गरीब रेडी फड़ी वाले उजाड़ कर अब फूड स्ट्रीट बनाने का कोई औचित्य नहीं: तीक्ष्ण सूद

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। भाजपा नेताओं पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद, जिला अध्यक्ष निपुण शर्मा, पूर्व मेयर शिव सूद, जिला महामंत्री विनोद परमार, मीनू सेठी, जिला उपाध्यक्ष सुरेश भाटिया, अश्वनी गैंद, पार्षद नरिंदर कौर, एडवोकेट गुरप्रीत कौर, गीतिका अरोड़ा, सुरिंदर पाल भट्टी ने स्थानीय मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा की विकास के प्रति शाही सोच के खिलाफ टिप्पणी करते हुए कहा कि खुद बड़े-बड़े महंगे प्राइवेट स्कूलों, अस्पतालों व मैरिज पैलेसों के मालिक होने के कारण उन्हें इन्हीं चीजों में ही विकास नजर आता है। भाजपा नेताओं ने कहा कि कुछ समय पहले ही खाने-पीने का सामान बेचने वाले रेडी वालों को तंग करके विस्थापित करने वाले मंत्री जी गरीबों की व्यथा क्या जाने। कोर्ट रोड से जबरदस्ती हटाकर रेडी वालों को पुराने सिविल सर्जन दफ्तर वाले गंदे व अस्वस्थ करने वाले स्थान पर जबरदस्ती बिठाया गया, उन सभी को आज 2 जून की रोटी के लाले पड़े हैं।

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लाहौर व यूरोप के देशों की फूड स्ट्रीट के महंगे लजीज भोजन का सपना कोई शाही व्यक्ति ही ले सकता है, आम गरीब तो रेडी से सस्ता खाने-पीने का सामान खरीदता है, जिससे रेडी वाले भी अपने परिवार का पेट भर लेते हैं। चो पार जाकर शहर के बाहर भारी भरकम 6 करोड़ की रकम जनता टैक्सों से आई रकम फूड स्ट्रीट जैसे व्यर्थ प्रोजेक्ट पर खर्चने का कोई औचित्य समझ नहीं आता, वहां पर आने-जाने में भी महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है। पहले भी मंत्री जी सिविल लाइन जैसे महंगी जमीन वाले क्षेत्र में अपनी नई कोठी के सामने सरकारी कोष व्यर्थ करके मैरिज पैलेस का निर्माण करवा चुके हैं, जिसका लाभ अमीरों व बड़े अफसरों को होने वाला है।

इसी तरह गरीबों के लिए 100 साल से ऊपर चल रहे बजवाड़ा के सरकारी स्कूल को तहस-नहस करके प्राइवेट संस्था को मिलिट्री एकेडमी के नाम पर लाभ पहुंचाने का काम भी मंत्री जी अंजाम दे चुके हैं। भाजपा नेताओं ने कहा कि अच्छा होता अगर फूड स्ट्रीट की बजाय यह धनराशि जनता की मांग को पूरा करने वाली धोबीघाट से गोविंद गोधाम गऊशाला वाली सडक़ पर पुल बनाने के लिए खर्च की जाती, जिससे लाखों लोगों को लाभ होता। लजीज व्यंजनों के सपने दिखाने की बजाय सरकार को प्राथमिकता के तौर पर शहर में पीने के पानी की भारी कमी पर सरकारी धन के उपयोग का सोचना चाहिए।

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