भारत के मुख्य चुनाव कमिश्नर की तरफ से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों के साथ वर्चुअल कान्फ्रेंस

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चंडीगढ़, 17 जून: भारतीय चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव कमिश्नर श्री सुशील चंद्र, चुनाव कमिश्नर श्री राजीव कुमार और चुनाव कमिश्नर श्री अनूप चंद्र पांडे के नेतृत्व में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों (सी.ई.ओ) के साथ एक वर्चुअल कान्फ्रेंस की गई। यह कान्फ्रेंस मतदान करवा चुके राज्यों के तजुर्बों का पता लगाने और आने वाले समय में मतदान करवाने जा रहे राज्यों में उचित प्रबंधन करने के मद्देनजर करवाई गई।

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यह कान्फ्रेंस निर्विघ्न, कुशल और आसान वोटर सेवाएं, आई.टी ऐपलीकेशनों का एकीकरण, व्यापक वोटर पहुँच प्रोग्राम, खर्चों की निगरानी और सामर्थ्य बढ़ाने आदि विषयों पर केन्द्रित थी।
हाल ही में पाँच राज्यों में हुये विधान सभा मतदान के बारे बात करते हुये मुख्य चुनाव कमिश्नर (सी.ई.सी.) ने बताया कि महामारी के दौरान इतने बड़े वोटर आधार वाले क्षेत्र में सहजता से मतदान करवा के भारत ने दुनिया के लिए एक सफल मिसाल पेश की है।

मुख्य चुनाव कमिश्नर ने पंजाब समेत मतदान करवाने जा रहे राज्यों से अपील की कि उन राज्यों के तजुर्बों से सीखने की जरूरत है जहाँ हाल ही में मतदान हुये हैं। इस सम्बन्ध में भारतीय चुनाव आयोग की तरफ से अगले साल के शुरू में मतदान करवाने जा रहे राज्यों के सी.ई.ओज. के साथ दो दिवसीय कान्फ्रेंस की जायेगी। इन राज्यों में पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोआ और मणिपुर शामिल हैं। आगामी मतदान वाले राज्यों के साथ दो दिवसीय कान्फ्रेंस से पहले चुनाव आयोग की तरफ से मतदान करवा चुके पाँच राज्यों के साथ एक वर्चुअल कान्फ्रेंस करने की भी सुविधा दी जायेगी।
मुख्य चुनाव कमिश्नर ने शिकायत निवारण प्रणाली सम्बन्धी लम्बित पड़े मुद्दे पर जोर दिया और मुख्य चुनाव अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी शिकायतों का 30 दिनों के अंदर -अंदर निपटारा किया जाये। सभी चुनाव अधिकारियों को वोटरों के लिए बेहद उपयुक्त माहौल बनाने के लिए उचित कदम उठाने और इस सम्बन्ध में आई.टी. एकीकरण और मोबाइल ऐपस को प्रचलित बनाने को यकीनी बनाने के निर्देश भी दिए गए।

मुख्य चुनाव कमिश्नर ने मुख्य चुनाव अधिकारियों को जोर देकर कहा कि गैर-चुनाव काल में भी गतिशीलता कायम रखी जाये। मुख्य चुनाव अधिकारियों को 100 प्रतिशत त्रुटि मुक्त वोटर सूची को यकीनी बनाने के लिए ठोस प्रयास करने और समूची चुनावी प्रक्रिया को निर्विघ्न बनाने के लिए भी कहा गया।
चुनाव कमिश्नर श्री राजीव कुमार ने ई.वी.एम. को लाने-ले जाने और स्टोरेज सम्बन्धी स्टैंडर्ड ओपरेटिंग प्रोसीजरज (एस.ओ.पीज़) और निर्धारित दिशा-निर्देशों की पालना करने के लिए कहा। इस दौरान प्रांतीय आयोगों के लिए भंडारण का अलग प्रबंध और फर्स्ट स्तर चैकिंग (एफ.एल.सी.) में राजनैतिक पार्टियों की शमूलियत जैसे प्रमुख मुद्दों पर जोर दिया गया। श्री राजीव कुमार ने आगे बताया कि ई.वी.एम. वेयरहाऊसों की फिजिकल वेरीफीकेशन डिप्टी कमिश्नर-कम- जिला चुनाव अधिकारियों की तरफ से 1 जुलाई से शुरू कर दी जायेगी।

अपने समाप्ति संबोधन में चुनाव कमिश्नर श्री अनूप चंद्र पांडे ने कहा कि गैर-चुनाव काल के दौरान सी.ई.ओज़ को प्रशिक्षण और सामर्थ्य बढ़ाने, प्रणालीगत वोटर शिक्षा और चुनावी भागीदारी (एस.वी.ई.ई.पी.) और बुनियादी ढांचे के फर्क को दूर करने समेत मजबूती प्रदान करने पर ध्यान देना चाहिए।

पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी डा.एस. करुणा राजू, आई.ए.एस. और अतिरिक्त मुख्य चुनाव अधिकारी श्रीमती माधवी कटारिया, आई.ए.एस. मीटिंग में शामिल हुए।  

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