दिवस पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करने संबंधी कार्यक्रम भी आयोजित किया जाना था। ऐसे में कहा जा सकता है कि यह कार्यक्रम भाजपा से ही संबंधित था। कार्यकर्ताओं में कांग्रेस से जुड़ी पार्टी की काली भेड़ों को लेकर जहां रोष व्याप्त था वहीं उनमें इस बात की भी चर्चा रही कि अगर बागियों को यूं ही गले लगाया जाएगा तो पार्टी से जुड़े जमीनी स्तर और ईमानदार कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ठेस पहुंचनी लाजिमी है। जिसके लिए ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करने वाले नेता पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर भी खुसर-फुसर रही कि पार्टी सिद्धांतों की बलि कार्यकर्ता नहीं बल्कि नेताओं द्वारा अपने स्वार्थ सिद्धी के लिए दी जाती है और कार्यकर्ता तो भाई दरियां व कुर्सियां लगाने और उठाने के लिए ही होते हैं। कुछेक कार्यकर्ता यह कहते भी सुने गए कि बाकी गल्लां तां ठीक आ, पर कांग्रसीये एत्थे की करदे आ…? जे इहनां नूं ही बुलाणा सी तां सानूं काहनू सदेया सी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here