होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। योग साधन आश्रम मॉडल टाउन में मनाए जा रहे गुरु पूर्णिमा महोत्सव के दूसरे दिन श्रद्धालुओं ने योग साधन करके लोगों को योग द्वारा निरोग रहने का संदेश दिया | इस मौके पर आश्रम के आचार्य चंद्रमोहन अरोड़ा ने कहां की प्रभु रामलाल जी ने हमें योग की जो विद्या दी है उसको स्वामी मुलख राज जी तथा सदगुरुदेव चमन लाल जी महाराज ने जन जन तक पहुंचा | उन्होंने कहा कि योग युक्त सुखी जीवन के लिए गुरु की प्राप्ति अति आवश्यक है| गुरु विहीन व्यक्ति भटकता रहता है तथा किसी आध्यात्मिक लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाता | पुस्तक पढ़कर प्राप्त ज्ञान से कम लाभ होता है | इससे जीव में अहंकार आ जाता है | रावण चारों वेदों का ज्ञाता था | परंतु उसका कोई गुरु नहीं था | वह खुद जो निर्णय लेता था उसी को ही सर्वोपरि मानता था | मन के निर्णय प्राय गलत मार्गदर्शन करने वाले होते हैं| इतना ज्ञान होते हुए भी रावण से पर स्त्री को छल कपट से अपहरण जैसे कई पाप हो गए| क्योंकि उसे अपने ज्ञान का घमंड था | फलस्वरूप वे स्वयं भी मारा गया और उसका देश भी विनाश को प्राप्त हुआ |
गुरु अपने शिष्य की रक्षा करते रहते हैं | जो शिष्य गुरु से प्यार करते हैं उनकी कभी भी दुर्गति नहीं होती | अर्जुन श्री कृष्ण का प्रिय शिष्य था | बिना शस्त्र के भी उन्होंने अर्जुन की रक्षा की तथा युद्ध में कदम कदम पर ज्ञान देकर उसे विजय दिलाई | गुरु जब शिष्य को प्रेम करते हैं तो वे शिष्य का सांसारिक जीवन सुखमय बना देते हैं तथा आध्यात्मिक जीवन में उसकी आत्मा का भी उत्थान करते हैं | गुरु की शरण में शिष्य निश्चिंत जीवन व्यतीत करता है | शिष्य को गुरु की हर आज्ञा का पालन करना चाहिए तथा उसकी शिक्षाओं पर चलना चाहिए | गुरु में दोष देखने वाले शिष्य का कभी कल्याण नहीं होता | हमें गुरु और योग की निंदा नहीं सुननी चाहिए | अपितु निंदक से दूर रहना चाहिए |