कम दरों पर सेवाएं देने के लिए 25 सरकारी अस्पतालों में सार्वजनिक निजी हिस्सेदारी के आधार पर एम.आर.आई. और सी.टी. सैंटर स्थापित किये जाएंगे – बलबीर सिद्धू

चंडीगढ़, 15 जुलाई: एक छत के नीचे एम.आर.आई, सी.टी. और पैथोलोजी के सभी ज़रूरी टैस्टों की सुविधा देने के लिए, पंजाब सरकार ने जरूरतमंद मरीज़ों के लिए 25 सरकारी अस्पतालों में सार्वजनिक निजी हिस्सेदारी के आधार पर केंद्र स्थापित करने का फ़ैसला किया है क्योंकि पंजाब में ऐसीं डायगनौस्टिक सेवाएं ज़्यादातर निजी क्षेत्र में उपलब्ध हैं।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिद्धू ने बताया कि डायगनौस्टिक सेवाएं केंद्र 22 जि़ला अस्पतालों और खन्ना, फगवाड़ा, राजपुरा के 3 सब डिविजऩल अस्पतालों में स्थापित किये जाएंगे। इन सहूलतों की उपलब्धता से लोगों को भारी चार्जिज़ अदा करने के लिए निजी केन्द्रों में नहीं जाना पड़ेगा।

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स. सिद्धू ने स्पष्ट किया कि अन्य सभी टैस्ट जो पहले ही सरकारी लैबाटरियों में मुफ़्त किये जा रहे हैं, जल्द ही उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि लोगों की ज़रूरत की पूर्ति और राज्य भर में निर्धारित रेटों पर सभी टैस्ट मुहैया करवाने के लिए एक प्रक्रिया शुरू की गई है।
प्रोजेक्टों में दी गई भारी छूटों का जि़क्र करते हुये उन्होंने कहा कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश (रेडीओलौजी) समेत अन्य राज्यों में चल रहे ऐसे पी.पी.पी. प्रोजेक्टों की तुलना में पंजाब, अग्रणी राज्यों में से है। हालाँकि, राज्य के पी.पी.पी. प्रोजैक्ट के अंतर्गत  सी.टी. एमआरआई और पैथोलोजीकल सेवाओं की दरें देश में सबसे कम होने की उम्मीद है।
स्वास्थ्य मंत्री ने भरोसा दिया कि किफ़ायती कीमतों पर यह मानक सेवाएं देने की व्यवस्था से राज्य के निवासियों को काफ़ी लाभ मिलेगा।

स. सिद्धू ने बताया कि पंजाब में सिर्फ़ सरकारी मैडीकल कालेज सीटी और एमआरआई की एडवांस रेडीओलौजी सेवाएं प्रदान करते हैं। जि़ला अस्पतालों और सब -डिविजऩल अस्पताल (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधीन) के पास इन उच्च स्तरीय सीटी और एमआरआई सहूलतों की कमी है और सिर्फ़ दो अस्पतालों जि़ला अस्पताल जालंधर और जि़ला अस्पताल फाजिल्का के पास सीटी मशीनें हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पंजाब में ज़्यादातर डायगनौस्टिक सेवाएं निजी क्षेत्र में ही मुहैया हैं। जब कि यह टैस्ट आम जनता की पहुंच से बाहर हैं और राज्य के कुछ चुनिंदा शहरों में ही मुहैया हैं। यह प्रोजैक्ट मार्केट की खोज और समीक्षा पर आधारित है जिसका लक्ष्य आम लोगों को किफ़ायती कीमतों पर डायगनौस्टिक सेवाएं मुहैया करवाना है।
प्रमुख सचिव श्री हुसन लाल ने कहा कि अन्य राज्य के इसी तरह के प्रोजेक्टों से जानकारी लेते हुये यह सामने आया कि पी.पी.पी. मोड के द्वारा रेडियो डायगनौस्टिक सेवाओं के लक्ष्य को हासिल करने की सबसे प्रभावशाली विधि है।
उन्होंने कहा कि इस प्रोजैक्ट का मंतव्य सभी जि़ला अस्पतालों और तीन सब डिविजऩल अस्पतालों में मज़बूत रेडियो डायगनौस्टिक प्रणाली को स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि 25 अस्पतालों को छह कलस्टरों में बांटा जायेगा और हर कलस्टर के एक अस्पताल में एक एम.आर.आई. और सी.टी. सैंटर और अन्य अस्पतालों में केवल सी.टी. सुविधा की ही सेवा मुहैया होगी।

श्री हुसन लाल ने आगे कहा कि इस प्रोजैकट के द्वारा सी.जी.एच.एस. कीमतों पर 36 प्रतिशत से 48 प्रतिशत छूट दी जायेगी और पंजाब निवासी अब रेडियो डायगनौस्टिक सेवाओं पर सबसे ज़्यादा सब्सिडी हासिल करने के योग्य होंगे।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि पंजाब सरकार चुनिंदा प्राईवेट पार्टनरों के द्वारा रेडीयोलौजी और पैथोलोजी प्रोजेक्टों के अंतर्गत अति नवीनतम और आधुनिक मशीनरी मुहैया करवाना यकीनी बनाऐगी।
उन्होंने आगे बताया कि निजी क्षेत्र की कारगुज़ारी पर निगरानी रखने के लिए सार्वजनिक निजी हिस्सेदारी के आधार पर एक मज़बूत प्रणाली स्थापित की गई है जिससे मानक स्वास्थ्य सेवाओं को यकीनी बनाया जा सके।

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