बिजली के बड़े संकट के मद्देनज़र पंजाब के मुख्यमंत्री ने सरकारी दफ्तरों को सुबह 8 बजे से 2 बजे तक काम करने के दिए आदेश

Chandigarh: Punjab Chief Minister Captain Amarinder Singh addresses a press conference in Chandigarh, on May 23, 2019. (Photo: IANS)

चंडीगढ़(द स्टैलर न्यूज़)। तापमान बढ़ने के मद्देनज़र राज्य को पेश बिजली की अभूतपूर्व कमी को ध्यान में रखते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कल से राज्य सरकार के दफ्तरों का समय घटाने और बिजली की अधिक खपत वाली उद्योग की सप्लाई में तुरंत प्रभाव से कटौती करने के हुक्म दिए हैं जिससे फसलों को बचाने के साथ-साथ घरेलू बिजली सप्लाई में राहत दी जा सके।मुख्यमंत्री ने सभी सरकारी दफ्तरों को अपने-अपने दफ्तरों में बिजली का प्रयोग सभ्यक ढंग के साथ करने की अपील करते हुए बताया कि स्थिति बहुत गंभीर है क्योंकि राज्य में बिजली की माँग 14500 मेगावाट तक पहुँच गई है। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि सरकारी दफ़्तर जो अगले आदेश तक सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक काम करेंगे, में एयर कंडीशनर (ए.सी.) के प्रयोग पर अभी तक पाबंदी लगाने का कोई भी फ़ैसला नहीं लिया है।

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मुख्यमंत्री ने बिजली विभाग के प्रदर्शनकारी कर्मचारियों को अपना संघर्ष ख़त्म करने की अपील करते हुए कहा कि इससे संकट और गहरा गया है और फीडरों और सब-स्टेशनों की ओवरलोडिंग के कारण बिजली आपूर्ति में नुक्स पड़ने की शिकायतों को तेज़ी से निपटाया नहीं जा रहा है।उच्च स्तरीय मीटिंग के दौरान स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने तीन सदस्यीय समिति बनाई जिसमें अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास, पी.एस.पी.सी.एल. के सी.एम.डी. और विशेष सचिव वित्त को शामिल किया गया है। यह समिति प्रदर्शनकारी कर्मचारियों की शिकायतों का हल करेगी। उन्होंने कर्मचारियों को विश्वास दिलाया कि उनकी वाजिब माँगों पर विचार किया जायेगा और बनती कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की ज़्यादातर माँगों जैसे कि कर्मचारियों के एन.पी.एस. हिस्से में वृद्धि करना, उत्पादन भत्ते को बहाल करना आदि को पहले ही मान लिया गया है और राज्य के अलग-अलग बोर्ड /निगमों द्वारा छठे वेतनमान लागू किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों से अपील की कि वह राज्य की कृषि और उद्योगों के साथ-साथ अपने घरेलू उपभोक्ताओं जो कोविड महामारी के दौर में लम्बे बिजली कटों के कारण कठिन समय से गुज़र रहे हैं, के हित में अपना संघर्ष वापस ले लें।इस बात का हवाला देते हुए कि बिजली कटों के कारण किसान धान की फ़सल लगाने का अपना कीमती समय खो रहे हैं, मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि निर्विघ्न बिजली की सप्लाई के लिए कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता देने की ज़रूरत है।उन्होंने राज्य के कृषि, घरेलू और औद्योगिक उपभोक्ताओं को सब्सिडी पर निरंतर बिजली की सप्लाई देने की अपनी सरकार की वचनबद्धता भी दोहराई।

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