सत्ता में भागीदारी के बिना नहीं होगा पिछड़ी जातियों का उत्थान: सरवण सिंह

होशियारपुर ( द स्टैलर न्यूज़): पंजाब में बहुगिणती पिछड़ी श्रेणियों के लिए आयोग का सवैधानिक दर्जा तक न होना इस बात को दर्शाता है कि पंजाब के नेता पिछड़ी श्रेणियो के लिए कभी भी गंभीर नहीं रहे हैं। अगर पिछड़ी श्रेणियां अभी भी न जागीं, तो उन का असतित्व तक खतरे में पड़ जाएगा। उपरोक्त शब्द पंजाब प्रजापति सभा (रजि.) के प्रदेशाध्यक्ष सरवण सिंह डब ने आज होशियारपुर में प्रजापति समाज की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहे। बैठक को संबोधित करते हुए सरवण सिंह डब ने कहा कि पंजाब की सत्ता में एक विशेष वर्ग ने कब्जा कर रखा है, जिस कारण उन्हे पिछड़ी श्रेणियों के हित दिखाई ही नहीं दे रहे। उन्होने कहा कि पिछड़ी श्रेणियो के लोगों की एकता एवं अपनी बिरादरी के प्रति संजीदगी होने के कारण आज राजनीतिक पार्टियों को मुख्यमंत्री या उप मुख्यमंत्री  पिछड़ी श्रेणियो से बनाने की घोषणा करनी पड़ी। इस मौके पर यूथ डिवैलपमैंट बोर्ड पंजाब के पूर्व चेयरमैन संजीव तलवाड़ ने कहा कि पिछड़ी श्रेणियो को अपने अधिकारों के लिए एक मंच पर एकत्रित होना होगा।

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उन्होने कहा कि सत्ता में भागीदारी लिए बिना पिछड़ी श्रेणियों का उत्त्थान संभव नहीं है। संजीव तलवाड़ ने कहा कि  आज समय है कि हम अपने निजी स्र्वाथों को छोड़ पिछड़ी श्रेणियो के उत्थान के लिए उन राजनीतिक पार्टियों के साथ चलें, जो जातिगत गणना के आधार पर  हमें हमारा अधिकार दें। बैठक को संबोधित  करते हुए पिछड़ी श्रेणी आयोग के सदस्य लक्खा सिंह ने कहा कि समाज की एकजुटता ही हमें अपनी मंजिल तक पहुंचा सकती है। उन्होने कहा कि हमें किसी की दया या रहम पर न रहना पड़े, इस के लिए हमें अपनी ताकत को पहचानते हुए आगे बढऩा होगा।बैठक में चेयरमैन शिवदेव सिंह, बलविंदर सिंह सरींह ने भी  अपने विचार रखे। इस मौके पर अशोक मल्ली, कमल जहान खेलां, रमित देओल, सुनाल कुमार, विजय कुमार, अमृत लाल, रंजीव तलवाड़, सरबजीत भोपला व प्रजापति समाज के अन्य प्रमुख लोग भी उपस्थित थे।

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