व्यवहार में हिंदी को काम में लाना देश की उन्नति के लिए आवश्यक: राजेश सिंह

दातारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। हिंदी भाषा भारत  की अधिकतर  जनता के लिए सुगम है। आज हिंदी दिवस के असवर पर सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल कमाही देवी में समारोह में प्रिन्सिपल  राजेश सिंह ने उक्त चर्चा की उन्होंने कहा इसकी लिपि व शब्दावली प्रत्येक क्षेत्र के लिए उपयोगी तथा अनुकरणीय है। उन्होंने कहा संस्कृत भाषा के शब्द प्राय: सभी भारतीय भाषाओं में मिलते हैं। अत: हिंदी की प्रकृति संस्कृत के अधिक समीप है। इसमें ज्ञान, विज्ञान, अध्ययन आदि सभी विषयों को व्यक्त करने की क्षमता है। उन्होंने कहा  हिंदी भाषा का प्रचार न केवल भारत बल्कि विदेशों में भी इसका अधिक प्रचार हो रहा है। कई  विदेशी विश्वविद्यालयों ने हिंदी को अपने पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया है। इस प्रकार यह भाषा न केवल प्रदेशों को, बल्कि अन्य देशों को एक-दूसरे से जोड़ती है। भारत की सबसे बड़ी विशेषता यहां की धर्मिक व सांस्कृतिक परंपराएं हैं। यहां के लोग तीर्थ यात्रा के लिए सारे देश से समान रूप से जाते हैं। यह भावना सांस्कृतिक एकता को सुदृढ़ करती है।

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उन्होंने कहा हिंदी ने प्रगति करके वैज्ञानिक तत्वों को भी ग्रहण कर लिया है। आधुनिक विज्ञान की शब्दावली हिंदी में बन गई है। यह लिपि सर्वाधिक प्रभावशाली व वैज्ञानिक है। भारत में प्रत्येक प्रांत की बोलियां भिन्न हैं। इन सबको जोडऩे वाली हिंदी ही एकमात्र ऐसी भाषा है जो करोड़ों लोगों को एक सूत्र में पिरोए है। उन्होंने कहा  हिंदी भाषा इस प्रकार पूरे राष्ट्र को एक बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण योगदान कर रही है। 14 सितंबर 1949 से हिंदी हमारे देश की राष्ट्र भाषा बनी। तब से यह दिन राष्ट्र भाषा दिवस या हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। इस अवसर पर हिंदी के अध्यापक सोहन सिंह तथा रेखा देवी को सम्मानित किया गया इस अवसर पर अरविन्द गौतम ,जगजीत सिंह ,सुमन बाला ,नीना शर्मा ,एकता रानी ,राजेश कुमार तथा स्टाफ सदस्य उपस्थित थे

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